पिथौरागढ़: उत्तराखंड जल संस्थान में कार्यरत संविदा कर्मचारी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 13 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर हैं. पेयजल कर्मचारियों ने आज (शुक्रवार) पिथौरागढ़ जल संस्थान कार्यालय में नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया.
कर्मचारियों का कहना है कि वो अपनी मांगों को लेकर लम्बे समय से आंदोलनरत हैं, मगर शासन-प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका कार्य कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. वहीं पेयजल कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभागीय कार्य ठप पड़े हुए हैं.
पढ़ें- पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल के काफिले की गाड़ी का हुआ ब्रेक फेल, बाल-बाल बचे
ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने और समान कार्य का समान वेतन दिए जाने की मांग को लेकर जल संस्थान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार लगातार तीसरे दिन भी जारी है. इस मौके पर कर्मचारियों ने पिथौरागढ़ जल संस्थान कार्यालय में राज्य सरकार और स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पेयजल कर्मियों का कहना है कि वे पिछले 20 से 25 सालों से संविदा श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे हैं और उन्हें मात्र 7 से 8 हजार रुपया मानदेय दिया जाता है, जो कि आज के महंगाई के दौर में काफी कम है.
संविदा श्रमिकों का कहना है कि वे प्रतिदिन 10 से 12 घण्टे ड्यूटी देते हैं. मगर उन्हें राजकीय और साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जाता है. यही नहीं प्रतिदिन 10 से 12 घण्टे कार्य करने के बाद ठेकेदार द्वारा वेतन का पूर्ण भुगतान भी नहीं किया जाता, जो कि श्रमिकों का शोषण है. संविदा श्रमिकों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होती उनका कार्य बहिष्कार जारी रहेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.