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नगर में लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस, नगर पालिका प्रशासन बेखबर - काम नही कर रहे रुद्रप्रयाग

नगरपालिका के संयुक्त तत्वावधान में रुद्रप्रयाग के बेलनी पुल से आर्मी बैंड तक करीब दस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. जिनका कंट्रोल रूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही बनाया गया था. वहीं, आज हालात है कि इन सीसीटीवी कैमरों में अधिंकाश कैमरे काम नहीं कर रहे हैं.

नगर में लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस
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Published : Sep 21, 2019, 7:58 PM IST

रुद्रप्रयागः नगर में सुरक्षा और ट्रैफिक प्लान की दृष्टि से लगाए सीसीटीवी कैमरे महज शोपीस बनकर रह गए हैं. इनमें से ज्यादातर कैमरे या तो खराब हो चुके हैं या उन्होंने काम करना बंद कर दिया है. वहीं, इस मामले में पुलिस प्रशासन अव्यवस्थाओं का ठीकरा नगर पालिका प्रशासन के सिर पर फोड़ता नजर आ रहा है.

नगर में लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस

बता दें कि, पुलिस और नगरपालिका के संयुक्त तत्वावधान में रुद्रप्रयाग के बेलनी पुल से आर्मी बैंड तक करीब दस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. जिनका कंट्रोल रूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही बनाया गया था. वहीं, आज हालात है कि इन सीसीटीवी कैमरों में अधिंकाश कैमरे काम नहीं कर रहे हैं.वहीं, अव्यवस्थाओं ये आलम है कि सीसीटीवी कैमरे लगाने वाली नगरपालिका को ये तक पता नहीं है कि यह सीसीटीवी कैमरे किस मद में लगाए गए हैं.

ये भी पढ़ेंःARTO विभाग ने शराबी चालकों के खिलाफ चलाया अभियान, नशे की हालत में मिले 2 ड्राइवर

इधर, इस मामले में पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का कहना है कि इस संबंध में नगरपालिका को पत्र भी लिखा गया है. लेकिन पालिका की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.
वहीं, नगरपालिका के अधिशासी अभियंता संजय रावत का कहना है कि जिला प्रशासन से सीसीटीवी कैमरों को ठीक करने के लिए धनराशि मांगी गई है. धनराशि स्वीकृत होते ही सभी कैमरों को ठीक करवा लिया जाएगा.

रुद्रप्रयागः नगर में सुरक्षा और ट्रैफिक प्लान की दृष्टि से लगाए सीसीटीवी कैमरे महज शोपीस बनकर रह गए हैं. इनमें से ज्यादातर कैमरे या तो खराब हो चुके हैं या उन्होंने काम करना बंद कर दिया है. वहीं, इस मामले में पुलिस प्रशासन अव्यवस्थाओं का ठीकरा नगर पालिका प्रशासन के सिर पर फोड़ता नजर आ रहा है.

नगर में लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस

बता दें कि, पुलिस और नगरपालिका के संयुक्त तत्वावधान में रुद्रप्रयाग के बेलनी पुल से आर्मी बैंड तक करीब दस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. जिनका कंट्रोल रूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही बनाया गया था. वहीं, आज हालात है कि इन सीसीटीवी कैमरों में अधिंकाश कैमरे काम नहीं कर रहे हैं.वहीं, अव्यवस्थाओं ये आलम है कि सीसीटीवी कैमरे लगाने वाली नगरपालिका को ये तक पता नहीं है कि यह सीसीटीवी कैमरे किस मद में लगाए गए हैं.

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इधर, इस मामले में पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का कहना है कि इस संबंध में नगरपालिका को पत्र भी लिखा गया है. लेकिन पालिका की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.
वहीं, नगरपालिका के अधिशासी अभियंता संजय रावत का कहना है कि जिला प्रशासन से सीसीटीवी कैमरों को ठीक करने के लिए धनराशि मांगी गई है. धनराशि स्वीकृत होते ही सभी कैमरों को ठीक करवा लिया जाएगा.

Intro:शोपीस बने रुद्रप्रयाग मुख्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे
देख-रेख के अभाव में बंद पड़े अधिकांश कैमरे
नगरपालिका और पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में लगे थे कैमरे
अब पालिका और पुलिस को नहीं पता किस मद में और किसने लगाये थे कैमरे
रुद्रप्रयाग। लगभग दो वर्ष पूर्व पुलिस और नगरपालिका के संयुक्त तत्वावधान में रुद्रप्रयाग शहर में संचालित होने वाली गतिविधियों के अलावा ट्रैफिक प्लान को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिये शहर में लगभग दस सीसीटीवी कैमरे लगाये थे, जिनका कंट्रोल रूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही बनाया गया था, लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि ये सीसीटीवी कैमरे मात्र शौ-पीस बनकर रहे गये हैं, दस में से मात्र एक या दो ही सीसीटीवी कैमरे कार्य कर रहे हैं। नगरपालिका और पुलिस कार्यालय को अब यह पता नहीं है कि किस मद में ये कैमरे लगाये गये थे। Body:रुद्रप्रयाग शहर की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर बनाये रखने के लिये बेलनी पुल से लेकर आर्मी बैण्ड तक लगभग दस सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का मुख्य उददेश्य शहर के ट्रैफिक प्लान को दुरूस्त करने के अलावा शहर में होने वाली प्रत्येक गतिविधि पर तीसरी नजर रखना था, लेकिन कुछ समय तक तो कैमरे ठीक-ठाक चले, लेकिन आज कैमरों की दर्दुशा बनी हुई है। यह कैमरे मात्र दिखावे तक सीमित रह गये हैं। दस कैमरों में से मात्र एक-दो ही कैमरे कार्य कर पा रहे हैं। अधिकांश कैमरे बारिश आदि कारणों से खराब पड़ गये हैं, जिन्हे ट्रीटमेंट की जरूरत है, लेकिन बाजार में कैमरे लगाने वाली नगरपालिका और पुलिस प्रशासन को यह ही पता नहीं है कि किस मद में यह कैमरे लगाये गये थे।
इधर, पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि इस संबंध में नगरपालिका को पत्र भी लिखा गया है। नगरपालिका की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। कुछ सीसीटीवी कैमरे कार्य नहीं कर पा रहे हैं, जिनके ट्रीटमेंट की जरूरत है।
वहीं नगरपालिका के अधिशासी अभियंता संजय रावत का कहना है कि कैमरे लगाने के लिये निविदाएं भी पुलिस की ओर से आमंत्रित की गई थी। कैमरे किसने लगवाये थे, यह पुलिस को पता होना चाहिए। जिला प्रशासन से कैमरों को ठीम करने के लिए धनराशि मांगी गई है। स्वीकृति मिलने के बाद डीलर से बात करके कैमरों को ठीक करवा दिया जायेगा।
बाइट - अजय सिंह, पुलिस अधीक्षक
बाइट - संजय सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका Conclusion:
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