रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरू होने में अभी डेढ़ माह माह का वक्त बाकी है, लेकिन अभी से ही होटलों, लॉजों में बुकिंग आने लगी हैं. कुछ होटल ऐसे भी हैं, जिनकी बुकिंग फुल हो चुकी है. एडवांस बुकिंग आने से होटल संचालकों ने अपने प्रतिष्ठानों को रंग-रोगन से सजाना शुरू कर दिया है. हालांकि, होटल और लॉज व्यवसायियों में अभी भी कोरोना का खौफ है. कोरोना के मरीज जिस तरह से लगातार बढ़ रहे हैं, उसका असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ सकता है. लिहाजा, उनके माथे पर चिंता है कि इस बार भी यात्रा पिछले साल की तरह ही न गुजर जाए.
बता दें कि भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए आगामी 17 मई को खोले जाएंगे. प्रशासनिक स्तर पर भी यात्रा तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसके अलावा यहां के होटल, लॉज व्यवसायियों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. लोगों को उम्मीद है कि इस बार यात्रा बेहतर चलेगी. कई होटल-लॉजों में एडवांस बुकिंग आनी भी शुरू हो गई हैं. हालांकि, यात्रा को लेकर तैयारियां कर रहे लोगों में अभी भी कोरोना का भय बना हुआ है. बीते साल भी कोरोना महामारी का चारधाम यात्रा पर बुरा प्रभाव पड़ा था.
यहां के अधिकांश लोग यात्रा न चलने के कारण बेरोजगार हो गए थे. केदारघाटी की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी केदारनाथ यात्रा पर निर्भर है. ऐसे में जनता को इस बार यात्रा से बहुत उम्मीद है. लोग दो साल से यात्रा चलने का इंतजार कर रहे हैं. बीते सीजन में एक माह की यात्रा चली थी, जो नाकाफी थी. लेकिन, इस बार यात्रा चलने से हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
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केदारनाथ की यात्रा 6 महीने तक चलती है और यात्रा से होटल, ढाबा, घोड़े-खाच्चर, डंडी-कंडी मजदूरों के साथ ही टूर एंड ट्रेवल्स संचालकों का भी रोजगार चलता है. साल 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ कपाट खुलने के मौके पर वीवीआईपी लोगों की आमद बढ़ी है. जिससे यात्रा अपने चरम पर आ गई है, लेकिन बीते साल कोरोना के चलते एक बार फिर यात्रा रूक गई.
यात्रा के मुख्य पड़ाव मयाली-सुमाड़ी में समस्याओं का अंबार
चारधाम यात्रा शुरु होने में महज अब डेढ़ माह का समय शेष बचा है. 14 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा, लेकिन अभी तक यात्रा के मुख्य पड़ावों पर नागरिक सुविधाएं व्यवस्थित नहीं हो पाई हैं. गंगोत्री-यमुनोत्री समेत बद्री-केदार यात्रा के अहम पड़ाव मयाली और सुमाड़ी में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं हैं. जिसका खामियाजा आगामी यात्रा सीजन में देश-विदेश से यहां पहुंचने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ सकता है.
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गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के दर्शन करने के बाद अधिकांश तीर्थयात्री बद्री-केदार दर्शन के लिए टिहरी-घनसाली-तिलवाड़ा मोटरमार्ग के जरिये आते हैं. हर बार देखा गया है कि मयाली-सुमाड़ी में तंग सड़कें होने, नालियों के न बने होने, शौचालय, बैठने के लिए पार्क, वाहन पार्किंग की व्यवस्था न होने से यहां अक्सर जाम की स्थिति रहती है. जिससे आम जनता समेत तीर्थयात्रियों को भी काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. मयाली और सुमाड़ी बाजार में सबसे बड़ी समस्या कूड़ा निस्तारण की हैं. दोनों मुख्य पड़ावों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं.