चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की वेबसाइट पर हिंदी भाषा के इस्तेमाल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पोर्टल को हिंदी थोपने के लिए प्रोपेगेंडा टूल तक सीमित कर दिया गया है.
माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) प्रमुख ने कहा, "एलआईसी की वेबसाइट को हिंदी थोपने के लिए प्रोपेगेंडा टूल तक सीमित कर दिया गया है. यहां तक कि इसमें अंग्रेजी चुनने का विकल्प भी हिंदी में डिस्प्ले किया जा रहा है!"
'हिंदी थोपना बंद करो'
स्टालिन ने पूछा, "यह और कुछ नहीं बल्कि बलपूर्वक एक सांस्कृतिक और भाषा थोपना है, जो भारत की विविधता को कुचल रहा है. एलआईसी सभी भारतीयों के संरक्षण से विकसित हुआ है. इसकी हिम्मत कैसे हुई कि वह अपने अधिकांश कॉन्ट्रिब्यूटर्स को धोखा दे?" उन्होंने कहा कि हम इस भाषाई अत्याचार को तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं. सीएम ने पोस्ट में 'हिंदी थोपना बंद करो' हैशटैग भी जोड़ा.
The LIC website has been reduced to a propaganda tool for Hindi imposition. Even the option to select English is displayed in Hindi!
— M.K.Stalin (@mkstalin) November 19, 2024
This is nothing but cultural and language imposition by force, trampling on India's diversity. LIC grew with the patronage of all Indians. How… pic.twitter.com/BxHzj28aaX
वहीं, मामले में पट्टाली मक्कल कच्ची (PMK) के संस्थापक डॉ एस रामदास ने भी इसे अन्य भाषा बोलने वाले लोगों पर हिंदी को स्पष्ट रूप से थोपना करार दिया. रामदास ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "केंद्र और केंद्र सरकार की एजेंसियां लंबे समय से तमिल समेत अन्य भाषा बोलने वाले लोगों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रही हैं. भले ही वे इस कोशिश में कई बार जल जाएं, लेकिन वे कभी हार नहीं मानते."
तमिल भाषा सेवा शुरू करे एलआईसी
उन्होंने आगे कहा कि चाहे केंद्र सरकार हो या एलआईसी, उन्हें यह समझना चाहिए कि वे सभी लोगों के हैं, न कि केवल हिंदी भाषी लोगों के. एलआईसी की वेबसाइट का होम पेज तुरंत अंग्रेजी में बदल दिया जाना चाहिए. एलआईसी को तुरंत तमिल भाषा सेवा शुरू करनी चाहिए क्योंकि वेबसाइट पर अभी केवल हिंदी और अंग्रेजी द्विभाषी सेवाएं हैं.
पिछले कई महीनों से एमके स्टालिन और उनके डिप्टी उदयनिधि स्टालिन तमिल संस्कृति और भाषा के संरक्षण के बारे में बात कर रहे हैं. अक्टूबर में स्टालिन ने एक समारोह में राज्य गान में 'द्रविड़' के संदर्भ में छूटे हुए वाक्य को लेकर राज्यपाल आरएन रवि से कई सवाल पूछे थे. यह घटना दूरदर्शन चेन्नई में हिंदी माह समारोह के दौरान हुई, जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया.
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