पिथौरागढ़: उत्तराखंड के जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा की 9वीं पुण्यतिथि के मौके पर पिथौरागढ़ महाविद्यालय में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान छात्रों ने जनगीत गाकर श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि गिर्दा के गीत, कविता और लोकनाटकों में जनता से जुड़े मुद्दे रहते थे. उत्तराखंड आंदोलन में गिर्दा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.
गिर्दा की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में छात्रों ने गिर्दा को याद किया. साथ ही उत्तराखंड आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण में उनके योगदान को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की. छात्रों ने कहा कि गिर्दा का पहाड़ की माटी से विशेष लगाव था. जो उनकी कविताओं में साफ झलकता है.
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वहीं, वक्ताओं ने कहा कि गिर्दा ने अपने समय में पदयात्राएं कर समाज को जागरूक करने का काम किया. गिर्दा का जीवन सदैव संघर्ष और कठिनाइयों में बिता. बावजूद इसके उन्होंने प्रतिरोध की स्वर को हमेशा बुलंद रखा.