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डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों ने की रोजगार देने की मांग, संगठन का किया गठन - डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों मांग

डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने संस्थानों के बंद करने का फरमान वापस नहीं लिया तो युवाओं को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

Diploma holder Ayurvedic pharmacist
डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट
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Published : Nov 1, 2020, 7:48 PM IST

रुद्रप्रयाग: डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट और पंचकर्म सहायक संगठन की संयुक्त बैठक रविवार को रुद्रप्रयाग में आहुत की गई. जिसमें संगठन का गठन करते हुए विभिन्न युवाओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई. साथ ही अनेक प्रस्ताव पारित किए गए. डिप्लोमाधारी लवीश राणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संगठन का गठन करते हुए अध्यक्ष पद पर सुदीप राणा, उपाध्यक्ष रोहित जमलोकी, सचिव गणेश वर्मा, सह सचिव अंकित राणा, कोषाध्यक्ष संजय मनराल को चुना गया. बैठक में संगठन के नव नियुक्त अध्यक्ष सुदीप राणा ने कहा कि सभी डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट और पंचकर्म युवाओं ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, उसका निर्वहन वे निष्ठा, लगन और पूरी ईमानदारी से करेंगे.

पढ़ें- देहरादून: उत्कृष्ट कार्य करने वाले चार शिक्षकों को मिला भक्त दर्शन सम्मान

बैठक में डिप्लोमाधारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार जिले में संचालित संस्थानों को बंद करने का फरमान जारी कर यहां के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, जबकि राज्य सरकार को प्रदेशभर में संचालित संस्थानों को और अधिक बेहतर ढंग से संचालित करने के प्रयास करने चाहिए. जिससे अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ा जा सके. वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार ने संस्थानों के बंद करने का फरमान वापस नहीं लिया तो युवाओं को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

वक्ताओं ने कहा कि हर्बल कम्पनियों में आयुर्वेदिक फार्मसिस्टों की नियुक्ति किये जाने से युवाओं के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. प्रदेश सरकार हमेशा डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मसिस्ट और पंचकर्म के युवाओं के साथ हमेशा खिलवाड़ कर रही है. जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

रुद्रप्रयाग: डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट और पंचकर्म सहायक संगठन की संयुक्त बैठक रविवार को रुद्रप्रयाग में आहुत की गई. जिसमें संगठन का गठन करते हुए विभिन्न युवाओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई. साथ ही अनेक प्रस्ताव पारित किए गए. डिप्लोमाधारी लवीश राणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संगठन का गठन करते हुए अध्यक्ष पद पर सुदीप राणा, उपाध्यक्ष रोहित जमलोकी, सचिव गणेश वर्मा, सह सचिव अंकित राणा, कोषाध्यक्ष संजय मनराल को चुना गया. बैठक में संगठन के नव नियुक्त अध्यक्ष सुदीप राणा ने कहा कि सभी डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट और पंचकर्म युवाओं ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, उसका निर्वहन वे निष्ठा, लगन और पूरी ईमानदारी से करेंगे.

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बैठक में डिप्लोमाधारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार जिले में संचालित संस्थानों को बंद करने का फरमान जारी कर यहां के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, जबकि राज्य सरकार को प्रदेशभर में संचालित संस्थानों को और अधिक बेहतर ढंग से संचालित करने के प्रयास करने चाहिए. जिससे अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ा जा सके. वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार ने संस्थानों के बंद करने का फरमान वापस नहीं लिया तो युवाओं को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

वक्ताओं ने कहा कि हर्बल कम्पनियों में आयुर्वेदिक फार्मसिस्टों की नियुक्ति किये जाने से युवाओं के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. प्रदेश सरकार हमेशा डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मसिस्ट और पंचकर्म के युवाओं के साथ हमेशा खिलवाड़ कर रही है. जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

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