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रुद्रप्रयाग: अलकनंदा नदी में डंप किया जा रहा मलबा, जलीय जीवों पर मंडराया खतरा

रुद्रप्रयाग में सड़क कटिंग का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. जहां सड़क कटिंग का मलबा डालने के लिए डंपिंग जोन तो बनाया गया है, लेकिन सड़क का मलबा सीधे अलकनंदा नदी में फेंका जा रहा है. जिससे जल प्रदूषित होने के साथ ही जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.

Road debris in Alaknanda river
अलकनंदा नदी में सड़क का मलबा
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Published : Apr 6, 2022, 3:23 PM IST

Updated : Apr 6, 2022, 4:14 PM IST

रुद्रप्रयागः बदरीनाथ हाईवे पर सड़क कटिंग का कार्य चल रहा है, लेकिन सड़क कटिंग का मलबा डंपिंग जोन के बजाय अलकनंदा नदी में फेंका जा रहा है. जिस कारण नदी की पवित्रता धूमिल होने के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. मलबे की वजह से घाट और पैदल रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बावजूद इसके प्रशासन कोई संज्ञान नहीं ले रहा है. जिस पर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है.

बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के नजदीक आते ही बदरीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत कटिंग का कार्य भी शुरू हो गया है. इससे पहले विभाग और कार्यदायी संस्था पता नहीं कहां सोई हुई थी, जिसे यात्रा के एक माह पहले ही कटिंग करने की याद आई.

अलकनंदा नदी में डंप किया जा रहा मलबा.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह, GMVN को मिली 5 करोड़ की एडवांस बुकिंग

यात्रा शुरू होने में बचा महज एक महीना, पहाड़ कटिंग की याद अब आईः रुद्रप्रयाग से तीन किमी की दूरी पर तिलणी के पास पहाड़ी कटिंग का कार्य किया जा रहा है. यहां पर तीन सौ मीटर पहाड़ कटान का कार्य होना है, जिसके बाद राजमार्ग की चौड़ाई बढ़ जाएगी और लोगों को आवागमन में सहूलियत मिलेगी, लेकिन सवाल ये है कि चारधाम यात्रा शुरू होने में महज एक माह का समय शेष रह गया है और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि को अब पहाड़ कटिंग की याद आ रही है.

नदी प्रदूषण के साथ जलीय जीवों पर खतराः तिलणी के पास चल रहे इस कटिंग कार्य का मलबा सीधे अलकनंदा नदी में डाला जा रहा है, जिससे जल प्रदूषित होने के साथ ही जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन और एनएच विभाग की लापरवाही के कारण स्थानीय लोगों के घाट और पैदल रास्ते भी ध्वस्त हो गए हैं. कार्यदायी संस्था आरसीसी कंपनी की कार्यप्रणाली से स्थानीय जनता में रोष बना हुआ है.

ये भी पढ़ेंः पुनाड़ गदेरे में डाला जा रहा सड़क कटिंग का मलबा, मच सकती है भारी तबाही

यात्रा शुरू होने में मजह एक माह का समय शेष रह गया है और अब कटिंग का कार्य किया जा रहा है. ऐसे में बरसाती सीजन में पहाड़ी से नुकसान पहुंचने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. यात्रा के समय तीर्थयात्रियों को परेशानियां हो सकती हैं. बरसाती सीजन में पहाड़ी दरकने के ज्यादा चांस रहते हैं.

स्थानीय निवासी नरेंद्र बिष्ट ने कहा कि इन दिनों रुद्रप्रयाग के पास बदरीनाथ हाईवे पर तिलणी के पास सड़क चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है, लेकिन हाईवे कटिंग का मलबा सीधे अलकनंदा नदी में डाला जा रहा है. अलकनंदा नदी किनारे जगह-जगह इन दिनों मलबे के ढेर लगे हुए हैं. जो नदी को प्रदूषित कर रही है. कार्यदायी संस्था आरसीसी कंपनी की लापरवाही का खामियाजा बरसाती सीजन में तीर्थयात्रियों के साथ ही आम जनता को भुगतना पड़ सकता है.

