रुद्रप्रयाग: शनिवार को तीसरे दिन मौसम साफ होने के बाद केदारनाथ धाम फिर से शुरू हो गई है. यात्री शुरू होने के बाद 104 तीर्थ यात्रियों को केदारनाथ धाम भेजा गया है. यात्री रुद्रप्रयाग में तीन दिन से यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे थे. हालांकि सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग अभी भी बंद है. मोटरमार्ग पर यात्रियों को पैदल ही केदारनाथ भेजा जा रहा है. दरअसल, सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. जिसकी वजह से सोनप्रयाग के निकट मुनकटिया और गौरीकुंड पार्किंग के समीप भारी मलबा आया है. ऐसे में मोटरमार्ग पर वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है.
सोनप्रयाग के निकट एवं गौरीकुंड में मोटरमार्ग को पैदल आवाजाही के लायक बनाया गया है. जबकि, केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भी गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव के निकट भूस्खलन हो रहा है. हालांकि यहां पर मार्ग खोला जा रहा है और भूस्खलन होने पर फिर बंद हो रहा है. एसडीआएफ, डीडीआरएफ आदि की टीमें तैनात की गई हैं. जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि शनिवार दोपहर में 104 यात्रियों को केदारनाथ भेजा गया. सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग पर आये मलबे को साफ किया जा रहा है. जैसे ही मार्ग खुल रहा है, यात्रियों को केदारनाथ भेजा जा रहा है.
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वहीं, डीएम वंदना सिंह ने रुद्रप्रयाग जिले के ग्राम सिरवाड़ी में दैवीय आपदा से हुई क्षति का निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने एडीएम को दो दिन के भीतर प्रभावितों को मुआवजा देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही आपदा के दौरान गांव के चार युवकों द्वारा सराहनीय कार्य करने पर आपदा प्रबंधन के तहत पुरुस्कृत करने के निर्देश दिए.
पीएमजीएसवाई की सिरवाड़ी सड़क की खस्ताहाल पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अभियंता को सड़क की हालत ठीक करने के निर्देश भी दिए. डीएम ने एसडीएम जखोली को पीएमजीएसवाई द्वारा क्षेत्र में लगाये गए समस्त सुरक्षा दीवारों की एमबी का मिलान कर रिपोर्ट देने, मलबा डंपिंग जोन से बाहर पाये जाने पर संबंधित विभाग का चालान करने के निर्देश दिए हैं.