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रुद्रप्रयाग: सड़क खुदाई के दौरान मिली 'दिव्य' गुफा, ग्रामीणों ने शुरू की पूजा-अर्चना

राऊलैंक-जग्गी बगवान मोटरमार्ग निर्माण कार्य के दौरान एक रहस्यमयी गुफा मिली है. जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. तीन दिन के भीतर ही दो हजार से ज्यादा लोग गुफा के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. गुफा के दर्शन कर चुके लोगों की मानें तो गुफा के भीतर कई आकृतियां भी बनी हैं, लेकिन गुफा के गहरा और अंधेरा होने के कारण आकृतियों का सही अनुमान नहीं लगाया जा रहा है.

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Published : Jul 19, 2019, 11:40 PM IST

रुद्रप्रयागः राऊलैंक-जग्गी बगवान निर्माणाधीन मोटरमार्ग पर खुदाई के दौरान एक गुफा मिली है. गुफा की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगो में सनसनी फैल गई. साथ ही मौके पर दर्शन करने के वालों का तांता लगा हुआ है. इतना ही नहीं आनन-फानन में ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना भी शुरू कर दी. उधर, लोनिवि के अधिकारियों और अभिसूचना विभाग ने भी मौके पर जाकर गुफा का जायजा लिया. इस गुफा के आसपास अन्य गुफाएं और चट्टानों पर बनी देव मूर्तियां भी प्रकाश में आई हैं.

सड़क खुदाई के दौरान मिली गुफा और देव मूर्तियां.

दरअसल, इन दिनों जिला योजना के अंतर्गत राऊलैंक-जग्गी बगवान मोटरमार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा है. बीते दिनों मोटरमार्ग पर खुदाई के दौरान एक अद्भुत गुफा मिली. जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. तीन दिन के भीतर ही दो हजार से ज्यादा लोग गुफा के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. गुफा के दर्शन कर चुके लोगों की मानें तो गुफा के भीतर कई आकृतियां भी बनी हैं, लेकिन गुफा के गहरा और अंधेरा होने के कारण आकृतियों का सही अनुमान नहीं लगाया जा रहा है.

राऊलैंक निवासी पूर्व सूबेदार दलीप रावत के अनुसार गुफा से करीब सौ मीटर आगे एक चट्टान पर राम, लक्ष्मण, जानकी और चरणों में हनुमान पाषाण रूप में विराजमान हैं. पूर्व प्रधान राकेश नेगी ने बताया कि अदभुत गुफा की तलहटी में करीब दो सौ मीटर नीचे की ओर एक और गुफा का पता लगा है, उनके अनुसार उस गुफा में तीन मंडप हैं. साथ ही कहा कि अंदर और भी मंडप हो सकते हैं, लेकिन गुफा के संकरी होने के कारण अन्य मंडपों तक पहुंचना आसान नहीं है.

ये भी पढ़ेंः ग्राउंड रिपोर्ट: वरुणावत पर्वत ट्रीटमेंट की सच्चाई, बरसात में रहना होगा सावधान

स्थानीय बुजुर्गों की मानें तो इस गुफा का दूसरा छोर चार किमी दूर कालीशिला हो सकता है. साथ ही मानना है कि इस गुफा में भी कई आकृतियां हैं. स्थानीय जनता ने सभी गुफाओं के संरक्षण और संवर्द्धन की मांग की है. जिला पंचायत सदस्य कालीमठ संगीता नेगी का कहना है कि जो गुफा मोटरमार्ग की खुदाई में निकली है, वो अदभुत है. इस क्षेत्र में जितने भी गुफायें या अन्य धार्मिक पाषाण हैं. पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण कर इनका रख-रखाव का जिम्मा लेना चाहिए.

वहीं, सूचना मिलने पर शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भी गुफा का जायजा लिया. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज दास का कहना है कि मोटरमार्ग की खुदाई में निकली गुफा का निरीक्षण किया गया है. गुफा अधिक गहरी होने से गुफा के अंदर बनी आकृतियों का अनुमान लगाना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि गुफा के पत्थरों को जांच के लिए भेजा जाएगा.

रुद्रप्रयागः राऊलैंक-जग्गी बगवान निर्माणाधीन मोटरमार्ग पर खुदाई के दौरान एक गुफा मिली है. गुफा की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगो में सनसनी फैल गई. साथ ही मौके पर दर्शन करने के वालों का तांता लगा हुआ है. इतना ही नहीं आनन-फानन में ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना भी शुरू कर दी. उधर, लोनिवि के अधिकारियों और अभिसूचना विभाग ने भी मौके पर जाकर गुफा का जायजा लिया. इस गुफा के आसपास अन्य गुफाएं और चट्टानों पर बनी देव मूर्तियां भी प्रकाश में आई हैं.

सड़क खुदाई के दौरान मिली गुफा और देव मूर्तियां.

दरअसल, इन दिनों जिला योजना के अंतर्गत राऊलैंक-जग्गी बगवान मोटरमार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा है. बीते दिनों मोटरमार्ग पर खुदाई के दौरान एक अद्भुत गुफा मिली. जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. तीन दिन के भीतर ही दो हजार से ज्यादा लोग गुफा के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. गुफा के दर्शन कर चुके लोगों की मानें तो गुफा के भीतर कई आकृतियां भी बनी हैं, लेकिन गुफा के गहरा और अंधेरा होने के कारण आकृतियों का सही अनुमान नहीं लगाया जा रहा है.