क्या बोले डीएम मनुज गोयल? मलबा डालने के लिए डंपिंग जोन चिह्नित किए गए हैं, लेकिन मलबे को डंपिंग जोन में डालने के बजाय सीधे नदी में डाला जा रहा है. नदी में डाले जा रहे मलबे के कारण बरसात में भी खतरा पैदा हो सकता है. जिस पर जिलाधिकारी मनुज गोयल का कहना है कि यह एक गंभीर विषय है. इसकी जांच करवाकर तत्काल रूप से कार्रवाई की जाएगी.

रुद्रप्रयागः बदरीनाथ हाईवे पर सड़क कटिंग का कार्य चल रहा है, लेकिन सड़क कटिंग का मलबा डंपिंग जोन के बजाय अलकनंदा नदी में फेंका जा रहा है. जिस कारण नदी की पवित्रता धूमिल होने के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. मलबे की वजह से घाट और पैदल रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बावजूद इसके प्रशासन कोई संज्ञान नहीं ले रहा है. जिस पर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है.

बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के नजदीक आते ही बदरीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत कटिंग का कार्य भी शुरू हो गया है. इससे पहले विभाग और कार्यदायी संस्था पता नहीं कहां सोई हुई थी, जिसे यात्रा के एक माह पहले ही कटिंग करने की याद आई.

अलकनंदा नदी में डंप किया जा रहा मलबा.

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यात्रा शुरू होने में बचा महज एक महीना, पहाड़ कटिंग की याद अब आईः रुद्रप्रयाग से तीन किमी की दूरी पर तिलणी के पास पहाड़ी कटिंग का कार्य किया जा रहा है. यहां पर तीन सौ मीटर पहाड़ कटान का कार्य होना है, जिसके बाद राजमार्ग की चौड़ाई बढ़ जाएगी और लोगों को आवागमन में सहूलियत मिलेगी, लेकिन सवाल ये है कि चारधाम यात्रा शुरू होने में महज एक माह का समय शेष रह गया है और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि को अब पहाड़ कटिंग की याद आ रही है.

नदी प्रदूषण के साथ जलीय जीवों पर खतराः तिलणी के पास चल रहे इस कटिंग कार्य का मलबा सीधे अलकनंदा नदी में डाला जा रहा है, जिससे जल प्रदूषित होने के साथ ही जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन और एनएच विभाग की लापरवाही के कारण स्थानीय लोगों के घाट और पैदल रास्ते भी ध्वस्त हो गए हैं. कार्यदायी संस्था आरसीसी कंपनी की कार्यप्रणाली से स्थानीय जनता में रोष बना हुआ है.

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यात्रा शुरू होने में मजह एक माह का समय शेष रह गया है और अब कटिंग का कार्य किया जा रहा है. ऐसे में बरसाती सीजन में पहाड़ी से नुकसान पहुंचने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. यात्रा के समय तीर्थयात्रियों को परेशानियां हो सकती हैं. बरसाती सीजन में पहाड़ी दरकने के ज्यादा चांस रहते हैं.

स्थानीय निवासी नरेंद्र बिष्ट ने कहा कि इन दिनों रुद्रप्रयाग के पास बदरीनाथ हाईवे पर तिलणी के पास सड़क चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है, लेकिन हाईवे कटिंग का मलबा सीधे अलकनंदा नदी में डाला जा रहा है. अलकनंदा नदी किनारे जगह-जगह इन दिनों मलबे के ढेर लगे हुए हैं. जो नदी को प्रदूषित कर रही है. कार्यदायी संस्था आरसीसी कंपनी की लापरवाही का खामियाजा बरसाती सीजन में तीर्थयात्रियों के साथ ही आम जनता को भुगतना पड़ सकता है.

क्या बोले डीएम मनुज गोयल? मलबा डालने के लिए डंपिंग जोन चिह्नित किए गए हैं, लेकिन मलबे को डंपिंग जोन में डालने के बजाय सीधे नदी में डाला जा रहा है. नदी में डाले जा रहे मलबे के कारण बरसात में भी खतरा पैदा हो सकता है. जिस पर जिलाधिकारी मनुज गोयल का कहना है कि यह एक गंभीर विषय है. इसकी जांच करवाकर तत्काल रूप से कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Apr 6, 2022, 4:14 PM IST
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