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मुनस्यारी में बनी कृत्रिम झील से कोई खतरा नहीं, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में मालूपाती में बनी कृत्रिम झील को कई गांव के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा था. इस झील के बनने से ग्रामीण काफी डरे हुए थे. हालांकि राजस्व अधिकारियों ने झील का निरीक्षण करने के बाद जो रिपोर्ट सौंपी है, उनमें झील से कोई खतरा नहीं बताया गया है.

artificial lake Pithoragarh
कृत्रिम झील पिथौरागढ़.
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Published : Aug 23, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 6:38 AM IST

पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के मालूपाती में एक नाले पर बनी झील पर जांच रिपोर्ट आ गई है. एसडीएम मुनस्यारी ने बताया है कि झील मात्र 20 मीटर की बनी थी, जिसमें पानी का रिसाव लगातार हो रहा है. यही नहीं पानी जमा होने से किसी भी गांव को कोई खतरा नहीं है.

दरअसल मालूपाती में बीते शनिवार चट्टान दरकने से भराड़ीगाड़ में झील बन गई थी. इसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि झील के फटने से रूमालखेत, मल्ला और तल्ला भदेली को काफी नुकसान हो सकता है. झील बनने की जानकारी के बाद राजस्व टीम मौके पर पहुंची और अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है.

चट्टान टूटने से बनी कृत्रिम झील से कोई खतरा नहीं.

पढ़ें- VIDEO: कैसे ताश के पत्तों की तरह ढह गया पहाड़, पल में हुआ जमींदोज

जांच रिपोर्ट में एडीएम मुनस्यारी ने झील से किसी भी प्रकार के नुकसान की आशंका को खारिज किया है. एसडीएम मुनस्यारी अभय प्रताप सिंह का कहना है कि मालुपाती नाले में मात्र 20 मीटर की झील बनी है. साथ ही पानी का रिसाव भी लगातार हो रहा है. ऐसे में झील से किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. फिलहाल प्रशासन ने हालात पर नजर बनाए रखने के लिए निगरानी कमेटी का भी गठन कर लिया है.

बता दें कि मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में सात हजार फीट की ऊंचाई पर करीब 300 मीटर लंबी कृत्रिम झील बन गई है. कृत्रिम झील के बनने से चार से पांच गांवों के लोगों डरे हुए थे. हालांकि, राजस्व टीम ने जब वहां निरीक्षण किया तो उन्होंने किसी भी तरह के खतरे की बात से इनकार किया.

पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के मालूपाती में एक नाले पर बनी झील पर जांच रिपोर्ट आ गई है. एसडीएम मुनस्यारी ने बताया है कि झील मात्र 20 मीटर की बनी थी, जिसमें पानी का रिसाव लगातार हो रहा है. यही नहीं पानी जमा होने से किसी भी गांव को कोई खतरा नहीं है.

दरअसल मालूपाती में बीते शनिवार चट्टान दरकने से भराड़ीगाड़ में झील बन गई थी. इसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि झील के फटने से रूमालखेत, मल्ला और तल्ला भदेली को काफी नुकसान हो सकता है. झील बनने की जानकारी के बाद राजस्व टीम मौके पर पहुंची और अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है.

चट्टान टूटने से बनी कृत्रिम झील से कोई खतरा नहीं.

पढ़ें- VIDEO: कैसे ताश के पत्तों की तरह ढह गया पहाड़, पल में हुआ जमींदोज

जांच रिपोर्ट में एडीएम मुनस्यारी ने झील से किसी भी प्रकार के नुकसान की आशंका को खारिज किया है. एसडीएम मुनस्यारी अभय प्रताप सिंह का कहना है कि मालुपाती नाले में मात्र 20 मीटर की झील बनी है. साथ ही पानी का रिसाव भी लगातार हो रहा है. ऐसे में झील से किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. फिलहाल प्रशासन ने हालात पर नजर बनाए रखने के लिए निगरानी कमेटी का भी गठन कर लिया है.

बता दें कि मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में सात हजार फीट की ऊंचाई पर करीब 300 मीटर लंबी कृत्रिम झील बन गई है. कृत्रिम झील के बनने से चार से पांच गांवों के लोगों डरे हुए थे. हालांकि, राजस्व टीम ने जब वहां निरीक्षण किया तो उन्होंने किसी भी तरह के खतरे की बात से इनकार किया.

Last Updated : Aug 24, 2021, 6:38 AM IST
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