रुद्रप्रयागः सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाली 2020 की केदारनाथ यात्रा में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे. जिलाधिकारी ने सभी विभागों से एक-एक अधिकारी को वैष्णो देवी यात्रा पर भेजा था. जिन्हें वहां की यात्रा को देखकर केदारनाथ यात्रा में किये जाने वाले बदलाव में सुझाव देने थे. वैष्णो देवी से लौटने के बाद अधिकारियों ने जिलाधिकारी से अनुभव साझा करते हुए सुझाव दिये हैं. यदि इन सुझावों पर कार्य किया गया तो केदारनाथ की यात्रा में तीर्थयात्रियों को अगले वर्ष से कई बदलाव दिखाई देंगे, जिससे केदारनाथ यात्रा में भारी इजाफा होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा चार धामों में सबसे कठिन यात्रा मानी जाती है और केदारनाथ आपदा के बाद से यात्रा में हर साल यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. माना जा रहा है कि आने वाले सालों में और ज्यादा संख्या में यात्री केदार धाम पहुंचेंगे. ऐसे में जिला प्रशासन और श्री बदरी-केदार मंदिर समिति तैयारियों में जुट गया है.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की ओर से केदारनाथ यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, नगर पालिका, स्वजल, जल संस्थान, उरेडा विभाग, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, सुलभ इंटरनेशनल के अधिकारियों को वैष्णो देवी भेजा गया था, जिन्हें वहां की परिस्थितियों को देखते हुए केदारनाथ यात्रा में सुझाव देने थे.
अधिकारियों ने लौटने के बाद अपने सुझाव जिलाधिकारी के समक्ष रखे हैं. इन सुझावों पर यदि कार्य किया गया तो अगले वर्ष केदारनाथ की यात्रा में तीर्थयात्रियों को कई बदलाव देखने को मिलेंगे. केदारनाथ यात्रा पर रामबाड़ा वैकल्पिक मार्ग में लीद से कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए गड्डे बनाने, जिससे लीद इकठ्ठा कर कम्पोस्ट बनाई जाए और घोड़े खच्चरों के लिये भीमबली के समीप स्थाई संरचना बनाने के लिए कहा गया है.
इसके अलावा आगामी यात्रा में सभी हेली कंपनियों को अनिवार्य रूप से अपनी एम्बुलेंस रखनी होगी जोकि हेली रेस्क्यू वाले यात्रियों को अस्पताल पहुंचाएगी. सभी घोड़े-खच्चर-डंडी-कंडी संचालकों की यूनिफॉर्म रहेगी, जिससे आसानी से उनकी पहचान हो सके. घोड़े खच्चरों के लिए चेतक भवन नाम से आवास, गुणवत्ता युक्त चरी, आरएफ टैगिंग, शॉर्ट कट रास्तों पर सीढ़ियों के निर्माण कर सीढ़ी की संख्या अंकित की जाएगी.
गौरीकुंड से केदारनाथ 18 किमी पैदल यात्रा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने मसाज सेंटर खोले जाने की योजना बनाई है. इन मसाज सेंटरों में यात्री थकान दूर करेंगे और आसानी से पैदल मार्ग की दूरी भी तय कर पायेंगे. इस कार्य के लिए पर्यटन विभाग को कार्य योजना बनाने को कहा गया है. अब पर्यटन विभाग और जिला आपदा प्रबन्धन विभाग सर्वे कर स्थानों का चयन करेगा और उन स्थानों पर मसाज सेंटर खोले जाएंगे.
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बता दें कि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने तैनाती के बाद से यात्रा में नये-नये बदलाव किये हैं, जिसका लाभ यात्रियों को मिल रहा है. पिछले वर्ष से जिलाधिकारी की पहल पर यात्रा मार्गों पर वार्म रूम स्थापित किये जा रहे हैं. इससे तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम में अधिक ठंड लगने पर गर्मी का अहसास कराया जा रहा है. इससे हार्टअटैक के चांस भी कम हो जाते हैं और अब मसाज सेंटर स्थापित होने के बाद तो यात्रियों को काफी आराम मिलेगा.
ये मसाज सेंटर केदारनाथ यात्रा के लिए मील का पत्थर साबित होंगे. भगवान केदारनाथ की यात्रा में निरन्तर हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को किस प्रकार यात्रा मार्गों पर सुविधाएं और यात्रा को हाईटेक बनाया जाए, इसको लेकर केन्द्र से लेकर राज्य सरकार कार्ययोजना में जुटी हुई है.अब देखना होगा कि ये योजनाएं धरातल पर उतरती भी हैं या फिर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को सपने ही दिखाये जा रहे हैं.