ETV Bharat / state

नशे का शिकार हो रहे स्कूली बच्चे, बचपन बचाने के लिए जन जागरूकता अभियान - Awareness campaign against drug addiction

युवा पीढ़ी के साथ स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी नशे की जद में आ रही है. ऐसे में नशे के प्रति युवाओं और बच्चों को जागरुक करने के लिए देहरादून और रुद्रप्रयाग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अलग-अलग राज्यों से बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों ने कार्यक्रम में अपने सुझाव दिए है.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
author img

By

Published : Mar 18, 2021, 7:40 AM IST

Updated : Mar 18, 2021, 9:33 AM IST

देहरादून: देश के विभिन्न राज्यों में आज नशा एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. अब देश के युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी नशे के आदी होते जा रहे हैं. ऐसे में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से दो दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें देश के 13 राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों ने शिरकत कर नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने को लेकर अपनी राय रखी. वहीं, रुद्रप्रयाग में भी पुलिस गुरूजी पढ़ौला, अर नौना-नौनि तैं नई-नई बात बतलौला अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों में पब्लिक पुलिस चौपाल का आयोजन किया गया. जिसमें छात्रों को नशामुक्ति और साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया गया.

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की दो दिवसीय इस कार्यशाला में पहले दिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शिरकत की. वहीं, कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिरकत कर युवाओं और बच्चों में बढ़ती नशे की लत की रोकथाम को लेकर अपने सुझाव दिए. इस दौरान बाल सुरक्षा पर पंचायत प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण पुस्तक का विमोचन भी किया गया.

पढ़ें: PM की बैठक में शामिल हुए सीएम तीरथ, ग्राम पंचायतों में वैक्सीनेशन में तेजी के निर्देश

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नशे पर लगाम लगाना एक बहुत बड़ी चुनौती है. इसके लिए आवश्यक है कि नैतिक मूल्यों को बढ़ावा दिया जाए. वहीं, सर्वप्रथम बच्चों को उनकी मां द्वारा ही नैतिक मूल्यों का ज्ञान दिया जाता है. ऐसे में नशे से बच्चों को दूर करने में महिलाएं एक अहम योगदान निभा सकती हैं.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया इस कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न राज्यों से पहुंचे बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों ने नशे के बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने को लेकर अपने सुझाव दिए. जिसके तहत प्रदेश में भी एक बेहतर रणनीति बनाई जाएगी. इसके साथ ही नशे की लत का शिकार हो चुके बच्चों के पुनर्वास के लिए विशिष्ट बालगृह भी तैयार किया जाएगा. जिससे रेस्क्यू किए गए प्रत्येक बच्चे का नियंत्रण फॉलोअप किया जा सके.

गौरतलब है कि, प्रदेश के बच्चों में तेजी से बढ़ रही नशे की लत की रोकथाम के लिए पुलिस की ओर से ऑपरेशन सत्य नामक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके माध्यम से पिछले 3 सालों में 3 करोड़ से अधिक धनराशि के मादक पदार्थ पकड़े गए हैं. वहीं, 223 एफआईआर और 236 अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है जो नशा कारोबार में जुटे हुए थे.

रुद्रप्रयाग में छात्रों को नशामुक्ति के प्रति पुलिस ने किया जागरूक

पुलिस गुरूजी पढ़ौला, अर नौना-नौनि तैं नई-नई बात बतलौला अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों में पब्लिक पुलिस चौपाल का आयोजन किया गया. जिसमें पुलिस द्वारा छात्रों को नशामुक्ति और साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया गया. साथ ही इस प्रकार की घटनाओं के प्रति सचेत रहने की अपील की गई.

पढ़ें: ED के डिप्टी डायरेक्टर के परिवार पर जानलेवा हमला, 6 आरोपी गिरफ्तार

एसपी आयुष अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान समय में बढ़ रहे साइबर अपराधों के प्रति स्थानीय जनमानस और स्कूली छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं. ऊखीमठ ब्लाॅक के राइंका मनसूना के परिसर में आयोजित चौपाल में थानाध्यक्ष मुकेश थलेड़ी ने छात्रों को साइबर अपराध, यातायात व्यवस्था और महिला सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लगातार साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में हम सभी लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है. इसके अलावा यातायात नियमों का पालन करते हुए दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. अपने आस-पास महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की सूचना पुलिस को देने को कहा, ताकि समय से महिला की सुरक्षा की जा सके.

dehradun
नशा मुक्ति के खिलाफ जागरूकता अभियान

चौकी प्रभारी बसुकेदार नरेन्द्र सिंह नेगी ने राइंका बसुकेदार में छात्रों को साइबर अपराधों की जानकारी. उन्होंने बताया कि अपने एटीएम व खातों की जानकारी किसी से साझा न करने, ऑनलाइन ठगी से बचने के संबंध में जानकारी दी. साथ ही कोरोना वायरस के प्रति भी जागरूक रहने की अपील की. वर्तमान में प्रचलित कोरोना वायरस से बचाव किए जाने व अपनी पढ़ाई को अच्छे ढंग से किए जाने के प्रति भी जागरूक किया गया और अन्य लोगों को भी जागरूक करने की अपील की.

