पिथौरागढ़: जिला अस्पताल में बीते दिन इलाज के दौरान 55 साल के मरीज की मौत हो गई थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब मृतक की ट्रूनेट जांच की तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन जब सैंपल को हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की लैब को भेजा गया तो उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जिसके बाद से ट्रुनेट मशीन को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. पूरे मामले में सफाई देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि ट्रुनेट मशीन के जरिये सामान्य वायरस भी डिटेक्ट होते है, जिस कारण कोरोना की कन्फर्म जांच के लिए सैंपल को हायर सेंटर भेजा गया था.
पिथौरागढ़ जिला चिकित्सालय में भर्ती एक मरीज की सोमवार को मौत हो गई थी. मृतक दिल्ली से वापस पिथौरागढ़ लौटा था और लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित था. जिला मुख्यालय में ट्रूनेट मशीन से हुई कोरोना जांच में उसे पॉजिटिव पाया गया था. वहीं, सोमवार शाम में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की लैब से आई रिपोर्ट में व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव पायी गई. जिसके बाद ट्रुनेट मशीन की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े होने लगे.
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जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि ट्रुनेट मशीन के जरिए कोरोना के अलावा अन्य इंफेक्शन की भी स्क्रीनिंग होती है. जिस वजह से सेकेंड्री कन्फर्मेशन के लिए सैंपल को लैब भेजा जाता है. जिसके बाद ही तय होता है कि संबंधित व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या नहीं.
बता दें कि 53 साल के मरीज ने सोमवार को जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ा दिया था. मृतक 20 दिन पहले दिल्ली से घर लौटा था. जिसके बाद व्यक्ति को संस्थागत और होम क्वारंटीन किया गया था. 9 जून को अचानक तबीयत खराब होने के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था.