पिथौरागढ़: नगर के रामेश्वर घाट में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. दिवंगत पंत के चचेरे भाई प्रमोद पंत ने चिता को मुखाग्नि दी. पंत का एकलौता बेटा सौरभ जनेऊ संस्कार न होने के कारण उनका अंतिम संस्कार नहीं कर पाया. इस मौके पर घाट में मौजूद लोगों ने हजारों नम आंखों से अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई दी. पंत की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा था और इस दौरान पूरा घाट प्रकाश पंत अमर रहे के नारों से गूंज उठा.
इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रकाश पंत को याद करते हुए कहा कि वो एक मंत्री नहीं विधायक नहीं बल्कि सदन के रीढ़ थे. सदन हमेशा मुख पर मुस्कान लिए पॉजिटिव रहते थे. सदन को जिस तरह से वो संचालित करते थे वो प्रेरणादायक है. सीएम ने कहा, 'प्रकाश पंत की मौजूदगी में सदन के दौरान मैं निश्चिंत रहता था, लेकिन अब मुझे निश्चित रूप से चिंता करनी पड़ेगी.
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कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का बुधवार को अमेरिका में उपचार के दौरान देहांत हो गया था. उनका पार्थिव शरीर शनिवार सुबह पहले दिल्ली और फिर विशेष विमान से जॉलीग्रांट लाया गया. जहां पार्थिव शरीर को जौलीग्रांट हवाई अड्डे के निकट एसडीआरएफ भवन में श्रद्धाजलि एवं दर्शनार्थ रखा गया. इस मौके पर वहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा राष्ट्रीय सहमहामंत्री संगठन शिवप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट समेत नेता और लोगों ने स्वर्गीय पंत को श्रद्धांजलि दी.
दिवंगत प्रकाश पंत का पार्थिव शरीर विशेष विमान से देहरादून के बाद पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी हवाई पट्टी पर पहुंचा. जहां से वाहन से देव सिंह मैदान लाया गया. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी, केन्द्रीय मंत्री अश्वनि चौबे ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी दिवंगत पंत के अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे.