रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में इन दिनों बारिश ने कहर बरपा रखा है. सबसे ज्यादा चुनौतियां का सामना चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को करना पड़ रहा है. चारधाम यात्रा मार्ग पर जगह लैंडस्लाइड हो रहा है. वहीं, केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग की डगर और मुश्किल हो गई है. बरसाती गदेरों के उफान पर आने से केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चलना मतलब जान जोखिम में डालना जैसे हो गया है. हालांकि, आस्था के चलते श्रद्धालुओं को ये डगर भी आसान लग रही है लेकिन यहां सवाल खड़ा हो रहा है कि ऐसी स्थिति से प्रशासन कैसे बेखबर है?
बारिश की वजह से केदारनाथ धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्री इन दिनों पैदल मार्ग से ही बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. बारिश होने के कारण हेली सेवाएं बंद हैं. ऐसे में पैदल मार्ग से पहुंच रहे यात्रियों को रास्ते में बारिश और बरसाती गदेरों का सामना करना पड़ रहा है. कई स्थानों पर तो बरसाती गदेरे उफान पर बह रहे हैं. इन गदेरों को पार करने में यात्रियों को जान जोखिम में डालनी पड़ रही है. घोड़े-खच्चर भी इन गदेरों को पार करने से कतरा रहे हैं, लेकिन घोड़े-खच्चरों को धकेलकर जबरन आवाजाही कराई जा रही है.
पहाड़ी से पूरे रफ्तार के साथ गिर रहे झरने को पार करना आसान नहीं है. यहां पर थोड़ी सी लापरवाही किसी भी श्रद्धालुओं के जीवन पर भारी पड़ सकती है. वहीं, रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल का कहना है कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर बरसाती सीजन में दो से तीन स्थानों पर दिक्कतें होती हैं. बरसाती गदेरों के उफान में आने से कुछ समय के लिये यात्रा रोक दी जाती है और स्थिति सामान्य होने पर आवाजाही शुरू की जाती है. उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर एसडीआरएफ, पुलिस और डीडीआरएफ की टीमें तैनात हैं, जो हर समय श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुस्तैद रहती है.
इसके साथ ही बारिश और भूस्खलन की घटनाएं इन दिनों श्रद्धालुओं की परीक्षा ले रही हैं. केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन का दौर जारी है. केदारनाथ हाईवे पर फाटा के निकट पहाड़ी दरकने से हाईवे किनारे दो कारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं. गनीमत रही कि पहाड़ी टूटते समय इन वाहनों में कोई सवार नहीं था. यदि वाहनों में कोई सवार होता तो बड़ी घटना घट सकती थी.