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भैरवनाथ के कपाट खुलते ही केदारनाथ में अब रोज होंगी 11 आरतियां, रावल भी पहुंचे धाम - केदारनाथ धाम में आरती

बाबा केदार के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में विधि विधान से 11 आरतियां भी शुरू हो गई हैं. इसके साथ ही केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग भी धाम पहुंच गए हैं.

भैरवनाथ
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Published : May 3, 2020, 6:23 PM IST

Updated : May 3, 2020, 8:43 PM IST

रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात बाबा केदार के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में विधि विधान से 11 आरतियां भी शुरू हो गई हैं. इसके साथ ही केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग भी धाम पहुंच गए हैं. महाराष्ट्र से आने से बाद रावल ऊखीमठ आवास पर होम क्वारंटीन थे. 14 दिनों के होम क्वारंटीन में रहने के बाद वे धाम पहुंचे.

इससे पहले 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे. इसके साथ-साथ मंगलवार या शनिवार को ही भैरवनाथ के कपाट खोले जाते हैं, जिसके बाद ही भगवान केदारनाथ में होने वाली 11 आरतियां भी शुरू होती हैं. शनिवार को सुबह के समय विधि-विधान से भगवान भैरवनाथ के कपाट खोले गये तो रात के समय आरतियां की गईं.

केदारनाथ में अब रोज होंगी 11 आरतियां

मान्यता है कि जब तक भैरवनाथ के कपाट नहीं खुलते, तब तक केदारनाथ की आरती भी नहीं होती है. भैरवनाथ को केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजा जाता है. भैरवनाथ का मंदिर केदारनाथ से तीन किमी दूर स्थित है. हर वर्ष लाखों यात्रि भैरवनाथ के दर्शन करते हैं. भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद अब नित्य सुबह और शाम को केदारनाथ की 11 आरतियां की जाएंगी.

केदारनाथ में आरती शुरू होने पर रावल भीमाशंकर लिंग भी धाम पहुंच गये हैं. महाराष्ट्र से आने के बाद रावल को होम क्वारन्टीन किया गया था. 14 दिनों तक होम क्वारन्टीन में रहने की वजह से वे कपाट खुलने के मौके पर भी धाम नहीं पहुंच पाए थे.

मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि भगवान भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ की आरती भी शुरू हो गई है. यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है, जिसका निर्वहन किया जा रहा है.

पढ़े: सेना ने कोरोना वॉरियर्स का अनोखे तरीके से किया सम्मान, कैबिनेट मंत्री कौशिक का सलाम

गौर हो कि केदारनाथ के रावल जगतगुरु 1008 भीमाशंकर लिंग रविवार को केदारनाथ पहुंचे. जहां पर वे विश्व शांति एवं कल्याण के लिए बाबा केदारनाथ की विशेष पूजा अर्चना करेंगे. बीते 19 अप्रैल को नांदेड़ महाराष्ट्र से ऊखीमठ पहुंचने के बाद रावल एवं उनके सेवादारों को क्वारंटाइन किया गया था. जिस कारण इस बार रावल कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ नहीं पहुंच पाए थे. रविवार को सुबह पांच बजे ओंकारेश्वर मन्दिर से रावल अपने दो सेवादारों के साथ केदारनाथ के लिए रवाना हुए. देर सांय वह केदारनाथ धाम पहुंच गए.

रावल भीमाशंकर लिंग 2001 से केदारपीठ रावल की गद्दी पर विराजमान हैं. बीते 20 वर्षों से परम्पराओं का पालन करते हुए प्रतिवर्ष वह कपाट खोलने के मौके पर केदारनाथ जाते रहे हैं, मगर इस बार कोविड-19 के चलते महाराष्ट्र से आने के बाद प्रशासन द्वारा उन्हें ओंकारेश्वर मन्दिर परिसर में स्थित रावल निवास में क्वारंटाइन किया गया था.

रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात बाबा केदार के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में विधि विधान से 11 आरतियां भी शुरू हो गई हैं. इसके साथ ही केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग भी धाम पहुंच गए हैं. महाराष्ट्र से आने से बाद रावल ऊखीमठ आवास पर होम क्वारंटीन थे. 14 दिनों के होम क्वारंटीन में रहने के बाद वे धाम पहुंचे.

इससे पहले 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे. इसके साथ-साथ मंगलवार या शनिवार को ही भैरवनाथ के कपाट खोले जाते हैं, जिसके बाद ही भगवान केदारनाथ में होने वाली 11 आरतियां भी शुरू होती हैं. शनिवार को सुबह के समय विधि-विधान से भगवान भैरवनाथ के कपाट खोले गये तो रात के समय आरतियां की गईं.

केदारनाथ में अब रोज होंगी 11 आरतियां

मान्यता है कि जब तक भैरवनाथ के कपाट नहीं खुलते, तब तक केदारनाथ की आरती भी नहीं होती है. भैरवनाथ को केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजा जाता है. भैरवनाथ का मंदिर केदारनाथ से तीन किमी दूर स्थित है. हर वर्ष लाखों यात्रि भैरवनाथ के दर्शन करते हैं. भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद अब नित्य सुबह और शाम को केदारनाथ की 11 आरतियां की जाएंगी.

केदारनाथ में आरती शुरू होने पर रावल भीमाशंकर लिंग भी धाम पहुंच गये हैं. महाराष्ट्र से आने के बाद रावल को होम क्वारन्टीन किया गया था. 14 दिनों तक होम क्वारन्टीन में रहने की वजह से वे कपाट खुलने के मौके पर भी धाम नहीं पहुंच पाए थे.

मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि भगवान भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ की आरती भी शुरू हो गई है. यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है, जिसका निर्वहन किया जा रहा है.

पढ़े: सेना ने कोरोना वॉरियर्स का अनोखे तरीके से किया सम्मान, कैबिनेट मंत्री कौशिक का सलाम

गौर हो कि केदारनाथ के रावल जगतगुरु 1008 भीमाशंकर लिंग रविवार को केदारनाथ पहुंचे. जहां पर वे विश्व शांति एवं कल्याण के लिए बाबा केदारनाथ की विशेष पूजा अर्चना करेंगे. बीते 19 अप्रैल को नांदेड़ महाराष्ट्र से ऊखीमठ पहुंचने के बाद रावल एवं उनके सेवादारों को क्वारंटाइन किया गया था. जिस कारण इस बार रावल कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ नहीं पहुंच पाए थे. रविवार को सुबह पांच बजे ओंकारेश्वर मन्दिर से रावल अपने दो सेवादारों के साथ केदारनाथ के लिए रवाना हुए. देर सांय वह केदारनाथ धाम पहुंच गए.

रावल भीमाशंकर लिंग 2001 से केदारपीठ रावल की गद्दी पर विराजमान हैं. बीते 20 वर्षों से परम्पराओं का पालन करते हुए प्रतिवर्ष वह कपाट खोलने के मौके पर केदारनाथ जाते रहे हैं, मगर इस बार कोविड-19 के चलते महाराष्ट्र से आने के बाद प्रशासन द्वारा उन्हें ओंकारेश्वर मन्दिर परिसर में स्थित रावल निवास में क्वारंटाइन किया गया था.

Last Updated : May 3, 2020, 8:43 PM IST
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