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रुद्रप्रयाग में अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीणों में आक्रोश

रुद्रप्रयाग में लोगों को विद्युत कटौती का सामाना करना पड़ रहा है. जिससे लोगों में विभाग के प्रति रोष व्याप्त है.

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Published : May 9, 2021, 12:47 PM IST

रुद्रप्रयाग: विद्युत विभाग की लापरवाही से क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती होने से उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश है. कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने के साथ ही बिजली कटौती होने से यहां का जनमानस दोहरी मार झेलने को विवश है.अघोषित बिजली कटौती होने से लघु उद्योगों पर खासा असर देखने को मिल रहा है. बता दें की, केदारघाटी में विगत कई दिनों से विद्युत विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. बिजली कब गुल हो जाए, कहा नहीं जा सकता है.


विद्युत विभाग की ओर से बिजली कटौती करने से केदारनाथ व मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में नित्य होने वाला वेदपाठ भी प्रभावित हो रहा है. एक तरफ कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने से लोग घरों में कैद हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली कटौती होने से लोगों को घरों में समय व्यतीत करना मुश्किल हो गया है. बिजली कटौती होने से नौनिहालों की ऑनलाइन पढ़ाई पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है. वहीं छोटे उद्योगों पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है.

कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री आनंद सिंह रावत ने बताया कि केदारघाटी में लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से यहां के जनमानस को विद्युत कटौती की समस्या से निजात मिलेगी. मगर जब से केदारघाटी में लघु जल विद्युत परियोजनाएं बिजली उत्पादन करने लगी तब से बिजली कटौती अधिक होने से स्पष्ट हो गया है कि लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है.

पढ़ें: कोरोना मरीजों को अटल आयुष्मान का नहीं मिल रहा लाभ, स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जताई नाराजगी

यदुवीर सिंह रावत ने बताया कि शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार लघु उद्योगों का संचालन दोपहर एक बजे तक होना है. अधिकांश समय बिजली कटौती होने से आटा चक्कियों पर खासी भीड़ देखने को मिल रही है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह राणा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने के साथ बिजली कटौती होने की दोहरी मार झेलने के लिए यहां जनमानस विवश बना हुआ है. प्रधान बुरूवा श्रीमती सरोज भटट् ने बताया कि नौनिहालों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है.

रुद्रप्रयाग: विद्युत विभाग की लापरवाही से क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती होने से उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश है. कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने के साथ ही बिजली कटौती होने से यहां का जनमानस दोहरी मार झेलने को विवश है.अघोषित बिजली कटौती होने से लघु उद्योगों पर खासा असर देखने को मिल रहा है. बता दें की, केदारघाटी में विगत कई दिनों से विद्युत विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. बिजली कब गुल हो जाए, कहा नहीं जा सकता है.


विद्युत विभाग की ओर से बिजली कटौती करने से केदारनाथ व मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में नित्य होने वाला वेदपाठ भी प्रभावित हो रहा है. एक तरफ कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने से लोग घरों में कैद हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली कटौती होने से लोगों को घरों में समय व्यतीत करना मुश्किल हो गया है. बिजली कटौती होने से नौनिहालों की ऑनलाइन पढ़ाई पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है. वहीं छोटे उद्योगों पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है.

कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री आनंद सिंह रावत ने बताया कि केदारघाटी में लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से यहां के जनमानस को विद्युत कटौती की समस्या से निजात मिलेगी. मगर जब से केदारघाटी में लघु जल विद्युत परियोजनाएं बिजली उत्पादन करने लगी तब से बिजली कटौती अधिक होने से स्पष्ट हो गया है कि लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है.

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यदुवीर सिंह रावत ने बताया कि शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार लघु उद्योगों का संचालन दोपहर एक बजे तक होना है. अधिकांश समय बिजली कटौती होने से आटा चक्कियों पर खासी भीड़ देखने को मिल रही है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह राणा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने के साथ बिजली कटौती होने की दोहरी मार झेलने के लिए यहां जनमानस विवश बना हुआ है. प्रधान बुरूवा श्रीमती सरोज भटट् ने बताया कि नौनिहालों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है.

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