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क्रिकेट ट्रायल पर उठने लगे सवाल, खिलाड़ियों ने एसोसिएशन पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Aug 28, 2019, 10:25 AM IST

रुद्रप्रयाग जिले में क्रिकेट खिलाड़ियों का ट्रायल लिया गया, लेकिन यहां पहुंचे खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें खेलने के लिए किट तक उपलब्ध नहीं करवाई गई थी.

क्रिकेट ट्रायल के लिए आये खिलाड़ियों का आरोप

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि खेल मैदान में जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से खिलाड़ियों का ट्रायल लिया जा रहा है, लेकिन इस ट्रायल प्रतियोगिता को लेकर खिलाड़ियों ने सवाल खड़े किये हैं. ट्रायल के लिए आये अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि 300 रुपये फीस लेने के बाद भी उन्हें कोई संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए गए.

दरअसल, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद अब प्रदेश से खिलाड़ियों का चयन किया जा रहा है. जिसके लिए रुद्रप्रयाग जिले में भी खिलाड़ियों का ट्रायल लिया गया, लेकिन यहां पहुंचे खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें खेलने के लिए किट तक उपलब्ध नहीं करवाई गई और पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई.

क्रिकेट ट्रायल के लिए आये खिलाड़ियों का आरोप

पढे़ं- ऑल वेदर रोड यात्रियों के लिए बनी परेशानी का सबब, केदारनाथ हाईवे पर बने कई डेंजर जोन

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि खेल के मैदान में बड़ी-बड़ी घास उगी हुई हैं. साथ ही उबड़-खाबड़ पिच पर आधी मैट लगाकर ट्रायल लिया गया, जोकि मानकों के खिलाफ है. इसके साथ ही ट्रायल में भी भेदभाव किया गया. उन्होंने कहा कि किसी अभ्यर्थी को ज्यादा मौका दिया गया तो किसी को बेहद कम.

वहीं इस दौरान मानकों के मुताबिक संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए गये. जिससे उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा. वहीं जब इस मसले पर एसोसिएशन के सदस्यों से बात की गई तो वे कुछ भी कहने से बचते नजर आए.

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि खेल मैदान में जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से खिलाड़ियों का ट्रायल लिया जा रहा है, लेकिन इस ट्रायल प्रतियोगिता को लेकर खिलाड़ियों ने सवाल खड़े किये हैं. ट्रायल के लिए आये अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि 300 रुपये फीस लेने के बाद भी उन्हें कोई संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए गए.

दरअसल, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद अब प्रदेश से खिलाड़ियों का चयन किया जा रहा है. जिसके लिए रुद्रप्रयाग जिले में भी खिलाड़ियों का ट्रायल लिया गया, लेकिन यहां पहुंचे खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें खेलने के लिए किट तक उपलब्ध नहीं करवाई गई और पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई.

क्रिकेट ट्रायल के लिए आये खिलाड़ियों का आरोप

पढे़ं- ऑल वेदर रोड यात्रियों के लिए बनी परेशानी का सबब, केदारनाथ हाईवे पर बने कई डेंजर जोन

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि खेल के मैदान में बड़ी-बड़ी घास उगी हुई हैं. साथ ही उबड़-खाबड़ पिच पर आधी मैट लगाकर ट्रायल लिया गया, जोकि मानकों के खिलाफ है. इसके साथ ही ट्रायल में भी भेदभाव किया गया. उन्होंने कहा कि किसी अभ्यर्थी को ज्यादा मौका दिया गया तो किसी को बेहद कम.

वहीं इस दौरान मानकों के मुताबिक संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए गये. जिससे उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा. वहीं जब इस मसले पर एसोसिएशन के सदस्यों से बात की गई तो वे कुछ भी कहने से बचते नजर आए.

Intro:तीन सौ रूपये फीस लेने पर भी नहीं दी कोई सुविधा
क्रिकेट ट्रायल के लिए आये अभ्यर्थियों ने लगाये कई आरोप
रुद्रप्रयाग- अगस्त्यमुनि खेल मैदान में राज्य क्रिकेट एसोशिएशन के सौजन्य से जिला क्रिकेट एसोशिएशन की ओर से आयोजित क्रिकेट ट्रायल प्रतियोगिता पर शुरुआत में ही सवाल उठने लगे हैं। ट्रायल के लिए आये अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए की तीन सौ रूपये फीस लेने के बाद भी उन्हें कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए।Body:दरअसल, उत्तराखण्ड में यह पहला मौका है, जब जिले से क्रिकेट में रुचि रखने वाले युवाओं को अपना भविष्य सुनहरा करने का मौका मिला। मगर अधिकांश युवाओं के हाथ से यह मौका निकल गया। एशोसिएशन द्वारा आवेदन फीस तीन सौ रुपए ली गई और मौके पर पहुंचे अभ्यर्थियों को खेलने के लिए किट तक उपलब्ध नहीं कराये गये। यहां तक कि पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई थी, जिस कारण युवाओं को ट्रायल के समय दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए कि खेल के मैदान में बड़ी-बड़ी घास उगी है और उबड़-खाबड़ पिच पर आधी मैट लगाकर ट्रायल ली गई, जो कि मानकों के अनुरूप है। इसके साथ ही ट्रायल में भी भेदभाव किया गया। किसी अभ्यर्थी को ज्यादा मौका दिया गया तो किसी को बेहद कम। अभ्यर्थी प्रवेश सिलोड़ी, प्रदीप, जयदीप, अर्जुन, रविन्द्र डिमरी ने कहा की यह ट्रायल उनके लिए काफी अहम था और इससे उन्हें काफी उम्मीदें थी। इसलिए तीन सौ रूपये फीस देकर आवेदन किया गया, मगर मानकों के मुताबिक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गये, जिससे उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा है। वहीं जब इस मसले में एसोसिएशन के सदस्यों से बात करनी चाही तो सब गोलमोल उत्तर देकर पल्लू झाड़ते दिखे।


Note-वीडीओ के अंत में अभ्यर्थी की ओर से बयान दिया गया है। Conclusion:null
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