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AAP प्रदेश उपाध्यक्ष विजय चमोला कांग्रेस में शामिल, कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी थामा 'हाथ' - AAP leaders join congress in Rudraprayag

मतदान से पहले ही केदारनाथ विधानसभा में बीजेपी और आप को बड़ा झटका लगा है. यहां बीजेपी और आप के कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इन सभी नेताओं को मनोज रावत ने कांग्रेस की सदस्यता दिलायी.

BJP and AAP leaders join congress
BJP-AAP नेता कांग्रेस में हुए शामिल
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Published : Feb 3, 2022, 7:06 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ विधानसभा में कांग्रेस ने भाजपा और आम आदमी पार्टी को करारा झटका दिया है. यहां बीजेपी और आप के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने पार्टी में शामिल हुए लोगों का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. साथ ही कांग्रेस का पटका पहनाया. ऐसे में भाजपा और आप को चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव को लेकर हर दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दल बदल जारी है. जिन कार्यकर्ताओं की अपनी पार्टी में नहीं बन रही है, वे सीधे दूसरी पार्टी का दामन थामने के लिए आतुर हैं. जिस कारण इन लोगों की दूसरी दलों में पूछ भी ज्यादा हो रही है. जिसका ये फायदा उठा रहे हैं. केदारनाथ विधानसभा में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय चमोला के साथ 20 से अधिक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है. साथ ही भाजपा के दो दर्जन कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली है.

केदारनाथ विधानसभा के केंद्र भीरी में हुए कार्यक्रम में चार दर्जन से अधिक विभिन्न दलों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस विधायक के पक्ष में समर्थन देते हुए कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. जिसमें आप के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय चमोला, जिला सचिव सुमित गुसाईं, जिला उपाध्यक्ष मुकुल मैठाणी, युथ उपाध्यक्ष सतीश गोस्वामी, सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष कारेन्द्र सहित 20 से अधिक कार्यकर्ता और भाजपा के विनोद कपरवाण, अनुसूया राणा, महावीर कपरवाण, वीरपाल सिंह आदि के साथ 24 कार्यकर्ताओं ने हाथ का दामन थामा लिया.

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट और केदारनाथ प्रत्याशी मनोज रावत ने उन्हें पार्टी का पटका पहनाकर पार्टी के संविधान के प्रति आस्था जताने की शपथ दिलवाई. मनोज रावत ने विरोधियों द्वारा उन पर लगाये जा रहे विभिन्न आरोपों का खंडन करते हुए अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा उनका शराब नहीं, शिक्षा वाला नारा कई विपक्षियों को रास नहीं आ रहा है. ऐसे में वे उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.

केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने विगत पांच वर्षों में खर्च हुई विधायक निधि का हिसाब दिया. उन्होंने कहा विपक्षी दल भ्रामक प्रचार कर रहे हैं कि मनोज रावत अपनी विधायक निधि खर्च नहीं कर पाये. विगत पांच वर्षों में विधायक निधि में कुल 18 करोड़ 32 लाख रुपये आवंटित हुए थे. जिसमें से वे 18 करोड़ 21 लाख रूपए खर्च कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: बर्फबारी ले रही प्रत्याशियों की परीक्षा, कर्नल कोठियाल डोर टू डोर प्रचार में जुटे

मनोज रावत ने कहा उन्होंने न केवल सदन से बाहर, बल्कि सदन में भी सरकार की जनविरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध किया. इस बात की गवाही विधानसभा की कार्यवाही दे रही है. यही नहीं जो विपक्षी नेता कह रहे हैं कि मनोज रावत ने कोई विकास नहीं किया है, उन्हीं के गांव व स्कूल में उन्होंने विधायक निधि से कार्य कराये हैं.उन्हें क्षेत्र में मिल रहे अपार जन समर्थन से विपक्षी बौखला गये हैं. ऐसे में उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता पीएम मोदी की तुलना केदारनाथ से कर रहे हैं. भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ हमारे ईष्ट देव हैं. जिनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर उन पर आरोप लगा रहे हैं, जो सरासर गलत हैं, इनमें कुछ विधायक के प्रत्याशी भी हैं, जिनके खिलाफ चुनाव अधिकारियों से बातचीत की गई है.

आप को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विजय चमोला ने कहा कि वे कांग्रेस के उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा घोषणा पत्र से काफी प्रभावित हुए हैं. जिसमें, गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का भावनात्मक वादा करने के साथ ही घोषणा पत्र में युवा, महिला, बुजुर्ग, व्यापारी, किसान सहित सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनावी घोषणा पत्र से उत्तराखंड की जनता का विश्वास जीत लिया है.

वहीं, रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी मातबर सिंह कंडारी भी पूरे जोश और उत्साह के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं. उन्हें कांग्रेस प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह राणा, कांग्रेस सेवा दल के उपाध्यक्ष अंकुर रौथाण एवं कांग्रेस वरिष्ठ नेता ठाकुर गजेन्द्र पंवार का पूर्ण समर्थन मिल रहा है. पार्टी की ओर से इन नेताओं को निष्कासित नहीं किया गया है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.

कांग्रेस से दावेदारी पेश करने के बावजूद टिकट ना मिलने पर मातबर सिंह कंडारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. कंडारी ने कहा जनता किसी भी बगावती, धोखेबाज, भ्रष्टाचारी और दिशाहीन व्यक्ति को रुद्रप्रयाग की कमान नहीं सौंपना चाहती है. उन्होंने अपना पूरा जीवन रुद्रप्रयाग की जनता की सेवा को समर्पित किया है. इसीलिए रुद्रप्रयाग में जनता के बीच ईमानदार छवि के रूप में उनकी पहचान बनी हुई है.

