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उत्तराखंड में उफान पर काली नदी, खतरे के निशान को किया पार, मैदानी इलाकों में लोगों को किया गया अलर्ट - पिथौरागढ़ लेटेस्ट न्यूज

उत्तराखंड में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेश की कई नदियां खतरे को निशान को पार कर गई हैं. काली नदी के बढ़ते जल स्तर से सब डरे हुए हैं. पिथौरागढ़ में काली नदी का स्तर खतरे के निशाना को पार गया है.

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Published : Jul 14, 2023, 3:17 PM IST

Updated : Jul 14, 2023, 3:24 PM IST

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने पहाड़ का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. प्रदेश में कई मुख्य नदियों खतरे के निशान के पास बह रही हैं. कुमाऊं की प्रमुख नदियों में से एक काली नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. काली नदी इस समय खतरे के निशाना से .30 मीटर ऊपर बह रही है. काली नदी का जलस्तर आज 14 जुलाई को खतरे के निशान 889.00 को पार कर 889.30 मीटर पर पहुंच गया है.

  • #WATCH | Uttarakhand | The water level of Kali River has crossed the danger mark of 889.00 and is flowing at 889.30 meters, today.

    The District Disaster Management Officer of Pithoragarh directed management to keep a tab on security and safety as the water level may increase… pic.twitter.com/i7xRCmXttj

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान के पार जाने के बाद पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने आम जन की सुरक्षा की दृष्टि से कुछ निर्देश जारी किए हैं. आशंका जताई जा रही है कि काली की जल स्तर और अधिक बढ़ सकता है. ऐसे में नदियों के आसपास और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं.
पढ़ें- Watch: उत्तराखंड में काली नदी ने धारण किया रौद्र रूप, पिथौरागढ़ में सहमे लोग, देखें वीडियो

बता दें कि दो दिन पहले ही पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र धारचूला में एनएचपीस के छिरकिला बांध से पानी छोड़ा था. इसके बाद से ही काली नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. तभी से जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें काली नदी के जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं, जो आज 14 जुलाई को खतरे के निशाना को पार कर गया है.

15 जुलाई तक बारिश का अलर्ट: गौरतलब है कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड में 15 जुलाई तक बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर रखा है. मौसम विभाग के मुताबिक आज 14 जुलाई सुबह 8.30 बजे तक बीते 24 घंटे में 19.0 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 43 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 46.01 मिमी बारिश उधमसिंह नगर जिले में हुई है, जो सामान्य से 201 प्रतिशत ज्यादा है.
पढ़ें- Watch: लक्सर में सड़क बनी समुद्र तो उतरी सेना की नाव, ETV Bharat बना ऑपरेशन फ्लड लेट नाइट का हिस्सा

उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा हुई बारिश: इसके अलावा इस सीजन की बात करें तो उत्तराखंड में अभीतक 451.2 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 28 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं इस मॉनसून सीजन में अभीतक सबसे ज्यादा बारिश हरिद्वार जिले में 874.2 मिमी हुई है, जो नार्मल से 218 प्रतिशत अधिक है. वहीं, सबसे कम बारिश वाले जिले की बात की जाए तो वो अल्मोड़ा है. अल्मोड़ा में 314.8 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 18 प्रतिशत ज्यादा है.

इसके साथ ही नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ तीन ऐसे जिले हैं, जहां सामान्य से भी कम बारिश हुई है. नैनीताल में सामान्य से 24, चंपावत में 9 और पिथौरागढ़ में 27 फीसदी कम बारिश हुई है.

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने पहाड़ का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. प्रदेश में कई मुख्य नदियों खतरे के निशान के पास बह रही हैं. कुमाऊं की प्रमुख नदियों में से एक काली नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. काली नदी इस समय खतरे के निशाना से .30 मीटर ऊपर बह रही है. काली नदी का जलस्तर आज 14 जुलाई को खतरे के निशान 889.00 को पार कर 889.30 मीटर पर पहुंच गया है.

  • #WATCH | Uttarakhand | The water level of Kali River has crossed the danger mark of 889.00 and is flowing at 889.30 meters, today.

    The District Disaster Management Officer of Pithoragarh directed management to keep a tab on security and safety as the water level may increase… pic.twitter.com/i7xRCmXttj

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान के पार जाने के बाद पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने आम जन की सुरक्षा की दृष्टि से कुछ निर्देश जारी किए हैं. आशंका जताई जा रही है कि काली की जल स्तर और अधिक बढ़ सकता है. ऐसे में नदियों के आसपास और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं.
पढ़ें- Watch: उत्तराखंड में काली नदी ने धारण किया रौद्र रूप, पिथौरागढ़ में सहमे लोग, देखें वीडियो

बता दें कि दो दिन पहले ही पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र धारचूला में एनएचपीस के छिरकिला बांध से पानी छोड़ा था. इसके बाद से ही काली नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. तभी से जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें काली नदी के जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं, जो आज 14 जुलाई को खतरे के निशाना को पार कर गया है.

15 जुलाई तक बारिश का अलर्ट: गौरतलब है कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड में 15 जुलाई तक बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर रखा है. मौसम विभाग के मुताबिक आज 14 जुलाई सुबह 8.30 बजे तक बीते 24 घंटे में 19.0 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 43 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 46.01 मिमी बारिश उधमसिंह नगर जिले में हुई है, जो सामान्य से 201 प्रतिशत ज्यादा है.
पढ़ें- Watch: लक्सर में सड़क बनी समुद्र तो उतरी सेना की नाव, ETV Bharat बना ऑपरेशन फ्लड लेट नाइट का हिस्सा

उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा हुई बारिश: इसके अलावा इस सीजन की बात करें तो उत्तराखंड में अभीतक 451.2 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 28 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं इस मॉनसून सीजन में अभीतक सबसे ज्यादा बारिश हरिद्वार जिले में 874.2 मिमी हुई है, जो नार्मल से 218 प्रतिशत अधिक है. वहीं, सबसे कम बारिश वाले जिले की बात की जाए तो वो अल्मोड़ा है. अल्मोड़ा में 314.8 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 18 प्रतिशत ज्यादा है.

इसके साथ ही नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ तीन ऐसे जिले हैं, जहां सामान्य से भी कम बारिश हुई है. नैनीताल में सामान्य से 24, चंपावत में 9 और पिथौरागढ़ में 27 फीसदी कम बारिश हुई है.

Last Updated : Jul 14, 2023, 3:24 PM IST
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