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पिथौरागढ़: 70 पोलिंग बूथ संचार सुविधा से महरूम, चुनाव में मददगार बनेंगे वायरलेस

पिथौरागढ़ में प्रशासन ने आगामी विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly election 2022) की तैयारियां तेज कर दी है. लेकिन जिले में कई क्षेत्र ऐसे हैं जो संचार सुविधा से अछूते हैं. जिस कारण प्रशासन को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

Pithoragarh
पिथौरागढ़ में कई क्षेत्र संचार से महरूम हैं.
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Published : Jan 6, 2022, 6:34 PM IST

Updated : Jan 6, 2022, 6:41 PM IST

पिथौरागढ़: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly election 2022) के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पिथौरागढ़ प्रशासन जुटा हुआ है. लेकिन सीमांत जिले में खस्ताहाल संचार सेवा के चलते प्रशासन को कई चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है. डिजिटल क्रांति के इस दौर में भी पिथौरागढ़ जिले में 70 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जहां संचार का कोई नामोनिशान नहीं है. ऐसे में लोकतंत्र के इस महापर्व को सफल बनाने में प्रशासन के आगे कई मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं.

चीन और नेपाल सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले में 70 पोलिंग बूथ ऐसे हैं जहां संचार का कोई साधन नहीं होने के कारण प्रशासन को मतदान प्रतिशत जानने या सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए वायरलेस की मदद लेनी पड़ेगी. धारचूला विधानसभा में सबसे अधिक पोलिंग स्टेशन संचार सेवा से अछूते हैं. धारचूला में 35 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जहां मोबाइल सिंग्नल या लैंडलाइन तक नहीं है.

पिथौरागढ़ में 70 पोलिंग बूथ संचार सुविधा से महरूम.

पढ़ें-अल्मोड़ा: भीषण ठंड में महिला ने रास्ते में दिया नवजात को जन्म, मोबाइल के टॉर्च में हुई डिलीवरी

इसके अलावा गंगोलीहाट में 28 बूथ, डीडीहाट विधानसभा में 4 बूथ और पिथौरागढ़ विधानसभा में भी 3 बूथ संचार सेवा से पूरी तरह कटे हैं. मतदान के दौरान ऐसे पोलिंग बूथ में पुलिस वायरलेस सिस्टम का सहारा लेने का प्लान बना रही है.

पिथौरागढ़: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly election 2022) के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पिथौरागढ़ प्रशासन जुटा हुआ है. लेकिन सीमांत जिले में खस्ताहाल संचार सेवा के चलते प्रशासन को कई चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है. डिजिटल क्रांति के इस दौर में भी पिथौरागढ़ जिले में 70 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जहां संचार का कोई नामोनिशान नहीं है. ऐसे में लोकतंत्र के इस महापर्व को सफल बनाने में प्रशासन के आगे कई मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं.

चीन और नेपाल सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले में 70 पोलिंग बूथ ऐसे हैं जहां संचार का कोई साधन नहीं होने के कारण प्रशासन को मतदान प्रतिशत जानने या सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए वायरलेस की मदद लेनी पड़ेगी. धारचूला विधानसभा में सबसे अधिक पोलिंग स्टेशन संचार सेवा से अछूते हैं. धारचूला में 35 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जहां मोबाइल सिंग्नल या लैंडलाइन तक नहीं है.

पिथौरागढ़ में 70 पोलिंग बूथ संचार सुविधा से महरूम.

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इसके अलावा गंगोलीहाट में 28 बूथ, डीडीहाट विधानसभा में 4 बूथ और पिथौरागढ़ विधानसभा में भी 3 बूथ संचार सेवा से पूरी तरह कटे हैं. मतदान के दौरान ऐसे पोलिंग बूथ में पुलिस वायरलेस सिस्टम का सहारा लेने का प्लान बना रही है.

Last Updated : Jan 6, 2022, 6:41 PM IST
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