रुद्रप्रयाग: एक ओर जहां भीषण कोरी ठंड की मार पड़ रही है, वहीं दूसरी ओर जिले के कई जंगल जलकर राख हो रहे हैं. ठंड के चलते बाजार सुनसान पड़े हैं. ठंड से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव का सहारा ले रहे हैं तो जंगलों में लगी आग को बुझाने में वन विभाग के कर्मचारी भी मुस्तैदी से जुटे हैं. बारिश नहीं होने से फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है. वन सम्पदा के साथ ही वन्य जीव जंतुओं के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
बारिश नहीं होने से हो रहा नुकसान: पहाड़ों में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है. बारिश ना होने के कारण सर्दी का सितम बढ़ता ही जा रहा है. कोरी ठंड से लोग परेशान हैं. बारिश ना होने से खेतों में गेहूं सहित अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है. बाजारों पर भी ठंड का असर देखा जा सकता है. ठंड के चलते सुबह बाजार देरी से खुल रहे हैं तो सायं को जल्दी बंद भी हो रहे हैं.
सर्दी के मौसम में धधके जंगल: दूसरी ओर जिले के कई क्षेत्रों के जंगल भीषण ठंड में भी जल रहे हैं. जंगलों में लगी आग का धुआं अब चारों ओर फैल रहा है. इस कारण धूप की तेजी में भी कमी आ रही है. मुख्यालय के नजदीकी गांवों के जंगलों में आग लगी हुई है. इससे वन सम्पदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है. वन्य जीव जंतुओं पर भी खतरा मंडरा रहा है. उन्हें भी बारिश ना होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
मदमहेश्वर के जंगल सुलग रहे: पर्यावरण विशेषज्ञ बारिश ना होने को प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने की बात पहले ही कह चुके हैं. उनका कहना है कि हिमालय क्षेत्र में अंधाधुंध निर्माण कार्यों से मौसम में परिवर्तन आ चुका है. हिमालय में चल रहे निर्माण कार्य भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं. हिमालय में निर्माण कार्य होने से यहां की गतिविधियों में बदलाव आ गया है. जहां इन दिनों ऊंचाई वाले क्षेत्र बर्फ से लकदक रहने चाहिए थे, वहीं इन दिनों यहां आग की लपटों से धुंआ उठता हुआ दिखाई दे रहा है. मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले जंगल इन दिनों आग की चपेट में हैं.
मिट्टी में कम हुई नमी: वहीं वन विभाग रुद्रप्रयाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र सिंह ने कहा कि बारिश ना होने के कारण मिट्टी में नमी की कमी हो गई है. ऐसे में जंगलों में आग लग रही है. जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग के कर्मचारी सभी प्रयास कर रहे हैं.
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