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चीन-नेपाल बॉर्डर पर बसे इस गांव के लोगों को 2000 रुपए में पड़ रहा सिलेंडर, जानिए कारण

धारचूला तहसील के जयकोट गांव (Dharchula Jaikot Village) में यातायात और संचार सुविधा न होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गैस बुकिंग न होने से लोगों को सिलेंडर की कीमत 2000 रुपये चुकानी पड़ रही है.

Pithoragarh News
लोगों ने आंदोलन की दी चेतावनी.
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Published : Dec 30, 2021, 10:08 AM IST

पिथौरागढ़: सीमांत जिला मुख्यालय में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो आज भी यातायात और संचार सेवा से वंचित हैं, जिससे लोगों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जहां केंद्र सरकार उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को मुफ्त में सिलेंडर बांट रही है और लोगों की जिंदगी को धुआं मुक्त करने का दावा कर रही है. वहीं चीन और नेपाल बॉर्डर पर बसे जयकोट गांव के ग्रामीणों को सिलेंडर की कीमत 2000 रुपये चुकानी पड़ रही है.

दरअसल, धारचूला तहसील के जयकोट गांव (Dharchula Jaikot Village) में संचार सुविधा मौजूद नहीं है. इस कारण लोगों की गैस बुकिंग नहीं हो पा रही है. यही नहीं जयकोट ग्रामसभा को जोड़ने वाला मार्ग भी पिछले 9 महीने से बंद पड़ा है. इस कारण गांव तक सिलेंडर लाने में उसकी कीमत 2000 रुपये चुकानी पड़ रही है. ऐसे में गरीब परिवार सिलेंडर को छोड़कर वापस चूल्हा जलाने को मजबूर हो गये हैं.

950 का सिलेंडर 2000 में

पढ़ें- विधानसभा चुनाव से पहले दिखी RRR की तिकड़ी, सियासी गलियारों में फिर अफवाहों का दौर शुरू

पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 180 किलोमीटर दूर स्थित जयकोट गांव में ग्रामीणों को 950 रुपये का सिलेंडर 2000 रुपये में मिल रहा है. सड़क और संचार सुविधा से वंचित होने के कारण ग्रामीणों को सिलेंडर गैस की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.

ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर इलाके को सड़क और संचार सुविधा से जोड़ने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 9 माह से उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क बंद पड़ी है. साथ ही गांव में संचार सुविधा तक नहीं है. संचार न होने से गैस बुकिंग नहीं हो पा रही है और लोगों को सिलेंडर लेने के लिए 2000 रुपये की कीमत चुकानी पड़ रही है. ऐसे में अब ग्रामीणों के पास चुनाव बहिष्कार के अलावा कोई भी रास्ता शेष नहीं रह गया है.

पिथौरागढ़: सीमांत जिला मुख्यालय में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो आज भी यातायात और संचार सेवा से वंचित हैं, जिससे लोगों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जहां केंद्र सरकार उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को मुफ्त में सिलेंडर बांट रही है और लोगों की जिंदगी को धुआं मुक्त करने का दावा कर रही है. वहीं चीन और नेपाल बॉर्डर पर बसे जयकोट गांव के ग्रामीणों को सिलेंडर की कीमत 2000 रुपये चुकानी पड़ रही है.

दरअसल, धारचूला तहसील के जयकोट गांव (Dharchula Jaikot Village) में संचार सुविधा मौजूद नहीं है. इस कारण लोगों की गैस बुकिंग नहीं हो पा रही है. यही नहीं जयकोट ग्रामसभा को जोड़ने वाला मार्ग भी पिछले 9 महीने से बंद पड़ा है. इस कारण गांव तक सिलेंडर लाने में उसकी कीमत 2000 रुपये चुकानी पड़ रही है. ऐसे में गरीब परिवार सिलेंडर को छोड़कर वापस चूल्हा जलाने को मजबूर हो गये हैं.

950 का सिलेंडर 2000 में

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पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 180 किलोमीटर दूर स्थित जयकोट गांव में ग्रामीणों को 950 रुपये का सिलेंडर 2000 रुपये में मिल रहा है. सड़क और संचार सुविधा से वंचित होने के कारण ग्रामीणों को सिलेंडर गैस की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.

ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर इलाके को सड़क और संचार सुविधा से जोड़ने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 9 माह से उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क बंद पड़ी है. साथ ही गांव में संचार सुविधा तक नहीं है. संचार न होने से गैस बुकिंग नहीं हो पा रही है और लोगों को सिलेंडर लेने के लिए 2000 रुपये की कीमत चुकानी पड़ रही है. ऐसे में अब ग्रामीणों के पास चुनाव बहिष्कार के अलावा कोई भी रास्ता शेष नहीं रह गया है.

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