ETV Bharat / state

मुख्यमंत्री ने 'आखर' ऐप किया लॉन्च, तीन क्षेत्रीय भाषाओं की मिलेगी जानकारी - गढ़वाली, कुमांऊनी और जौनसारी भाषाओं पर बनाए गए मोबाइल ऐप आखर लॉन्च

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी भाषाओं पर बनाए गए मोबाइल ऐप आखर शब्दकोष को लॉन्च किया है.

Aakhar mobile app
मुख्यमंत्री ने आखर मोबाइल ऐप को किया लॉन्च
author img

By

Published : Sep 21, 2020, 7:31 PM IST

Updated : Sep 21, 2020, 7:47 PM IST

रुद्रप्रयाग: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर मोबाइल ऐप 'आखर' शब्दकोष को लॉन्च किया है. इस ऐप को कर्नल (रिटा.) डॉ डीपी डिमरी एवं उनके सहयोगियों द्वारा तैयार किया गया है. इस ऐप में उत्तराखंड की तीन क्षेत्रीय भाषाएं गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी की जानकारियां मिलेंगी.

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा एवं बोलियों के प्रति लोगों का रूझान बढ़े, इस दिशा में यह एक सराहनीय प्रयास है. हमें अपनी भाषा, बोलियों एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करना होगा. किसी भी क्षेत्र की बोली, भाषा एवं संस्कृति ही उस क्षेत्र की विशिष्टता बताती है.

ये भी पढ़ें: पेट्रोलियम संस्थान ने बनाई हैंडवाश की आधुनिक मशीन, एक साथ इतने लोग धुल सकेंगे हाथ

वहीं, डॉ. डीपी डिमरी ने कहा कि यह प्रयास क्षेत्रीय भाषाओं को सीखने के इच्छुक युवाओं एवं इन भाषाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बनाया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषाओं पर कई विस्तृत शब्दकोष उपलब्ध हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर उनका शीघ्र उपलब्ध हो पाना कठिन होता है इसलिए लघु रूप में डिजिटल शब्दकोष उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है.

रुद्रप्रयाग: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर मोबाइल ऐप 'आखर' शब्दकोष को लॉन्च किया है. इस ऐप को कर्नल (रिटा.) डॉ डीपी डिमरी एवं उनके सहयोगियों द्वारा तैयार किया गया है. इस ऐप में उत्तराखंड की तीन क्षेत्रीय भाषाएं गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी की जानकारियां मिलेंगी.

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा एवं बोलियों के प्रति लोगों का रूझान बढ़े, इस दिशा में यह एक सराहनीय प्रयास है. हमें अपनी भाषा, बोलियों एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करना होगा. किसी भी क्षेत्र की बोली, भाषा एवं संस्कृति ही उस क्षेत्र की विशिष्टता बताती है.

ये भी पढ़ें: पेट्रोलियम संस्थान ने बनाई हैंडवाश की आधुनिक मशीन, एक साथ इतने लोग धुल सकेंगे हाथ

वहीं, डॉ. डीपी डिमरी ने कहा कि यह प्रयास क्षेत्रीय भाषाओं को सीखने के इच्छुक युवाओं एवं इन भाषाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बनाया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषाओं पर कई विस्तृत शब्दकोष उपलब्ध हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर उनका शीघ्र उपलब्ध हो पाना कठिन होता है इसलिए लघु रूप में डिजिटल शब्दकोष उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है.

Last Updated : Sep 21, 2020, 7:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.