राऊलैंक निवासी पूर्व सूबेदार दलीप रावत के अनुसार गुफा से करीब सौ मीटर आगे एक चट्टान पर राम, लक्ष्मण, जानकी और चरणों में हनुमान पाषाण रूप में विराजमान हैं. पूर्व प्रधान राकेश नेगी ने बताया कि अदभुत गुफा की तलहटी में करीब दो सौ मीटर नीचे की ओर एक और गुफा का पता लगा है, उनके अनुसार उस गुफा में तीन मंडप हैं. साथ ही कहा कि अंदर और भी मंडप हो सकते हैं, लेकिन गुफा के संकरी होने के कारण अन्य मंडपों तक पहुंचना आसान नहीं है.

ये भी पढ़ेंः ग्राउंड रिपोर्ट: वरुणावत पर्वत ट्रीटमेंट की सच्चाई, बरसात में रहना होगा सावधान

स्थानीय बुजुर्गों की मानें तो इस गुफा का दूसरा छोर चार किमी दूर कालीशिला हो सकता है. साथ ही मानना है कि इस गुफा में भी कई आकृतियां हैं. स्थानीय जनता ने सभी गुफाओं के संरक्षण और संवर्द्धन की मांग की है. जिला पंचायत सदस्य कालीमठ संगीता नेगी का कहना है कि जो गुफा मोटरमार्ग की खुदाई में निकली है, वो अदभुत है. इस क्षेत्र में जितने भी गुफायें या अन्य धार्मिक पाषाण हैं. पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण कर इनका रख-रखाव का जिम्मा लेना चाहिए.

वहीं, सूचना मिलने पर शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भी गुफा का जायजा लिया. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज दास का कहना है कि मोटरमार्ग की खुदाई में निकली गुफा का निरीक्षण किया गया है. गुफा अधिक गहरी होने से गुफा के अंदर बनी आकृतियों का अनुमान लगाना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि गुफा के पत्थरों को जांच के लिए भेजा जाएगा.

Intro:अद्भुत गुफा को देखने के लिए ग्रामीणों का लगा तांता
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं अभिसूचना विभाग ने भी लिया जायजा
गुफा के भीतर चट्टानों में बनी हैं देव मूर्तियां, ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना की शुरू
रूद्रप्रयाग - राऊलंैक-जग्गी बगवान निर्माणाधीन मोटरमार्ग पर खुदाई के दौरान निकली अदभुत गुफा के दर्शन करने वालों का तांता लगा हुआ है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व अभिसूचना विभाग ने भी मौके पर जाकर अदभुत गुफा का जायजा लिया है। इस गुफा के इर्द-गिर्द अन्य गुफाएं व चट्टानों पर बनी देव मूर्तियां भी प्रकाश में आई हैं, जिनको देखकर ग्रामीण लोग भी आश्चर्य में है।Body:
दरअसल, इन दिनों जिला योजना के अन्तर्गत राऊलैंक-जग्गी बगवान मोटरमार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा है। विगत् दिनों मोटरमार्ग पर खुदाई में एक अदभुत गुफा निकली, जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। तीन दिनों में लगभग दो हजार लोग गुफा के दर्शन कर चुके हैं। गुफा के दर्शन कर चुके लोगों के अनुसार गुफा के अन्दर कईं आकृतियाँ हैं, मगर गुफा के गहरे होने और गुफा के अन्दर अंधेरा होने के कारण आकृतियांे का सही अनुमान नहीं लगाया जा रहा है। शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भी गुफा का जायजा लिया। स्थानीय श्रद्धालुओं ने अदभुत गुफा में पूजा-अर्चना भी शुरू कर दी है। राऊलैंक निवासी पूर्व सुबेदार दलीप रावत के अनुसार गुफा से लगभग सौ मीटर आगे एक चट्टान पर राम, लक्ष्मण, जानकी व चरणों में हनुमान पाषाण रूप में विराजमान हैं। पूर्व प्रधान राकेश नेगी ने बताया कि अदभुत गुफा की तलहटी में लगभग दो सौ मीटर नीचे की तरफ एक और गुफा का पता लगा है, उनके अनुसार उस गुफा में तीन मण्डप हैं और अन्दर की ओर और मण्डप हो सकते हैं, लेकिन गुफा के संकरी होने के कारण अन्य मण्डपों तक पहुंचना आसान नहीं है। स्थानीय बुजुर्गाें की माने तो इस गुफा का दूसरा छोर चार किमी दूर कालीशिला हो सकता है। उनके अनुसार इस गुफा में भी कई आकृतियाँ हंै। स्थानीय जनता ने सभी गुफाओं के संरक्षण व संवर्द्धन की मांग की है। Conclusion:जिला पंचायत सदस्य कालीमठ संगीता नेगी का कहना है कि जो गुफा मोटरमार्ग की खुदाई में निकली है वह अदभुत है और इस क्षेत्र में जितने भी गुफायें या अन्य धार्मिक पाषाण है, पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण कर इनका रख-रखाव का जिम्मा लेना चाहिए। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज दास का कहना है कि मोटरमार्ग की खुदाई में निकली अद्भुत का निरीक्षण किया गया है। गुफा अधिक गहरी होने से गुफा के अन्दर बनी आकृतियों का अनुमान लगाना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि गुफा के पत्थरों को जांच के लिए भेजा जायेगा।
बाइट - संगीता देवी, सदस्य जिला पंचायत
बाइट - मनोज दास, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग
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