पिथौरागढ़: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly election 2022) के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पिथौरागढ़ प्रशासन जुटा हुआ है. लेकिन सीमांत जिले में खस्ताहाल संचार सेवा के चलते प्रशासन को कई चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है. डिजिटल क्रांति के इस दौर में भी पिथौरागढ़ जिले में 70 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जहां संचार का कोई नामोनिशान नहीं है. ऐसे में लोकतंत्र के इस महापर्व को सफल बनाने में प्रशासन के आगे कई मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं.
चीन और नेपाल सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले में 70 पोलिंग बूथ ऐसे हैं जहां संचार का कोई साधन नहीं होने के कारण प्रशासन को मतदान प्रतिशत जानने या सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए वायरलेस की मदद लेनी पड़ेगी. धारचूला विधानसभा में सबसे अधिक पोलिंग स्टेशन संचार सेवा से अछूते हैं. धारचूला में 35 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जहां मोबाइल सिंग्नल या लैंडलाइन तक नहीं है.
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इसके अलावा गंगोलीहाट में 28 बूथ, डीडीहाट विधानसभा में 4 बूथ और पिथौरागढ़ विधानसभा में भी 3 बूथ संचार सेवा से पूरी तरह कटे हैं. मतदान के दौरान ऐसे पोलिंग बूथ में पुलिस वायरलेस सिस्टम का सहारा लेने का प्लान बना रही है.