पिथौरागढ़: तवाघाट से पिथौरागढ़ तक हाईवे के विस्तार को लेकर प्रभावित सड़कों पर उतर आए हैं. प्रभावितों का आरोप है कि बीआरओ उन्हें उचित मुआवजा नहीं दे रहा है, जबकि एनएच ने ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान 4 गुना मुआवजा दिया था.
एनएच चौड़ीकरण के चलते 30 से अधिक मकानों को तोड़े जाने के आदेश से सतगढ़ के ग्रामीण भड़क गए हैं. उनका कहना है कि अगर जबरन मकान तोड़े गए तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्रिफ द्वारा भवनों का सर्वे और मूल्यांकन गलत किया गया है. साथ ही मकानों और भूमि का मुआवजा बेहद कम दिया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि ग्रिफ और राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित लोगों की सूची जारी कर उनपर अपनी सहमति देने के लिए जबरन दबाव बनाया जा रहा है. एक ओर सरकार गांवों से पलायन रोकनी की बात कह रही है. वहीं, दूसरी ओर ग्रामीणों को मकान तोड़कर पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है.