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मां राज राजेश्वरी और बाणासुर की देव डोलियों का श्रद्धालुओं ने किया भव्य स्वागत, पूजा कर मांगी मनौती - Maa Bhagwati Raj Rajeshwari Doli Yatra

Maa Raj Rajeshwari Doli Yatra मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की देव डोलियों का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने डोलियों की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की. वहीं इस यात्रा का आयोजन 26 वर्षों बाद किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 3, 2023, 6:58 AM IST

रुद्रप्रयाग: विश्वनाथ नगरी गुप्तकाशी के निकटवर्ती ग्राम पंचायत लमगौंडी (शोणितपुर) के ग्रामीणों की आराध्य देवी मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की देव डोलियों का श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया. वहीं 26 वर्षों बाद यात्रा का आयोजित किया जा रहा है. डोली यात्रा सिद्धपीठ कालीमठ से विदा होकर दो दिवसीय रात्रि प्रवास के लिए मोक्ष धाम बदरी नारायण के लिए रवाना हो गयी है. इस दौरान यात्रा ने भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर सहित विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया. दिवारा यात्रा के ऊखीमठ क्षेत्र आगमन पर ग्रामीणों ने भव्य स्वागत कर मनौती मांगी.

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मां राज राजेश्वरी और बाणासुर की देव डोलियों का श्रद्धालुओं ने किया भव्य स्वागत

भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की दिवारा यात्रा बदरीकाश्रम पहुंचकर बदरीका पुरी में विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने के बाद आगामी चार सितम्बर को गुप्तकाशी पहुंचेगी. वहीं पांच सितम्बर को गुप्तकाशी से रवाना होकर मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की तपस्थली लमगौंडी पहुंचेगी, छः सितम्बर को हवन व विशाल भण्डारे के साथ दिवारा यात्रा का समापन होगा. जिसके बाद मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो जाएंगे.

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लोगों ने पूजा कर मांगी मनौती
पढ़ें-नाग पंचमी पर 'शेषनाग' के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, देव डोलियों का हुआ अनूठा मिलन

सिद्धपीठ कालीमठ में ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें संपंन की तथा तैतीस कोटि देवी-देवताओं के साथ मां भगवती काली, मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज का आह्वान कर आरती उतारी तथा श्रद्धालुओं ने भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की डोलियों सहित अनेक देवी-देवताओं के निशाणों का भव्य श्रृंगार किया. जिसके बाद मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की दिवारा यात्रा काली क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना हुई.

दिवारा यात्रा के चुन्नी गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया, लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. यात्रा के भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर पहुंचने पर प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण, वेदपाठी विश्व मोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, राजीव गैरोला सहित स्थानीय जनता ने वेद ऋचाओं से भव्य स्वागत किया.

पढ़ें-धर्म कर्म: देवभूमि के इस गांव में पूजे जाते हैं राक्षसराज बाणासुर, बदरी केदार दर्शन को निकली राजा बलि के बेटे की डोली

दिवारा यात्रा ने ग्रामीणों की कुशलक्षेम पूछी तथा मोक्ष धाम बदरीनाथ के लिए रवाना हो गयी. दिवारा यात्रा समिति अध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रकाश शुक्ला ने बताया कि मां भगवती राज राजेश्वरी एवं वाणासुर महाराज की 26 वर्षों बाद आयोजित दिवारा यात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.

रुद्रप्रयाग: विश्वनाथ नगरी गुप्तकाशी के निकटवर्ती ग्राम पंचायत लमगौंडी (शोणितपुर) के ग्रामीणों की आराध्य देवी मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की देव डोलियों का श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया. वहीं 26 वर्षों बाद यात्रा का आयोजित किया जा रहा है. डोली यात्रा सिद्धपीठ कालीमठ से विदा होकर दो दिवसीय रात्रि प्रवास के लिए मोक्ष धाम बदरी नारायण के लिए रवाना हो गयी है. इस दौरान यात्रा ने भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर सहित विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया. दिवारा यात्रा के ऊखीमठ क्षेत्र आगमन पर ग्रामीणों ने भव्य स्वागत कर मनौती मांगी.

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मां राज राजेश्वरी और बाणासुर की देव डोलियों का श्रद्धालुओं ने किया भव्य स्वागत

भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की दिवारा यात्रा बदरीकाश्रम पहुंचकर बदरीका पुरी में विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने के बाद आगामी चार सितम्बर को गुप्तकाशी पहुंचेगी. वहीं पांच सितम्बर को गुप्तकाशी से रवाना होकर मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की तपस्थली लमगौंडी पहुंचेगी, छः सितम्बर को हवन व विशाल भण्डारे के साथ दिवारा यात्रा का समापन होगा. जिसके बाद मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो जाएंगे.

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लोगों ने पूजा कर मांगी मनौती
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सिद्धपीठ कालीमठ में ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें संपंन की तथा तैतीस कोटि देवी-देवताओं के साथ मां भगवती काली, मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज का आह्वान कर आरती उतारी तथा श्रद्धालुओं ने भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की डोलियों सहित अनेक देवी-देवताओं के निशाणों का भव्य श्रृंगार किया. जिसके बाद मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की दिवारा यात्रा काली क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना हुई.

दिवारा यात्रा के चुन्नी गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया, लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. यात्रा के भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर पहुंचने पर प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण, वेदपाठी विश्व मोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, राजीव गैरोला सहित स्थानीय जनता ने वेद ऋचाओं से भव्य स्वागत किया.

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दिवारा यात्रा ने ग्रामीणों की कुशलक्षेम पूछी तथा मोक्ष धाम बदरीनाथ के लिए रवाना हो गयी. दिवारा यात्रा समिति अध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रकाश शुक्ला ने बताया कि मां भगवती राज राजेश्वरी एवं वाणासुर महाराज की 26 वर्षों बाद आयोजित दिवारा यात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.

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