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बेरीनाग: हिपा गांव में सड़क नहीं, बीमार महिला को डोली में टांग कर पहुंचाया अस्पताल

बेरीनाग के हिपा गांव में आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Road could not reach Hipa village even after 7 decades of independence
आजादी के 7 दशक बाद भी हिपा गांव में नहीं पहुंच पाई सड़क
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Published : Jul 16, 2022, 3:52 PM IST

बेरीनाग: पूरे भारत में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. लेकिन बेरीनाग विकासखंड ग्राम पंचायत हीपा के ग्रामीणों को आज तक सड़क का सपना ही रह गया है. इस गांव के लोग आज भी एक सड़क के लिए आस लगाये बैठे हैं. यहां आज भी लोगों को बीमार, घायल लोगों को गांव से सड़क तक लाने के लिए 6 किलोमीटर पैदल डोली का सहारा लेना पड़ता है.

इस गांव में आज भी 260 से अधिक परिवार रहते हैं. हीपा गांव की 35 वर्षीय अनिता देवी का अचानक स्वाथ्य खराब हो गया. ग्रामीण युवाओं ने अनिता देवी को डोली में रखकर 2 घंटे से अधिक समय में 6 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय किया. जिसके बाद उन्हें मुख्य सड़क तक लाया गया. अनिता देवी को डोली के सहारे सड़क तक लाने वाले रमेश सिंह कार्की, कुंडल सिंह रावत, हिम्मत सिंह रावत, जीवन कार्की, दीपक सिंह, कवींद्र रावत, खुशाल सिंह, नवीन कार्की थे. मुख्य सड़क तक लाने के बाद उनके परिजन उन्हें बागेश्वर अस्पताल ले गए हैं.

आजादी के 7 दशक बाद भी हिपा गांव में नहीं पहुंच पाई सड़क

पढ़ें- पीसीएस अफसरों को प्रमोट करने पर लगी मुहर, अधिकारियों को जल्द मिलेगी खुशखबरी

ग्रामीणों की गुहार आज तक नहीं सुनी: ग्रामीण कई बार अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की गुहार भी लगा चुके हैं. इस वर्ष के विधानसभा के चुनाव में हीपा, भैसियाउडियार, सिल्दो, बैरिगांव, सेलावन के ग्रामीणों ने बहिष्कार भी किया. सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों में रोष व्यापत है. प्रेम नगर से हीपा के लिए लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 6 किलोमीटर सड़क स्वीकृति है, लेकिन लोक निर्माण विभाग में अवर अभियंता नहीं होने से सड़क का सर्वे कार्य नहीं हो पा रहा है.

बेरीनाग: पूरे भारत में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. लेकिन बेरीनाग विकासखंड ग्राम पंचायत हीपा के ग्रामीणों को आज तक सड़क का सपना ही रह गया है. इस गांव के लोग आज भी एक सड़क के लिए आस लगाये बैठे हैं. यहां आज भी लोगों को बीमार, घायल लोगों को गांव से सड़क तक लाने के लिए 6 किलोमीटर पैदल डोली का सहारा लेना पड़ता है.

इस गांव में आज भी 260 से अधिक परिवार रहते हैं. हीपा गांव की 35 वर्षीय अनिता देवी का अचानक स्वाथ्य खराब हो गया. ग्रामीण युवाओं ने अनिता देवी को डोली में रखकर 2 घंटे से अधिक समय में 6 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय किया. जिसके बाद उन्हें मुख्य सड़क तक लाया गया. अनिता देवी को डोली के सहारे सड़क तक लाने वाले रमेश सिंह कार्की, कुंडल सिंह रावत, हिम्मत सिंह रावत, जीवन कार्की, दीपक सिंह, कवींद्र रावत, खुशाल सिंह, नवीन कार्की थे. मुख्य सड़क तक लाने के बाद उनके परिजन उन्हें बागेश्वर अस्पताल ले गए हैं.

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ग्रामीणों की गुहार आज तक नहीं सुनी: ग्रामीण कई बार अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की गुहार भी लगा चुके हैं. इस वर्ष के विधानसभा के चुनाव में हीपा, भैसियाउडियार, सिल्दो, बैरिगांव, सेलावन के ग्रामीणों ने बहिष्कार भी किया. सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों में रोष व्यापत है. प्रेम नगर से हीपा के लिए लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 6 किलोमीटर सड़क स्वीकृति है, लेकिन लोक निर्माण विभाग में अवर अभियंता नहीं होने से सड़क का सर्वे कार्य नहीं हो पा रहा है.

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