रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग बर्फ से ढका हुआ है. पैदल मार्ग पर अभी भी पांच फीट से अधिक बर्फ है, जबकि ग्लेशियर प्वाइंट पर बीस फीट तक के ग्लेशियर बने हुए हैं. वहीं मार्ग में तकरीबन 20 से 30 विद्युत पोल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, हालांकि प्रशासन की टीम 20 फरवरी से पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का काम शुरु करेगी.
बता दें कि बीते दिनों लगातार हुई बर्फबारी से केदारनाथ धाम में आठ से दस फीट तक बर्फ जम गई थी, लेकिन अभी भी केदारनाथ धाम में पांच फीट तक बर्फ है. पैदल मार्ग पर पांच से छह स्थानों पर बीस फीट तक के ग्लेशियर बन गये हैं. इसके अतिरिक्त केदारनाथ धाम में बीस से तीस विद्युत पोल क्षतिग्रस्त हो गये हैं. केदारनाथ धाम में तीन माह से संचार, विद्युत और पेयजल की व्यवस्था ठप है. रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर स्थित पैदल पुल एक तरफ टूट चुका है.
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आगामी 21 फरवरी को केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित होगी, जिसके बाद यात्रा तैयारियां भी शुरू होंगी. प्रशासन के लिए दो माह के भीतर केदारनाथ धाम में पैदल मार्ग पर आवाजाही, संचार, पेयजल और विद्युत व्यवस्था सुचारू करना चुनौती होगी.
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जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि पैदल मार्ग पर पांच फीट से अधिक बर्फ अभी भी है. जबकि ग्लेशियर प्वाइंट पर बीस फीट तक बर्फ जमी हुई है. आगामी बीस फरवरी से पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरू होगा और फिर अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएंगी.