रुद्रप्रयाग: जिला प्रशासन ने अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में बीचोंबीच स्थित एक मकान को उच्च न्यायालय के निर्देशों पर धवस्त कर दिया. प्रशासन की इस कार्रवाई से नगर क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. चार मंजिला इस मकान पर तीन दुकानों सहित अन्य किरायेदारों से कमरे खाली कराये गए, जिसके बाद पूरे मकान को ध्वस्त किया गया.
मंगलवार को तहसीलदार रुद्रप्रयाग एवं पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में अगस्त्यमुनि के न्यू मार्केट में 18 वर्ष पुराने मकान को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गयी. जानकारी देेते हुए तहसीलदार मंजू राजपूत ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार इस भवन को तोड़ा गया है, जिसकी जानकारी भवन मालिक राजीव नेगी निवासी बुटोल गांव चन्द्रापुरी को एक माह पूर्व दी जा चुकी थी. साथ ही नियमानुसार कार्रवाई करते हुए किरायेदारों और मकान मालिक को दुकान खाली करने के नोटिस पूर्व में दिये जा चुके थे, जिस पर कोई भी अमल नहीं किये जाने के बाद भवन को ध्वस्त किया गया.
साथ ही 13 अप्रैल को एक और भवन को भी तोड़ा जाना है, जिसके लिए भवन स्वामी कैलाश भट्ट को पूर्व में नोटिस दिया जा चुका है. भवन स्वामी राजीव नेगी ने कहा कि वर्ष 2004 में जब वे मकान बना रहे थे तो प्रशासन की ओर से चालान किया गया. जिसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जहां पर फैसला उनके पक्ष में नहीं आया और ऊंची पहचान न होने के कारण उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि उनके जैसे अभी कई मामले लंबित हैं. इस भवन पर विगत कई वर्षो से अपना रोजगार चलाने वाले अंजली मेडिकोज के मालिक जगदम्बा सकलानी ने कहा कि सुबह जब वे दुकान पर बैठे थे तो तहसीलदार ने उन्हें दुकान से सामान बाहर निकालने के आदेश दिए, जबकि उनकी ओर से दो दिन का समय मांगा गया. मगर, तहसीलदार ने साफ मना कर दिया. जिसके बाद आनन-फानन में उन्होंने सामान बाहर निकाला. इसी भवन पर डेन्टल व्यवसायी ललित रावत ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि प्रशासन ने इतनी बड़ी कार्रवाई की है.