पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा से सटी दारमा घाटी में एक बीमार महिला की समय पर इलाज न मिलने से मौत हो गई. घाटी में बीते दिनों हुई बारिश की वजह से सभी सड़क मार्ग बंद हैं. ऐसे में महिला को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा गया. बीमार महिला को तिदांग गांव से स्ट्रेचर के जरिए 2 किलोमीटर दूर हेलीपैड तक पहुंचाया गया. लेकिन रेस्क्यू से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया.
बता दें कि भारत-चीन सीमा से सटी दारमा घाटी में स्वास्थ्य सेवाओं की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसका खामियाजा एक महिला को जान देकर भुगतना पड़ा है. धारचूला तहसील के माइग्रेशन विलेज तिदांग गांव की रहने वाली 40 वर्षीय सुधा दताल की मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई. लेकिन दारमा घाटी को जोड़ने वाले मार्ग जगह-जगह बंद होने के कारण महिला को अस्पताल नहीं लाया जा सका.
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वहीं, परिजनों की मांग पर प्रशासन ने बीमार महिला को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर भी भेजा. लेकिन हेलीपैड तक पहुंचते ही महिला ने दम तोड़ दिया. इससे पहले ग्रामीण दो किलोमीटर दूर हेलीपैड तक महिला को स्ट्रेचर पर ले गए थे. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. जिससे महिला की जान नहीं बच पाई.
दारमा घाटी में सड़कें क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों का टूटा संपर्क
गौर हो कि बीते दिनों हुई बारिश के कारण दारमा घाटी में सड़कें जगह-जगह भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी हैं. इसके चलते हजारों की आबादी कैद होकर रह गई है. दारमा घाटी के गांवों में फंसे लोगों को राहत देने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा संचालित की गई है. जो दुर्गम इलाकों से ग्रामीणों तक रसद सामग्री आदि पहुंचा रही है. साथ ही राहत और बचाव कार्य भी किया जा रहा है.
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हेलीकॉप्टर से रोजाना 50 लोगों का किया जा रहा रेस्क्यू
धारचूला के एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला का कहना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे सभी बीमार और बुजुर्गों का रेस्क्यू कर लिया गया है. हेलीकॉप्टर के जरिए रोजाना 50 लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. अभी भी रेस्क्यू अभियान जारी है.
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हेली सेवा में बीमार और बुजुर्गों को प्राथमिकता
वहीं, जिलाधिकारी आनंद स्वरूप का कहना है कि बीमार और बुजुर्गों को प्राथमिकता के आधार पर हेली सेवा देने के प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही सड़क खोलने के लिए प्रयास भी तेज किए गए हैं, ताकि जल्द से जल्द आवाजाही बहाल हो सके.