रुद्रप्रयाग:ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य के चलते सड़कों की ऐसी हालत हो गई है कि केदारनाथ हाईवे पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है. बारिश होने पर राजमार्ग पर मलबा और बोल्डर गिरने लगते हैं तो धूप के समय पहाड़ी दरकने लगती है. लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खुदी सड़कें, दरकती पहाड़ियां और धुंए के गुबार यात्रियों के सफर को और भी डरावना बना रहे हैं.
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग केदारनाथ यात्रा के साथ ही केदारघाटी की जनता के लिए लाइफ लाइन है. इस लाइफ लाइन पर इन दिनों सफर करना किसी खतरे से कम नहीं है. बारिश से राजमार्ग पर जगह-जगह डेंजर जोन बन गये हैं. बारिश के बाद धूप से चटकती पहाड़ियां लगातार गिर रही हैं. जिससे बोल्डर राजमार्ग पर गिर रहे हैं, इसके अलवा भूस्खलन से आया मलबा भी लोगों की परेशानियों को बढ़ाने का काम कर रहा है. जिसके कारण रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है.
पढ़ें-कुमाऊं में इस जगह से था महात्मा गांधी को प्रेम, अब बदलेगी तस्वीर
राजमार्ग पर लगातार होते काम के कारण धूल उड़ने से भी यात्री परेशान हैं. यात्रियों को धूल बीमारियां होने का डर सता है. राजमार्ग की स्थिति ऐसी हो गई है कि दो घंटे के सफर को पूरा करने के लिए चार से पांच घंटे लग रहे हैं. जिसके कारण स्थानीय लोगों और यात्रियों में ऑल वेदर निर्माण कार्य करने वाली संस्था के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है.
पढ़ें-'मौत' को न्योता दे रहीं बेरहम सड़कें, सिस्टम को नहीं पड़ता कोई फर्क
राजमार्ग के भटवाड़ीसैंण, नौलापानी, बांसबाड़ा, जामू नर्सरी, डोलिया देवी सहित अन्य स्थानों पर डेंजर जोन सक्रिय हो चुके हैं. जिससे यहां पर हर समय राजमार्ग बंद हो रहा है. राजमार्ग पर सफर कर रहे यात्रियों ने कार्यदायी संस्था की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाये हैं. यात्रियों का कहना है कि कार्यदायी संस्था नियमों को ताक पर रखकर कार्य कर रही है.