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नेशनल हाइवे चौड़ीकरण के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण, लगाए गंभीर आरोप

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Published : Dec 25, 2019, 8:01 PM IST

पिथौरागढ़ जिले में हो रहे हाईवे विस्तार से ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं. आक्रोशित ग्रामीणों ने बीआरओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.

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पिथौरागढ़: तवाघाट से पिथौरागढ़ तक हाईवे के विस्तार को लेकर प्रभावित सड़कों पर उतर आए हैं. प्रभावितों का आरोप है कि बीआरओ उन्हें उचित मुआवजा नहीं दे रहा है, जबकि एनएच ने ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान 4 गुना मुआवजा दिया था.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन.

एनएच चौड़ीकरण के चलते 30 से अधिक मकानों को तोड़े जाने के आदेश से सतगढ़ के ग्रामीण भड़क गए हैं. उनका कहना है कि अगर जबरन मकान तोड़े गए तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्रिफ द्वारा भवनों का सर्वे और मूल्यांकन गलत किया गया है. साथ ही मकानों और भूमि का मुआवजा बेहद कम दिया जा रहा है.

पढ़ें- पिथौरागढ़: ऑलवेदर रोड निर्माणकार्य में मानकों की अनदेखी, सरयू नदी में गिर रहा मलबा

उन्होंने कहा कि ग्रिफ और राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित लोगों की सूची जारी कर उनपर अपनी सहमति देने के लिए जबरन दबाव बनाया जा रहा है. एक ओर सरकार गांवों से पलायन रोकनी की बात कह रही है. वहीं, दूसरी ओर ग्रामीणों को मकान तोड़कर पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है.

पिथौरागढ़: तवाघाट से पिथौरागढ़ तक हाईवे के विस्तार को लेकर प्रभावित सड़कों पर उतर आए हैं. प्रभावितों का आरोप है कि बीआरओ उन्हें उचित मुआवजा नहीं दे रहा है, जबकि एनएच ने ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान 4 गुना मुआवजा दिया था.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन.

एनएच चौड़ीकरण के चलते 30 से अधिक मकानों को तोड़े जाने के आदेश से सतगढ़ के ग्रामीण भड़क गए हैं. उनका कहना है कि अगर जबरन मकान तोड़े गए तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्रिफ द्वारा भवनों का सर्वे और मूल्यांकन गलत किया गया है. साथ ही मकानों और भूमि का मुआवजा बेहद कम दिया जा रहा है.

पढ़ें- पिथौरागढ़: ऑलवेदर रोड निर्माणकार्य में मानकों की अनदेखी, सरयू नदी में गिर रहा मलबा

उन्होंने कहा कि ग्रिफ और राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित लोगों की सूची जारी कर उनपर अपनी सहमति देने के लिए जबरन दबाव बनाया जा रहा है. एक ओर सरकार गांवों से पलायन रोकनी की बात कह रही है. वहीं, दूसरी ओर ग्रामीणों को मकान तोड़कर पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है.

Intro:पिथौरागढ़: तवाघाट से पिथौरागढ़ तक हाईवे के विस्तार को लेकर प्रभावित सड़कों पर उतर आए हैं। प्रभावितों का आरोप है कि बीआरओ उन्हें उचित मुआवजा नही दे रहा है। जबकि एनएच ने ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान 4 गुना मुआवजा दिया था। यही नही प्रभावितों कहना है कि उन्हें मकान का कोई मुआवजा नही दिया जा रहा है।

Body:एनएच चौड़ीकरण कार्य में आ रहे 30 से अधिक मकानों को तोड़े जाने के आदेश से सतगढ़ के ग्रामीण भड़क गए हैं। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि यदि जबरन उनके मकान तोड़े गए तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ग्रामीणों ने कहा कि ग्रिफ द्वारा भवनों का सर्वे और मूल्यांकन गलत किया गया है। साथ ही मकानों और भूमि का मुआवजा बेहद कम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रिफ और राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित लोगों की सूची जारी कर उन पर अपनी सहमति देने के लिए जबरन दबाव बनाया जा रहा है। एक ओर सरकार गांवों से पलायन रोकनी की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के मकान तोड़कर उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है।

Byte: रमेश कापड़ी, प्रभावितConclusion:
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