रुद्रप्रयाग: साइबर अपराधियों ने अब लोगों को ठगने का नया तरीका ढूंढ लिया है, अब वे आंगनबाड़ी, बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के नाम पर लोगों को फोन कर रहे और लाभार्थियों को अपने जाल में फंसाकर उनसे ऑनलाइन ठगी कर रहे है. ऐसे मामलों में पुलिस ने भी सक्रियता बरतनी शुरू कर दी है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है. पुलिस ने ऐसे मामलों में शीघ्र 1930 पर कॉल करने की अपील की है.
बता दें कि साइबर अपराधी लोगों को आंगनबाड़ी, बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के नाम से कॉल कर रहे हैं. अब तक इन मामलों में कई शिकायतें आ चुकी हैं, जिसमें सरकारी योजनाओं का लाभ देने की बात कहकर साइबर अपराधियों ने लोगों से पैंसे ठगे हैं. सुमाड़ी निवासी भुवनेश नेगी ने बताया कि बीते दिनों उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया था. फोन करने वाले ने अपना नाम नीरज बताया और खुद को सरकार द्वारा संचालित नंदा गौरा योजना एवं स्वास्थ्य विभाग का प्रतिनिधि बताया.
नेगी ने बताया कि जब उन्होंने पुष्टि के लिए सवाल पूछे तो अनजान व्यक्ति ने उनकी पुत्री, पत्नी और आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों के नाम बता दिए. इसके साथ ही परिवार के सभी सदस्यों के नाम के अलावा नंदा गौरा योजना में भरी गई सभी जानकारियां बता दी.
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साइबर अपराधी ने कहा कि फॉर्म में आपका खाता नंबर नहीं जुड़ा है, जिस कारण योजना का लाभ आपको नहीं मिल सकेगा. साइबर अपराधी ने ऑनलाइन धन ट्रांसफर करने के लिए जानकारी मांगते हुए पूछा कि क्या आप गूगल पे, फोन पे समेत यूपीआई एप इस्तेमाल करते हैं या नहीं, जिसके बाद गूगल पे नंबर मांगते हुए गूगल पे एप में ट्रांजैक्शन हिस्ट्री में जाकर सबसे ऊपर लिखी 11,800 रुपए की धनराशि पर क्लिक करने को कहा.
नेगी ने बताया कि संदेह जताने पर साइबर अपराधी ने बैंक द्वारा अमाउंट कंफर्म करने की बात कही और अंत में बैंक द्वारा अप्रूवल मिलने की बात कहते हुए यूपीआई पासवर्ड डालने को कहा, जिसे डालते ही उनके खाते से 11,800 रुपए विड्रॉल हो गए.
ताजा तरीन मामला गुप्तकाशी का भी है, जहां भीमचुला में कार्य कर रही उपासना सेमवाल को किसी अनिकेत मिश्रा का फोन आता है, जो अपने आप को डीएम कार्यालय रुद्रप्रयाग में तैनात बताता है और हाल ही जन्मी नाला सिलौंजा निवासी रघुबीर सिंह की पुत्री आराध्या और आशीष असवाल के बेटे कार्तिक को मातृ वंदना के नाम पर लाभ दिये जाने को लेकर धनराशि को सीधे फोन पे और गूगल पे से लाभार्थी के परिजनों को दिये जाने के बारे में बताया गया.
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उपासना चूंकि बाल विकास विभाग में कार्यरत हैं, इसलिए उक्त अनिकेत मिश्रा नामक व्यक्ति से सवाल जबाव करने लगी, जिसे सुनकर अनिकेत मिश्रा ने फोन स्विच ऑफ कर दिया. इसके बाद बिपिन कुमार और रघुबीर सिंह को भी उक्त व्यक्ति ने फोन किया, लेकिन सूझबूझ के कारण ये दोनों भी ठगी का शिकार होने से बच गए.
वहीं, एसपी रुद्रप्रयाग विशाखा अशोक भदाणे ने लोगों से अपील की है कि बैंक खाता, गूगल-पे या फोन-पे सहित किसी भी तरह की जानकारी साझा न करें. ऐसे फोन कॉल्स को इग्नोर करें. साइबर क्राइम से जुड़ी किसी भी शिकायत के लिए आम व्यक्ति 1930 पर कॉल कर सकता है.
वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया तरीका ढूंढ लिया है, लेकिन सवाल इस बात का है कि किस प्रकार से सरकारी योजनाओं का लाभ पाने वाले लाभार्थियों का डाटा लीक हो रहा है. कैसे साइबर अपराधियों को रुद्रप्रयाग जिले के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की सभी जानकारी मिल रही हैं.
उन्होंने कहा कि यह लापरवाही किस स्तर से हो रही है. इसको लेकर भी कड़ी कार्रवाही की जानी चाहिए. ग्रामीण इलाकों में रहने वाली भोलीभाली जनता साइबर ठगी का शिकार हो रही है.