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी को खुलेआम समर्थन देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी का दुष्प्रचार किया जा रहा है. ऐसे में जनता के बीच कांग्रेस की छवि खराब हो रही है. पार्टी की ओर से भी इन नेताओं को अभी निष्कासित नहीं किया गया है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी की बैचेनी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ विधानसभा में कांग्रेस ने भाजपा और आम आदमी पार्टी को करारा झटका दिया है. यहां बीजेपी और आप के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने पार्टी में शामिल हुए लोगों का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. साथ ही कांग्रेस का पटका पहनाया. ऐसे में भाजपा और आप को चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव को लेकर हर दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दल बदल जारी है. जिन कार्यकर्ताओं की अपनी पार्टी में नहीं बन रही है, वे सीधे दूसरी पार्टी का दामन थामने के लिए आतुर हैं. जिस कारण इन लोगों की दूसरी दलों में पूछ भी ज्यादा हो रही है. जिसका ये फायदा उठा रहे हैं. केदारनाथ विधानसभा में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय चमोला के साथ 20 से अधिक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है. साथ ही भाजपा के दो दर्जन कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली है.

केदारनाथ विधानसभा के केंद्र भीरी में हुए कार्यक्रम में चार दर्जन से अधिक विभिन्न दलों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस विधायक के पक्ष में समर्थन देते हुए कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. जिसमें आप के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय चमोला, जिला सचिव सुमित गुसाईं, जिला उपाध्यक्ष मुकुल मैठाणी, युथ उपाध्यक्ष सतीश गोस्वामी, सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष कारेन्द्र सहित 20 से अधिक कार्यकर्ता और भाजपा के विनोद कपरवाण, अनुसूया राणा, महावीर कपरवाण, वीरपाल सिंह आदि के साथ 24 कार्यकर्ताओं ने हाथ का दामन थामा लिया.

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट और केदारनाथ प्रत्याशी मनोज रावत ने उन्हें पार्टी का पटका पहनाकर पार्टी के संविधान के प्रति आस्था जताने की शपथ दिलवाई. मनोज रावत ने विरोधियों द्वारा उन पर लगाये जा रहे विभिन्न आरोपों का खंडन करते हुए अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा उनका शराब नहीं, शिक्षा वाला नारा कई विपक्षियों को रास नहीं आ रहा है. ऐसे में वे उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.

केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने विगत पांच वर्षों में खर्च हुई विधायक निधि का हिसाब दिया. उन्होंने कहा विपक्षी दल भ्रामक प्रचार कर रहे हैं कि मनोज रावत अपनी विधायक निधि खर्च नहीं कर पाये. विगत पांच वर्षों में विधायक निधि में कुल 18 करोड़ 32 लाख रुपये आवंटित हुए थे. जिसमें से वे 18 करोड़ 21 लाख रूपए खर्च कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: बर्फबारी ले रही प्रत्याशियों की परीक्षा, कर्नल कोठियाल डोर टू डोर प्रचार में जुटे

मनोज रावत ने कहा उन्होंने न केवल सदन से बाहर, बल्कि सदन में भी सरकार की जनविरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध किया. इस बात की गवाही विधानसभा की कार्यवाही दे रही है. यही नहीं जो विपक्षी नेता कह रहे हैं कि मनोज रावत ने कोई विकास नहीं किया है, उन्हीं के गांव व स्कूल में उन्होंने विधायक निधि से कार्य कराये हैं.उन्हें क्षेत्र में मिल रहे अपार जन समर्थन से विपक्षी बौखला गये हैं. ऐसे में उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता पीएम मोदी की तुलना केदारनाथ से कर रहे हैं. भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ हमारे ईष्ट देव हैं. जिनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर उन पर आरोप लगा रहे हैं, जो सरासर गलत हैं, इनमें कुछ विधायक के प्रत्याशी भी हैं, जिनके खिलाफ चुनाव अधिकारियों से बातचीत की गई है.

आप को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विजय चमोला ने कहा कि वे कांग्रेस के उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा घोषणा पत्र से काफी प्रभावित हुए हैं. जिसमें, गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का भावनात्मक वादा करने के साथ ही घोषणा पत्र में युवा, महिला, बुजुर्ग, व्यापारी, किसान सहित सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनावी घोषणा पत्र से उत्तराखंड की जनता का विश्वास जीत लिया है.

वहीं, रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी मातबर सिंह कंडारी भी पूरे जोश और उत्साह के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं. उन्हें कांग्रेस प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह राणा, कांग्रेस सेवा दल के उपाध्यक्ष अंकुर रौथाण एवं कांग्रेस वरिष्ठ नेता ठाकुर गजेन्द्र पंवार का पूर्ण समर्थन मिल रहा है. पार्टी की ओर से इन नेताओं को निष्कासित नहीं किया गया है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.

कांग्रेस से दावेदारी पेश करने के बावजूद टिकट ना मिलने पर मातबर सिंह कंडारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. कंडारी ने कहा जनता किसी भी बगावती, धोखेबाज, भ्रष्टाचारी और दिशाहीन व्यक्ति को रुद्रप्रयाग की कमान नहीं सौंपना चाहती है. उन्होंने अपना पूरा जीवन रुद्रप्रयाग की जनता की सेवा को समर्पित किया है. इसीलिए रुद्रप्रयाग में जनता के बीच ईमानदार छवि के रूप में उनकी पहचान बनी हुई है.

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी को खुलेआम समर्थन देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी का दुष्प्रचार किया जा रहा है. ऐसे में जनता के बीच कांग्रेस की छवि खराब हो रही है. पार्टी की ओर से भी इन नेताओं को अभी निष्कासित नहीं किया गया है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी की बैचेनी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.

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