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धर्म कर्म: देवभूमि के इस गांव में पूजे जाते हैं राक्षसराज बाणासुर, बदरी केदार दर्शन को निकली राजा बलि के बेटे की डोली

Story of Banasura उत्तराखंड अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है तो यहां के त्योहार, मेले और पूजा पद्धतियां भी अद्भुत हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देवभूमि में दानव राज बलि के पुत्र की पूजा होती है. राजा बलि के पुत्र बाणासुर की डोली इन दिनों केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर है. क्या है ये मान्यता, पढ़िए इस खबर में. Worship of Banasura

Story of Banasura
रुद्रप्रयाग समाचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 25, 2023, 12:29 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 1:30 PM IST

उत्तराखंड के इस गांव में बाणासुर को पूजा जाता है.

रुद्रप्रयाग: महान दानी और असुरों के राजा बलि के पुत्र को बाणासुर दानव के रूप में जाना जाता है. लेकिन केदारघाटी के लमगोंडी गांव में बाणासुर को भूमि के देवता के रूप में पूजा जाता है. केदारघाटी का लमगोंडी गांव केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का गांव है. यहां के ग्रामीण बाणासुर की नित्य पूजा अर्चना करते हैं. इस बार बाणासुर की डोली ग्रामीणों के साथ केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा पर निकली है. बाणासुर की डोली 28 अगस्त को केदारनाथ धाम पहुंचेगी और केदारनाथ के दर्शन के बाद बदरीनाथ जायेगी.

दानवराज बाणासुर की डोली यात्रा: बाणासुर को हम सभी राक्षस के रूप में जानते हैं. बाणासुर राक्षसों के राजा हुआ करते थे. हालांकि यह भी कहा जाता है कि बाणासुर ज्ञानी होने के साथ ही महान शिव भक्त भी थे. इन्होंने कई वर्षों तक भगवान शिव की तपस्या की थी. मान्यता है की केदारघाटी के लमगोंडी क्षेत्र को उस समय शोणितपुर के रूप में जाना जाता था. इस क्षेत्र को बाणासुर ने अपनी राजधानी बनाया था. साथ ही शिव भक्त होने के कारण उन्होंने यहां कई वर्षों तक भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी.

Worship of Banasura
बदरी केदार दर्शन को निकली बाणासुर की डोली

लमगोंडी गांव में होती है बाणासुर की पूजा: अब लमगोंडी गांव में केदारनाथ के कुछ तीर्थ पुरोहित निवास करते हैं. यह बाणासुर की अपने भूमि के देवता के रूप में पूजा करते हैं. उत्तराखंड का ये पहला गांव होगा, जहां राक्षस कुल में जन्मे किसी व्यक्ति की पूजा होती होगी. हालांकि लमगोड़ी के ग्रामीणों का कहना कि बाणासुर राक्षस कुल में जरूर जन्मे थे, लेकिन वह महान ज्ञानी और शिव भक्त भी थे.

बदरी केदार यात्रा पर निकली बाणासुर की डोली: इन दिनों लमगोंडी गांव के भूमि के देवता बाणासुर केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर निकले हैं. आजकल बाणासुर की देव डोली आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर आशीष दे रही है. 28 अगस्त को बाणासुर की यात्रा हजारों भक्तों के साथ केदारनाथ पहुंचेगी. केदारनाथ दर्शन के बाद बाणासुर की डोली बदरीनाथ की यात्रा पर निकलेगी. बाणासुर की डोली इन दिनों खेत खलिहानों में खूब नृत्य कर रही है. भक्त भी बाणासुर की यात्रा का पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Legendary Heritage: श्रीकृष्ण के पोते और बाणासुर की बेटी का यहां हुआ था विवाह, अब होगा जीर्णोद्धार

उत्तराखंड के इस गांव में बाणासुर को पूजा जाता है.

रुद्रप्रयाग: महान दानी और असुरों के राजा बलि के पुत्र को बाणासुर दानव के रूप में जाना जाता है. लेकिन केदारघाटी के लमगोंडी गांव में बाणासुर को भूमि के देवता के रूप में पूजा जाता है. केदारघाटी का लमगोंडी गांव केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का गांव है. यहां के ग्रामीण बाणासुर की नित्य पूजा अर्चना करते हैं. इस बार बाणासुर की डोली ग्रामीणों के साथ केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा पर निकली है. बाणासुर की डोली 28 अगस्त को केदारनाथ धाम पहुंचेगी और केदारनाथ के दर्शन के बाद बदरीनाथ जायेगी.

दानवराज बाणासुर की डोली यात्रा: बाणासुर को हम सभी राक्षस के रूप में जानते हैं. बाणासुर राक्षसों के राजा हुआ करते थे. हालांकि यह भी कहा जाता है कि बाणासुर ज्ञानी होने के साथ ही महान शिव भक्त भी थे. इन्होंने कई वर्षों तक भगवान शिव की तपस्या की थी. मान्यता है की केदारघाटी के लमगोंडी क्षेत्र को उस समय शोणितपुर के रूप में जाना जाता था. इस क्षेत्र को बाणासुर ने अपनी राजधानी बनाया था. साथ ही शिव भक्त होने के कारण उन्होंने यहां कई वर्षों तक भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी.

Worship of Banasura
बदरी केदार दर्शन को निकली बाणासुर की डोली

लमगोंडी गांव में होती है बाणासुर की पूजा: अब लमगोंडी गांव में केदारनाथ के कुछ तीर्थ पुरोहित निवास करते हैं. यह बाणासुर की अपने भूमि के देवता के रूप में पूजा करते हैं. उत्तराखंड का ये पहला गांव होगा, जहां राक्षस कुल में जन्मे किसी व्यक्ति की पूजा होती होगी. हालांकि लमगोड़ी के ग्रामीणों का कहना कि बाणासुर राक्षस कुल में जरूर जन्मे थे, लेकिन वह महान ज्ञानी और शिव भक्त भी थे.

बदरी केदार यात्रा पर निकली बाणासुर की डोली: इन दिनों लमगोंडी गांव के भूमि के देवता बाणासुर केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर निकले हैं. आजकल बाणासुर की देव डोली आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर आशीष दे रही है. 28 अगस्त को बाणासुर की यात्रा हजारों भक्तों के साथ केदारनाथ पहुंचेगी. केदारनाथ दर्शन के बाद बाणासुर की डोली बदरीनाथ की यात्रा पर निकलेगी. बाणासुर की डोली इन दिनों खेत खलिहानों में खूब नृत्य कर रही है. भक्त भी बाणासुर की यात्रा का पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत कर रहे हैं.
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Last Updated : Aug 25, 2023, 1:30 PM IST
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