पिथौरागढ़: चंडाक क्षेत्र में प्रयोग के लिए लगाए गए ट्यूलिप के फूल खिले जरूर, मगर इनकी खूबसूरती का दीदार कोई पर्यटक नहीं कर पाया. उद्यान विभाग ने चंडाक में प्रयोग के तौर पर 25 हजार ट्यूलिप बल्ब लगाए गए थे. जिसमें अधिकांश प्रजाति के ट्यूलिप खिले भी, लेकिन लॉकडाउन के कारण कोई भी इन्हें नहीं देख पाया. ऐसे में ये खूबसूरत ट्यूलिप पर्यटकों के इंतजार में मुरझाने लगे हैं.
चंडाक में बाहार तो आई लेकिन दीदार करने कोई नही आया
राज्य सरकार की 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत जिले में एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनाया जाना है. प्रयोग के तौर पर पर्यटन और उद्यान विभाग ने मिलकर मोस्टमानू और पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में ट्यूलिप गार्डन तैयार किया है. उद्यान विभाग ने 14 और 15 फरवरी को चंडाक में हॉलैंड से मंगवाई गई 7 प्रजातियों के 25 हजार ट्यूलिप बल्ब रोपित किये थे. जिनमें से अधिकांश फूल 15 मार्च से खिलने लगे थे. इन फूलों की खूबसूरती देखते ही बन रही है.
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मगर देश में जारी लॉकडाउन के चलते कोई भी इन फूलों की खूबसूरती निहारने के लिए चंडाक नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में अब लोगों के दीदार के बगैर ही ये फूल मुरझाने लगे है. ट्यूलिप उत्पादन के इस सफल प्रयोग के बाद मुमकिन है कि सरकार पिथौरागढ़ में प्रस्तावित एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन की तरफ से कदम बढ़ाए. अगर ऐसा होता है तो सैलानी अगले साल जरूर पिथौरागढ़ में ट्यूलिप गार्डन का दीदार कर पाएंगे.