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केदारनाथ में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का बढ़ा जल स्तर, डूबे घाट

केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को अब घाट नहीं दिखेंगे. मलबा आने से मंदाकिनी और अलकनंदा नदी के घाट डूब गए हैं.

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Published : Aug 20, 2019, 8:26 PM IST

केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को अब नहीं दिखेंगे घाट.

रुद्रप्रयाग: करोड़ों की लागत से अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी के किनारे बनाए गए घाटों का इन दिनों कोई अता-पता नहीं चल रहा है. नदी का जल स्तर बढ़ने से घाटों तक पानी भर गया है.कई घाटों पर मलबा जमा हो गया है.

केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को अब नहीं दिखेंगे घाट.
घाटों के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट एवं शौचालयों के दरवाजे भी पानी के तेज बहाव में बह गए हैं. लोगों का कहना है कि घाटों का निर्माण कार्य सही तरीके से न होने के कारण ऐसी स्थिति हुई है.

नमामि गंगे योजना के तहत ये घाट यात्रियों को आकर्षित करने और बैठने के लिए ये घाट बनाए गए थे. बरसाती सीजन में ये घाट कचरे का ढेर बने हुए हैं. घाटों का कुछ हिस्सा नदी में डूब गया है, वहीं बचे हिस्से में सिर्फ और सिर्फ मलबा है.

यह भी पढ़े-दो दिनों से केदारनाथ हाई-वे बंद, मंडरा रहा भू-स्खलन का खतरा

अभी दो माह की यात्रा शेष है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को घाटों के दर्शन के बजाय मलबा ही दिखाई देगा.सोचने वाली बात यह है कि नमामि गंगे योजना के तहत पिछले साल ही रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के तटों पर इन घाटों का निर्माण किया गया था.

इन दिनों अलकनंदा नदी अपने स्तर से 15 से 20 फीट ऊपर बह रही है. घाटों पर दस फीट तक सिर्फ मलबा भरा है. घाट किनारे स्थित चबूतरे पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. घाट किनारे स्थित स्ट्रीट लाइटें भी खराब हो गईं हैं. अलकनंदा अभी भी उफान पर है.

नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी संजय रावत ने कहा कि अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से नगरपालिका को भारी नुकसान हुआ है.

रुद्रप्रयाग: करोड़ों की लागत से अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी के किनारे बनाए गए घाटों का इन दिनों कोई अता-पता नहीं चल रहा है. नदी का जल स्तर बढ़ने से घाटों तक पानी भर गया है.कई घाटों पर मलबा जमा हो गया है.

केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को अब नहीं दिखेंगे घाट.
घाटों के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट एवं शौचालयों के दरवाजे भी पानी के तेज बहाव में बह गए हैं. लोगों का कहना है कि घाटों का निर्माण कार्य सही तरीके से न होने के कारण ऐसी स्थिति हुई है.

नमामि गंगे योजना के तहत ये घाट यात्रियों को आकर्षित करने और बैठने के लिए ये घाट बनाए गए थे. बरसाती सीजन में ये घाट कचरे का ढेर बने हुए हैं. घाटों का कुछ हिस्सा नदी में डूब गया है, वहीं बचे हिस्से में सिर्फ और सिर्फ मलबा है.

यह भी पढ़े-दो दिनों से केदारनाथ हाई-वे बंद, मंडरा रहा भू-स्खलन का खतरा

अभी दो माह की यात्रा शेष है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को घाटों के दर्शन के बजाय मलबा ही दिखाई देगा.सोचने वाली बात यह है कि नमामि गंगे योजना के तहत पिछले साल ही रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के तटों पर इन घाटों का निर्माण किया गया था.

इन दिनों अलकनंदा नदी अपने स्तर से 15 से 20 फीट ऊपर बह रही है. घाटों पर दस फीट तक सिर्फ मलबा भरा है. घाट किनारे स्थित चबूतरे पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. घाट किनारे स्थित स्ट्रीट लाइटें भी खराब हो गईं हैं. अलकनंदा अभी भी उफान पर है.

नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी संजय रावत ने कहा कि अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से नगरपालिका को भारी नुकसान हुआ है.

Intro:केदारनाथ एवं बद्रीनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों नहीं दिखेंगे घाट
मलबे से अटे पड़े हैं मंदाकिनी और अलकनंदा नदी किनारे घाट
नमामि गंगे योजना के तहत करोड़ों की लागत से बनाये गये हैं घाट
शौचालयों के दरवाजे, स्ट्रीट लाइट एवं बैट्रियां हुई गायब
सही तरीके से नहीं किया गया है घाटों का निर्माण, यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
रुद्रप्रयाग - करोड़ों की लागत से अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी किनारे बनाये गये घाटों का इन दिनों कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है। तेज बारिश के कारण घाटों तक पानी भरा है तो कई घाटों में मलबा जमा हो गया है। ऐसे में वे दिखाई ही नहीं दे रहे हैं, जबकि घाटों के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट एवं शौचालयों के दरवाजें नदियों में बह गये हैं। घाटों का निर्माण कार्य सही तरीके से न होने के कारण आज स्थिति ऐसी बनी हुई है। Body:नमामि गंगे योजना के तहत ये घाट यात्रियों को आकर्षित करने के लिये बनाये गये थे, ताकि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्री आये और नदि कैनारे बैठकर प्रकृति का आनंद लें, लेकिन बरसाती सीजन में ये घाट कचरे का ढेर बने हुये हैं। अभी दो माह की यात्रा शेष है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को घाटों के दर्शन के वजाय मलबा ही दिखाई देगा। नमामि गंगे योजना के तहत पिछले वर्ष ही रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के तटों पर घाटों का निर्माण करोड़ों रूपये की लागत से किया गया था, लेकिन आज इन घाटों का नदी के मलबे के बीच कुछ अता-पता नहीं चल पा रहा हैं। जहां घाटों का कुछ हिस्सा नदी के बीच समा रखा है, वहीं बचे हिस्से में सिर्फ और सिर्फ मलबा है। घाटों पर स्थित शौचालयों को भी क्षति पहुंची है। शौचालयों के दरवाजे भी नदी के तेज बहाव में बह गये हैं।
इन दिनों अलकनंदा नदी अपने स्तर से 15 से 20 फीट ऊपर तक बह रही है। घाटों पर दस फीट तक सिर्फ मलबा भरा है। घाट किनारे स्थित चबूतरे पूरी तरह से पानी में डूबे हुये हैं। चबूतरों का सिर्फ उपरी हिस्सा ही पानी से बाहर है। घाट किनारे स्थित स्ट्रीट लाइटें भी खराब हो गई हैं। अभी भी अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है।
नगरपालिका रुद्रप्रयाग के अधिशासी अधिकारी संजय रावत ने कहा कि अलकनंदा नदि का जल स्तर बढ़ने के कारण घाटों पर स्थित शौचालयों के दरवाजे बह गये हैं। जबकि घाटों पर मलबा एकत्रित हो गया है। जिस कारण पालिका को भारी नुकसान हुआ है।
बाइट - संजय रावत, अधिशासी अधिकारी नगर पालिकाConclusion:
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