रुद्रप्रयाग: केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों का देवस्थानम बोर्ड के विरोध में क्रमिक अनशन को एक महीना पूरा हो गया है. आचार्य संतोष त्रिवेदी आधे कपड़े पहने दो महीने से धरना दे रहे हैं. बदरी-केदार मंदिर के प्रांगण में तीर्थ पुरोहित अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर डटे हुए हैं. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि जब तक सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग कर बीकेटीसी का पुनः गठन नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
दरअसल जब से देवस्थानम बोर्ड का गठन हुआ है, तब से लेकर चारधामों के तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश बना हुआ है. उनकी मांग है कि सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग कर बदरी-केदार मंदिर समिति का पुनः गठन करे, जिससे व्यवस्थाएं पूर्व की भांति रहें. इस मामले को लेकर तीर्थ पुरोहितों का प्रदेश सरकार के खिलाफ क्रमिक अनशन को एक महीने का समय पूरा हो गया है. हालांकि आचार्य संतोष त्रिवेदी पिछले 2 महीने से इस आंदोलन में डटे हुए हैं. तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि सरकार उन पर देवस्थानम बोर्ड को थोपने का कार्य कर रही है. इसके गठन के बाद से केदारनाथ मंदिर के साथ ही अन्य मंदिरों की हालत और भी बदतर हो गई है.
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जानकारी के मुताबिक बदरी-केदार मंदिर समिति ही केदारनाथ मंदिर की देखभाल करती है. बताया जा रहा है कि पुरोहितों के हितों के साथ कभी भी खिलवाड़ नहीं किया गया. समिति तीर्थ पुरोहितों के साथ हमेशा खड़ी रही और उनका हर कदम पर साथ दिया. मगर राज्य सरकार ने जब से देवस्थानम बोर्ड को लागू किया है, तब से ये व्यवस्था समाप्त हो गई है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि उनके विरोध के बावजूद भी सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. वहीं, तीर्थ पुरोहितों ने प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की है.