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दूसरे दिन भी जारी रहा ठेकेदार संघ का धरना-प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - रुद्रप्रयाग जल निगम

विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी ठेकेदार संघ का धरना प्रदर्शन जारी है. ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर उनकी सभी मांगें नही पूरी गईं, तो वो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

Rudraprayag
ठेकेदार संघ का धरना प्रदर्शन
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Published : Oct 17, 2020, 2:31 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में ठेकेदार संघ का जल निगम कार्यालय परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा. ठेकेदारों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, ठेकेदारों ने जल निगम के अधिशासी अभियंता को ज्ञापन देकर मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की.


दरअसल, ठेकेदार संघ निर्माणदायी विभागों के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. सबसे पहला आंदोलन 5 अक्टूबर से शुरू हुआ था, जोकि लोनिवि कार्यालय पर दिया गया था. दूसरे दिन धरना प्रदर्शन कर रहे ठेकेदारों का कहना है कि ठेकेदारों को रजिस्ट्रेशन करवाना करवाने के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता है. ऐसे में पेयजल निगम में ही D श्रेणी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की व्यवस्था रुद्रप्रयाग शाखा में ही करवाई जाए.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार: गंगनहर के बंद होने से श्रद्धालु मायूस, प्रशासन से की पर्याप्त जल छोड़ने की मांग

वहीं, ठेकेदारों कहना है कि पेयजल निगम रुद्रप्रयाग से संबंधित सभी निविदाएं D श्रेणी में ही लगाई जाएं और अनुबंध की धनराशि 10 प्रतिशत के बजाय 5 प्रतिशत तय की जाए. इसके अलावा 5 प्रतिशत धनराशि ठेकेदरों के देयकों से काटी जाए. ऐसे में छोटे ठेकेदारों को आर्थिक संकट से नहीं जूझना पड़ेगा. साथ ही अन्य विभागों की भांति पेयजल निगम अंतर्गत किसी योजना या निर्माण कार्य पर दो ही निविदाएं पड़ने पर निविदा को मान्य माना जाय. वहीं, ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो ठेकेदार संघ उग्र आंदोलन के लिए विवश होगा.

रुद्रप्रयाग: जिले में ठेकेदार संघ का जल निगम कार्यालय परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा. ठेकेदारों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, ठेकेदारों ने जल निगम के अधिशासी अभियंता को ज्ञापन देकर मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की.


दरअसल, ठेकेदार संघ निर्माणदायी विभागों के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. सबसे पहला आंदोलन 5 अक्टूबर से शुरू हुआ था, जोकि लोनिवि कार्यालय पर दिया गया था. दूसरे दिन धरना प्रदर्शन कर रहे ठेकेदारों का कहना है कि ठेकेदारों को रजिस्ट्रेशन करवाना करवाने के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता है. ऐसे में पेयजल निगम में ही D श्रेणी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की व्यवस्था रुद्रप्रयाग शाखा में ही करवाई जाए.

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वहीं, ठेकेदारों कहना है कि पेयजल निगम रुद्रप्रयाग से संबंधित सभी निविदाएं D श्रेणी में ही लगाई जाएं और अनुबंध की धनराशि 10 प्रतिशत के बजाय 5 प्रतिशत तय की जाए. इसके अलावा 5 प्रतिशत धनराशि ठेकेदरों के देयकों से काटी जाए. ऐसे में छोटे ठेकेदारों को आर्थिक संकट से नहीं जूझना पड़ेगा. साथ ही अन्य विभागों की भांति पेयजल निगम अंतर्गत किसी योजना या निर्माण कार्य पर दो ही निविदाएं पड़ने पर निविदा को मान्य माना जाय. वहीं, ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो ठेकेदार संघ उग्र आंदोलन के लिए विवश होगा.

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