ETV Bharat / state

29 करोड़ से थरकोट झील की बदलेगी तस्वीर, पर्यटन विकास को लगेंगे पंख

29 करोड़ से थरकोट झील की बदलेगी तस्वीर, झील से पर्यटन विकास को रफ्तार मिलने के साथ कई सुविधाएं मिल सकेंगी.

थरकोट झील पिथौरागढ़
author img

By

Published : Feb 11, 2019, 12:01 AM IST

पिथौरागढ़ः बीते एक दशक से प्रस्तावित थरकोट झील के निर्माण को लेकर अब उम्मीद जग गई है. इसके लिए नाबार्ड ने करीब 29 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस झील के निर्माण को लेकर नेताओं ने कई दावे किये, लेकिन बजट ना मिलने के कारण इसका निर्माण नहीं हो पाया था. वहीं, पिथौरागढ़-टनकपुर ऑलवेदर रोड के किनारे बन रहे इस झील से पर्यटन विकास को रफ्तार मिलने के साथ कई सुविधाएं मिल सकेंगी.


गौर हो कि प्रस्तावित थरकोट झील का शिलान्यास बीते 2007 में तत्कालीन काबिना मंत्री प्रकाश पंत ने किया था, लेकिन बजट के इंतजाम ना होने के कारण बीते एक दशक से अधिक समय से थरकोट झील का निर्माण कार्य लटका हुआ था. ये झील पिथौरागढ़-टनकपुर ऑलवेदर रोड के किनारे बनाई जा रही है.

थरकोट झील का निर्माण को लेकर बजट स्वीकृत.
undefined


अब नाबार्ड को झील के निर्माण का प्रस्ताव सौंपा गया है. नाबार्ड ने 750 मीटर लंबी इस झील के निर्माण के लिए करीब 29 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. साथ ही इस झील का निर्माण डेढ़ साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए झील के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के द्वारा की जा रही है.


कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक प्रकाश पंत का कहना है कि इस झील के बनने से पिथौरागढ़ में पर्यटन विकास को रफ्तार मिलेगी. साथ ही बताया कि झील में मछली पालन, नौकायन, सिंचाई और पेयजल की व्यवस्था भी होगी. कैबिनेट मंत्री पंत ने बताया कि ये झील जिले में पर्यटन विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. साथ ही इसका इस्तेमाल बहुउद्देश्यीय के लिए भी किया जा सकेगा.

पिथौरागढ़ः बीते एक दशक से प्रस्तावित थरकोट झील के निर्माण को लेकर अब उम्मीद जग गई है. इसके लिए नाबार्ड ने करीब 29 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस झील के निर्माण को लेकर नेताओं ने कई दावे किये, लेकिन बजट ना मिलने के कारण इसका निर्माण नहीं हो पाया था. वहीं, पिथौरागढ़-टनकपुर ऑलवेदर रोड के किनारे बन रहे इस झील से पर्यटन विकास को रफ्तार मिलने के साथ कई सुविधाएं मिल सकेंगी.


गौर हो कि प्रस्तावित थरकोट झील का शिलान्यास बीते 2007 में तत्कालीन काबिना मंत्री प्रकाश पंत ने किया था, लेकिन बजट के इंतजाम ना होने के कारण बीते एक दशक से अधिक समय से थरकोट झील का निर्माण कार्य लटका हुआ था. ये झील पिथौरागढ़-टनकपुर ऑलवेदर रोड के किनारे बनाई जा रही है.

थरकोट झील का निर्माण को लेकर बजट स्वीकृत.
undefined


अब नाबार्ड को झील के निर्माण का प्रस्ताव सौंपा गया है. नाबार्ड ने 750 मीटर लंबी इस झील के निर्माण के लिए करीब 29 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. साथ ही इस झील का निर्माण डेढ़ साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए झील के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के द्वारा की जा रही है.


कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक प्रकाश पंत का कहना है कि इस झील के बनने से पिथौरागढ़ में पर्यटन विकास को रफ्तार मिलेगी. साथ ही बताया कि झील में मछली पालन, नौकायन, सिंचाई और पेयजल की व्यवस्था भी होगी. कैबिनेट मंत्री पंत ने बताया कि ये झील जिले में पर्यटन विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. साथ ही इसका इस्तेमाल बहुउद्देश्यीय के लिए भी किया जा सकेगा.

Intro:उत्तरकाशी। जहां एक और प्रदेश सरकार आम बजट पेश करने जा रही है। तो वहीं दुसरी और सीमांत जनपद उत्तरकाशी के लोग अभी भी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। आज भी शिक्षा,स्वास्थ जैसी मूलभूत सुविधाओ का आभाव जनपद में बना हुआ है। वहीं शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए जनपद से सबसे ज्यादा पलायन एक अहम मुदा है। लेकिन आज तक प्रदेश सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया है। तो वहीं दूसरी और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस बार सरकाता सीमांत जनपद के विकास के लिए कुछ नया सोच विकास की नई रूपरेखा लिखेगी।



Body:विओ- 1, स्थानीय लोगो का कहना है कि अगर सीमांत जनपद से पलायन को रोकना है तो बहुत आवश्यक है कि जिले में उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए। अगर यहां पर मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाएं। तो शिक्षा के लिए होने वाला पलायन को रोका जा सकता है। साथ ही गांव में छोटे- छोटे रोजगार को खोला जाए। तो शहरों की और होने वाले पलायन को रोका जा सकता है। साथ ही युवाओ के लिए पर्यटन के क्षेत्र में भी रोजगार के नए आयाम खोले जा सकते हैं। क्योंकि यहां पर ट्रैकिंग और एडवेंचर के क्षेत्र में कई अपार सम्भवनायें हैं।


Conclusion:वीओ-2, वहीं अब देखना है कि प्रदेश सरकार सीमांत जनपद के विकास के खाते में कितना बजट डालती है। क्या सीमांत जनपद में पर्यटन और स्वरोजगार को बढ़ा कर यहां के पलायन को रोका जा सकता है। बाईट- शिव सिंह थलवाल, वरिष्ठ पत्रकार,बाईट- सपना,छात्र,बाईट- संजय पंवार,पर्यटन व्यवसायी। बाईट- वीरेंद्र अवस्थी,व्यापारी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.