रुद्रप्रयाग/हल्द्वानी/ऋषिकेश: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही जीत का दम भर रही हो, लेकिन उसकी राह आसान नहीं दिख रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही कांग्रेस में दावेदारों ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है. धीरे-धीरे कांग्रेस में टिकट ना मिलने से दावेदारों की नाराजगी अब बाहर आने लगी है, जिससे पार्टी को चुनाव में नुकसान हो सकता है.
रुद्रप्रयाग में भी कांग्रेस में बगावत के स्वर फूट रह हैं. कांग्रेस से प्रदीप थपलियाल को टिकट मिलने के बाद से ही पार्टी के अन्य दावेदारों में आक्रोश है. कांग्रेस से विधायक उम्मीदवारों ने निर्णय लिया कि कांग्रेस का टिकट बदलकर पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी को दिया जाए. यदि मातबर सिंह कंडारी को टिकट नहीं दिया जाता है तो, हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी से इस्तीफा देकर मातबर सिंह कंडारी को निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ाएंगे.
यही हाल कालाढूंगी और लालकुआं विधानसभा सीट पर भी है. कांग्रेस नेता महेश शर्मा और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. महेश शर्मा ने कहा हाईकमान से बात करते हुए कहा कि मुझे आश्वस्त किया गया कि आपका टिकट हो गया है. मैंने अपने कार्यकर्ताओं को सूचित कर दिया, लेकिन लिस्ट में कालाढूंगी से डॉ. महेंद्र पाल को टिकट मिल गया है. हमको झूठे आश्वासन देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने कहा टिकट में कुछ गड़बड़ी हुई है, उसको सुधारा जाएगा.
कालाढूंगी सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार महेश शर्मा ने टिकट कटने के बाद सैकड़ों समर्थकों के साथ महापंचायत की. जिसमें महेश शर्मा भावुक नजर आए. उन्होंने कहा वह लंबे समय से पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट ना देकर ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, जिसका क्षेत्र में कोई संपर्क नहीं है. हालांकि उन्हें अभी भी कांग्रेस आलाकमान पर पूरा भरोसा है कि वह उनके साथ न्याय करेगा.
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वहीं, ऋषिकेश विधानसभा सीट पर जयेंद्र रमोला को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस में बगावत के स्वर उठने लगे हैं. टिकट वितरण से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनके इस मोर्चाबंदी में टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व विधानसभा प्रत्याशी राजपाल खरोला भी शामिल हैं. दोनों ही नेताओं के समर्थकों ने श्यामपुर क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें खुलकर टिकट वितरण को लेकर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की.
शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा ऋषिकेश में 15 सालों से भाजपा के विधायक का कब्जा है. इस बार भाजपा के गढ़ को तोड़ने की बारी कांग्रेस की थी, लेकिन जिस प्रत्याशी को टिकट दिया गया है. उससे जीत को लेकर संदेह हो रहा है. वहीं, राजपाल खरोला ने सवाल उठाया कि किस आधार पर टिकट वितरण किया गया है? यह समझ से परे है. दोनों ही नेताओं ने कांग्रेस हाईकमान से टिकट पर फिर से मंथन करने की गुजारिश की है.
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शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा यदि पार्टी हाईकमान ने उनकी गुजारिश पर ध्यान नहीं दिया तो जनता जो भी फैसला लेगी, उस पर वह अमल करेंगे. उनके इस बयान के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि यदि टिकट वितरण में कांग्रेस हाईकमान ने बदलाव नहीं किया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.
कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने कहा इस बार कांग्रेस भाजपा के गढ़ में सेंध मारी कर सीट अपने नाम कर सकती थी, लेकिन पार्टी ने जिस तरह यहां पर टिकट दिया है, वह साफ तौर पर जीत से कहीं दूर दिखाई दे रहा है. ऋषिकेश विधानसभा सीट पर एक बार फिर से पार्टी हाईकमान को पुनर्विचार करना होगा.
वहीं, ऋषिकेश से कांग्रेस प्रत्याशी जयेंद्र रमोला ने कहा पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी. सभी लोग खुश हैं, उन्होंने कहा अगर कुछ लोग उनसे नाराज हैं तो वे उनके पास जाएंगे और उनको अपने पक्ष में लेकर आएंगे. उन्होंने दावा किया कि इस बार कांग्रेस ऋषिकेश में एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी.