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कछुआ गति से चल रहा पपड़ासू-खांखरा बाईपास का निर्माण, आखिर कब पूरा होगा कार्य - Uttarakhand Allweather Road Project

बदरीनाथ हाईवे पर सिरोहबगड़ भूस्खलन जोन लगभग चार दशक से परेशानी का सबब बना है. बीआरओ की ओर से यहां पहाड़ी से भूस्खलन रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए. मगर स्थायी ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. साथ ही पपड़ासू-खांखरा बाईपास का निर्माण कार्य तीन वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया है.

construction work
पपड़ासू-खांखरा बाईपास
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Published : Mar 4, 2022, 11:46 AM IST

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर पपड़ासू-खांखरा बाईपास का निर्माण कार्य तीन वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. साथ ही यहां प्रस्तावित तीन मोटर पुलों का कार्य भी कछुआ गति से चल रहा है. पहले मोटर पुल का निर्माण जहां सिर्फ तीस फीसदी ही हो पाया है, वहीं अन्य दो पुलों का कार्य अभी एबेडमेंट खुदाई तक सिमटा है. बदरीनाथ हाईवे पर सिरोहबगड़ भूस्खलन जोन लगभग चार दशक से परेशानी का सबब बना है. बीआरओ की ओर से यहां पहाड़ी से भूस्खलन रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, मगर स्थायी ट्रीटमेंट नहीं हो पाया.

इस दौरान कई दुर्घटनाएं भी हुईं. ऐसे में ऑलवेदर रोड परियोजना में इस संवेदनशील जोन से पूरी तरह निजात पाने के लिए 2.700 किमी पपड़ासू बाईपास स्वीकृत किया गया. साल 2019 से अलकनंदा नदी के दूसरी तरफ से बाईपास का कार्य शुरू किया गया, लेकिन तीन वर्ष बाद भी कार्यदायी संस्था बाईपास तैयार नहीं कर पाई है. साथ ही बाईपास को बदरीनाथ राजमार्ग से लिंक करने के लिए सिरोहबगड़, भूमरागढ़ और नौगांव में तीन मोटर पुल भी प्रस्तावित हैं. इन पुलों का निर्माण दो वर्ष में पूरा होना था, लेकिन अभी तक सिरोहबगड़ के समीप अलकनंदा नदी पर 180 मीटर स्पान वाले पहले पुल के दो तरफा एबेडमेंट ही बन पाए हैं. वहीं, भुमरागढ़ में प्रस्तावित 250 मीटर स्पान वाले दूसरे पुल के एबेडमेंट की खुदाई भी पूरी नहीं हो पाई है.

पढ़ें-घूसखोर को घूंसा: सिंचाई विभाग के रिटायर्ड जेई से रिश्वत मांगने का आरोपी समीक्षा अधिकारी निलंबित

यह, पुल जिले का सबसे लंबा मोटर पुल होगा. जबकि चित्रमति नदी पर प्रस्तावित 162 मीटर स्पान वाले तीसरे पुल के लिए खुदाई जोरों पर है, जिसके लिए पूरी पहाड़ी को भी खोद दिया गया है. जिस तरह से पुल निर्माण के लिए झाड़ियों का कटान कर खुदान हो रहा है, उससे बरसाती सीजन में भूस्खलन होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. साथ ही मलबा चित्रमति नदी में डाला जा रहा है, जिससे कई जगहों पर पानी का बहाव रुक रहा है, जिस पर लोगों ने भी रोष जताया है. खांकरा के पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र ममगाईं एवं उक्रांद नेता बुद्धिबल्लभ ममगाईं ने कहा कि पपड़ासू-खांखरा बाईपास के निर्माण में एनएच व कार्यदायी संस्था की ओर से मानकों की अनदेखी की जा रही है. एनएच के सहायक अभियंता अनिल बिष्ट ने बताया कि पूर्व में स्थानीय स्तर पर विवाद के चलते कार्य प्रभावित हुआ है. अब चरणबद्ध तरीके से एक वर्ष में कार्य पूरा कर दिया जाएगा.

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर पपड़ासू-खांखरा बाईपास का निर्माण कार्य तीन वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. साथ ही यहां प्रस्तावित तीन मोटर पुलों का कार्य भी कछुआ गति से चल रहा है. पहले मोटर पुल का निर्माण जहां सिर्फ तीस फीसदी ही हो पाया है, वहीं अन्य दो पुलों का कार्य अभी एबेडमेंट खुदाई तक सिमटा है. बदरीनाथ हाईवे पर सिरोहबगड़ भूस्खलन जोन लगभग चार दशक से परेशानी का सबब बना है. बीआरओ की ओर से यहां पहाड़ी से भूस्खलन रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, मगर स्थायी ट्रीटमेंट नहीं हो पाया.

इस दौरान कई दुर्घटनाएं भी हुईं. ऐसे में ऑलवेदर रोड परियोजना में इस संवेदनशील जोन से पूरी तरह निजात पाने के लिए 2.700 किमी पपड़ासू बाईपास स्वीकृत किया गया. साल 2019 से अलकनंदा नदी के दूसरी तरफ से बाईपास का कार्य शुरू किया गया, लेकिन तीन वर्ष बाद भी कार्यदायी संस्था बाईपास तैयार नहीं कर पाई है. साथ ही बाईपास को बदरीनाथ राजमार्ग से लिंक करने के लिए सिरोहबगड़, भूमरागढ़ और नौगांव में तीन मोटर पुल भी प्रस्तावित हैं. इन पुलों का निर्माण दो वर्ष में पूरा होना था, लेकिन अभी तक सिरोहबगड़ के समीप अलकनंदा नदी पर 180 मीटर स्पान वाले पहले पुल के दो तरफा एबेडमेंट ही बन पाए हैं. वहीं, भुमरागढ़ में प्रस्तावित 250 मीटर स्पान वाले दूसरे पुल के एबेडमेंट की खुदाई भी पूरी नहीं हो पाई है.

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यह, पुल जिले का सबसे लंबा मोटर पुल होगा. जबकि चित्रमति नदी पर प्रस्तावित 162 मीटर स्पान वाले तीसरे पुल के लिए खुदाई जोरों पर है, जिसके लिए पूरी पहाड़ी को भी खोद दिया गया है. जिस तरह से पुल निर्माण के लिए झाड़ियों का कटान कर खुदान हो रहा है, उससे बरसाती सीजन में भूस्खलन होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. साथ ही मलबा चित्रमति नदी में डाला जा रहा है, जिससे कई जगहों पर पानी का बहाव रुक रहा है, जिस पर लोगों ने भी रोष जताया है. खांकरा के पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र ममगाईं एवं उक्रांद नेता बुद्धिबल्लभ ममगाईं ने कहा कि पपड़ासू-खांखरा बाईपास के निर्माण में एनएच व कार्यदायी संस्था की ओर से मानकों की अनदेखी की जा रही है. एनएच के सहायक अभियंता अनिल बिष्ट ने बताया कि पूर्व में स्थानीय स्तर पर विवाद के चलते कार्य प्रभावित हुआ है. अब चरणबद्ध तरीके से एक वर्ष में कार्य पूरा कर दिया जाएगा.

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