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IAS मनीषा की तरह ही रुद्रप्रयाग से 5 महीने में हटाई गईं वंदना, ये है वजह

रुद्रप्रयाग महिला जिलाधिकारी के रूप में वंदना सिंह भले ही तीसरी जिलाधिकारी रही हैं, मगर ऐसे वह दूसरी जिलाधिकारी हैं जिनका करीब 5 महीने के कार्यकाल में ही तबादला कर दिया गया है.

dm vandana
वंदना
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Published : Nov 6, 2020, 6:53 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में महिला जिलाधिकारी के रूप में वंदना सिंह भले ही तीसरी जिलाधिकारी रही हैं, मगर ऐसे वह दूसरी जिलाधिकारी हैं जिनका करीब 5 महीने के कार्यकाल में ही तबादला कर दिया गया है. इससे पहले मनीषा पंवार ने भी 5 महीने जिलाधिकारी के रूप में रुद्रप्रयाग जिले में सेवाएं दी हैं. अब फिर से रुद्रप्रयाग को 23 सालों में ही 25वें जिलाधिकारी का इंतजार है.

16 सितंबर 1997 में रुद्रप्रयाग जनपद अस्तित्व में आया. पहले जिलाधिकारी के रूप में भुवनेश्वर सिंह ने 29 सितम्बर 1997 को कार्यभार ग्रहण किया. इसके बाद 17 अक्टूबर 1997 को मनीषा पंवार पहली महिला जिलाधिकारी के रूप में रुद्रप्रयाग पहुंचीं. करीब 5 महीने सेवा देने के बाद उनका 25 फरवरी 1998 को तबादला हो गया.

रुद्रप्रयाग जिले में दूसरी महिला जिलाधिकारी रंजना वर्मा ने 7 दिसंबर 2016 को जिले में कार्यभार ग्रहण किया. करीब एक साल से कम समय में ही वह 16 मई 2017 को स्थानांतरित होकर कुमाऊं मंडल चली गईं. फिर 24 मई 2020 को वर्ष 2013 बैच की युवा जिलाधिकारी वंदना सिंह जिले में तीसरी महिला जिलाधिकारी के रूप में पहुंचीं, मगर 5 महीने 13 दिन में ही उनका तबादला शासन में कर दिया गया है.

पढ़ें: राज्य स्थापना दिवस से पहले स्वास्थ्य विभाग के मुंह पर तमाचा, गर्भवती की अस्पताल ले जाते समय मौत

माना जा रहा है कि जल जीवन मिशन में गैरहाजिरी के कारण रुद्रप्रयाग डीएम वंदना को हटाए गया है. योजना के ठीक से क्रियान्वयन न होने के चलते ये एक्शन लिया गया है. हालांकि, वजह जो भी हो, लेकिन जिलाधिकारी को जल्द ही हटाने से जिले का विकास प्रभावित हो रहा है. ये भी बता दें कि वंदना सिंह के साथ ही मनीषा पंवार से भी उद्योग विभाग हटा दिया गया है. मनीषा पंवार के पास अबतक अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग का भी चार्ज था जो कि ले लिया गया है.

रुद्रप्रयाग: जिले में महिला जिलाधिकारी के रूप में वंदना सिंह भले ही तीसरी जिलाधिकारी रही हैं, मगर ऐसे वह दूसरी जिलाधिकारी हैं जिनका करीब 5 महीने के कार्यकाल में ही तबादला कर दिया गया है. इससे पहले मनीषा पंवार ने भी 5 महीने जिलाधिकारी के रूप में रुद्रप्रयाग जिले में सेवाएं दी हैं. अब फिर से रुद्रप्रयाग को 23 सालों में ही 25वें जिलाधिकारी का इंतजार है.

16 सितंबर 1997 में रुद्रप्रयाग जनपद अस्तित्व में आया. पहले जिलाधिकारी के रूप में भुवनेश्वर सिंह ने 29 सितम्बर 1997 को कार्यभार ग्रहण किया. इसके बाद 17 अक्टूबर 1997 को मनीषा पंवार पहली महिला जिलाधिकारी के रूप में रुद्रप्रयाग पहुंचीं. करीब 5 महीने सेवा देने के बाद उनका 25 फरवरी 1998 को तबादला हो गया.

रुद्रप्रयाग जिले में दूसरी महिला जिलाधिकारी रंजना वर्मा ने 7 दिसंबर 2016 को जिले में कार्यभार ग्रहण किया. करीब एक साल से कम समय में ही वह 16 मई 2017 को स्थानांतरित होकर कुमाऊं मंडल चली गईं. फिर 24 मई 2020 को वर्ष 2013 बैच की युवा जिलाधिकारी वंदना सिंह जिले में तीसरी महिला जिलाधिकारी के रूप में पहुंचीं, मगर 5 महीने 13 दिन में ही उनका तबादला शासन में कर दिया गया है.

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माना जा रहा है कि जल जीवन मिशन में गैरहाजिरी के कारण रुद्रप्रयाग डीएम वंदना को हटाए गया है. योजना के ठीक से क्रियान्वयन न होने के चलते ये एक्शन लिया गया है. हालांकि, वजह जो भी हो, लेकिन जिलाधिकारी को जल्द ही हटाने से जिले का विकास प्रभावित हो रहा है. ये भी बता दें कि वंदना सिंह के साथ ही मनीषा पंवार से भी उद्योग विभाग हटा दिया गया है. मनीषा पंवार के पास अबतक अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग का भी चार्ज था जो कि ले लिया गया है.

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