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रुद्रप्रयाग: प्रशासन ने एक परिवार को किया इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन, लोगों ने उठाए सवाल

देहरादून से अपने घर आ रहे एक परिवार को प्रशासन व पुलिस ने सचिन होटल में बनाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भेज दिया है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके घर में अकेले बुजुर्ग रह रहे हैं, जिनकी स्थिति काफी खराब है.

Rudraprayag
प्रशासन ने किया एक परिवार इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन
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Published : Apr 16, 2020, 9:12 PM IST

रुद्रप्रयाग: देहरादून से अपने घर आ रहे एक परिवार को प्रशासन व पुलिस ने सचिन होटल में बनाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भेज दिया गया है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके घर में अकेले बुजुर्ग रह रहे हैं, जिनकी स्थिति काफी खराब है.

बता दें, मामला रुद्रप्रयाग से सामने आया है. बृहस्पतिवार को एक दंपति बच्चों के साथ देहरादून से अपने घर सन गांव आ रहे थे, लेकिन, उन्हें सिरोहबगड़ चौकी पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने रोककर सीधे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भेज दिया.

उन्होंने बताया कि उनके पिता, जो 87 वर्ष के हैं और गांव में अकेले हैं जिनकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है. उनके स्वास्थ्य की देख-रेख के लिए वे परिवार के साथ गांव आ रहे थे. परिवार के सदस्यों ने बताया कि प्रशासन और पुलिस के द्वारा लोगों के साथ दोहरा आचरण किया जा रहा है.

पढ़े- लॉकडाउन 2.0 का उल्लंघन करने वालों को नहीं बख्शेगी पुलिस, माहौल बिगाड़ने वालों पर लगाएगी रासुका

दरअसल, बीती 12 अप्रैल को उनके ही गांव के कुछ लोग देहरादून से आए, लेकिन उन्हें बिना किसी पूछताछ के सीधे घर जाने दिया गया. उन्होंने बताया कि जिस होटल में उन्हें क्वारंटाइन किया गया है, वहां साफ-सफाई नहीं है. साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन तक उपलब्ध नहीं है. इस पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है.

रुद्रप्रयाग: देहरादून से अपने घर आ रहे एक परिवार को प्रशासन व पुलिस ने सचिन होटल में बनाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भेज दिया गया है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके घर में अकेले बुजुर्ग रह रहे हैं, जिनकी स्थिति काफी खराब है.

बता दें, मामला रुद्रप्रयाग से सामने आया है. बृहस्पतिवार को एक दंपति बच्चों के साथ देहरादून से अपने घर सन गांव आ रहे थे, लेकिन, उन्हें सिरोहबगड़ चौकी पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने रोककर सीधे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भेज दिया.

उन्होंने बताया कि उनके पिता, जो 87 वर्ष के हैं और गांव में अकेले हैं जिनकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है. उनके स्वास्थ्य की देख-रेख के लिए वे परिवार के साथ गांव आ रहे थे. परिवार के सदस्यों ने बताया कि प्रशासन और पुलिस के द्वारा लोगों के साथ दोहरा आचरण किया जा रहा है.

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दरअसल, बीती 12 अप्रैल को उनके ही गांव के कुछ लोग देहरादून से आए, लेकिन उन्हें बिना किसी पूछताछ के सीधे घर जाने दिया गया. उन्होंने बताया कि जिस होटल में उन्हें क्वारंटाइन किया गया है, वहां साफ-सफाई नहीं है. साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन तक उपलब्ध नहीं है. इस पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है.

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