देहरादून: देश के विभिन्न राज्यों में आज नशा एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. अब देश के युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी नशे के आदी होते जा रहे हैं. ऐसे में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से दो दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें देश के 13 राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों ने शिरकत कर नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने को लेकर अपनी राय रखी. वहीं, रुद्रप्रयाग में भी पुलिस गुरूजी पढ़ौला, अर नौना-नौनि तैं नई-नई बात बतलौला अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों में पब्लिक पुलिस चौपाल का आयोजन किया गया. जिसमें छात्रों को नशामुक्ति और साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया गया.

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की दो दिवसीय इस कार्यशाला में पहले दिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शिरकत की. वहीं, कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिरकत कर युवाओं और बच्चों में बढ़ती नशे की लत की रोकथाम को लेकर अपने सुझाव दिए. इस दौरान बाल सुरक्षा पर पंचायत प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण पुस्तक का विमोचन भी किया गया.

पढ़ें: PM की बैठक में शामिल हुए सीएम तीरथ, ग्राम पंचायतों में वैक्सीनेशन में तेजी के निर्देश

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नशे पर लगाम लगाना एक बहुत बड़ी चुनौती है. इसके लिए आवश्यक है कि नैतिक मूल्यों को बढ़ावा दिया जाए. वहीं, सर्वप्रथम बच्चों को उनकी मां द्वारा ही नैतिक मूल्यों का ज्ञान दिया जाता है. ऐसे में नशे से बच्चों को दूर करने में महिलाएं एक अहम योगदान निभा सकती हैं.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया इस कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न राज्यों से पहुंचे बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों ने नशे के बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने को लेकर अपने सुझाव दिए. जिसके तहत प्रदेश में भी एक बेहतर रणनीति बनाई जाएगी. इसके साथ ही नशे की लत का शिकार हो चुके बच्चों के पुनर्वास के लिए विशिष्ट बालगृह भी तैयार किया जाएगा. जिससे रेस्क्यू किए गए प्रत्येक बच्चे का नियंत्रण फॉलोअप किया जा सके.

गौरतलब है कि, प्रदेश के बच्चों में तेजी से बढ़ रही नशे की लत की रोकथाम के लिए पुलिस की ओर से ऑपरेशन सत्य नामक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके माध्यम से पिछले 3 सालों में 3 करोड़ से अधिक धनराशि के मादक पदार्थ पकड़े गए हैं. वहीं, 223 एफआईआर और 236 अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है जो नशा कारोबार में जुटे हुए थे.

रुद्रप्रयाग में छात्रों को नशामुक्ति के प्रति पुलिस ने किया जागरूक

पुलिस गुरूजी पढ़ौला, अर नौना-नौनि तैं नई-नई बात बतलौला अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों में पब्लिक पुलिस चौपाल का आयोजन किया गया. जिसमें पुलिस द्वारा छात्रों को नशामुक्ति और साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया गया. साथ ही इस प्रकार की घटनाओं के प्रति सचेत रहने की अपील की गई.

पढ़ें: ED के डिप्टी डायरेक्टर के परिवार पर जानलेवा हमला, 6 आरोपी गिरफ्तार

एसपी आयुष अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान समय में बढ़ रहे साइबर अपराधों के प्रति स्थानीय जनमानस और स्कूली छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं. ऊखीमठ ब्लाॅक के राइंका मनसूना के परिसर में आयोजित चौपाल में थानाध्यक्ष मुकेश थलेड़ी ने छात्रों को साइबर अपराध, यातायात व्यवस्था और महिला सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लगातार साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में हम सभी लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है. इसके अलावा यातायात नियमों का पालन करते हुए दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. अपने आस-पास महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की सूचना पुलिस को देने को कहा, ताकि समय से महिला की सुरक्षा की जा सके.

dehradun
नशा मुक्ति के खिलाफ जागरूकता अभियान

चौकी प्रभारी बसुकेदार नरेन्द्र सिंह नेगी ने राइंका बसुकेदार में छात्रों को साइबर अपराधों की जानकारी. उन्होंने बताया कि अपने एटीएम व खातों की जानकारी किसी से साझा न करने, ऑनलाइन ठगी से बचने के संबंध में जानकारी दी. साथ ही कोरोना वायरस के प्रति भी जागरूक रहने की अपील की. वर्तमान में प्रचलित कोरोना वायरस से बचाव किए जाने व अपनी पढ़ाई को अच्छे ढंग से किए जाने के प्रति भी जागरूक किया गया और अन्य लोगों को भी जागरूक करने की अपील की.

Last Updated : Mar 18, 2021, 9:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.