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नशा मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए रवि मेहता ने की पहल, युवाओं को ऐसे कर रहे जागरूक

उत्तराखंड में नशे के खिलाफ झनकट खटीमा निवासी रवि मेहता ने 1 जून से साइकिल यात्रा शुरू की है. वह बेरीनाग पहुंचे हैं. उनकी ये यात्रा 22 जून को खत्म होगी. इसी बीच वह युवाओं को जागरूक कर रहे हैं और उनके बीच नशे के खिलाफ पत्रक बांट रहे हैं.

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Published : Jun 16, 2023, 12:47 PM IST

उत्तराखंड के नशा मुक्त बनाने के लिए साइकिल यात्रा

पिथौरागढ़: नशा मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए झनकट खटीमा निवासी रवि मेहता ने 1 जून से प्रदेश के युवाओं को नशे से बाहर निकलने के लिए साइकिल यात्रा शुरू की है. वह अल्मोड़ा, बागेश्वर होते हुए बेरीनाग पहुंचे हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया है. इस यात्रा के जरिए वो 22 जून तक प्रदेश के 11 जिलों का भ्रमण करेंगे. यात्रा के दौरान वह जगह-जगह नशे के खिलाफ पत्रक भी बांट रहे हैं और युवाओं को जागरूक भी कर रहे हैं.

प्रांत मंत्री रंदीप पोखरिया से मिली प्रेरणा: रवि मेहता को नशा मुक्त अभियान की प्रेरणा विश्व हिन्दू परिषद के सह प्रांत मंत्री रंदीप पोखरिया से मिली है, जो लंबे समय तक उत्तराखंड के युवाओं और नशे के खिलाफ कार्य कर रहे हैं. वह खटीमा के पब्लिक स्कूल में शारीरिक शिक्षण का भी कार्य करते हैं. पिछले 15 दिनों के भीतर वो प्रदेश के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर चुके हैं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर युवा नशा कर रहे हैं.

Ravi Mehta reached Berinag by cycle
रवि मेहता का स्वागत करते हुए विभिन्न संगठन

नशा मुक्त उत्तराखंड बनाना यात्रा का उद्देश्य: रवि मेहता ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य प्रदेश में बढ़ते नशे के प्रचलन को रोकना और नशा मुक्त उत्तराखंड बनाना है. उन्हें कुछ स्थानों पर युवाओं को समझाने में आक्रोश का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि पहली बार साइकिल यात्रा के माध्यम से नशे के खिलाफ अभियान चलाया है. अगली बार गांव- गांव जाकर युवाओं के साथ बैठकर नशा मुक्त युवा की पहल की जाएगी. नशे से युवाओं को बाहर निकालना उनका मुख्य उद्देश्य है. यह यात्रा तभी सफल होगी, जब प्रदेश का युवा नशा मुक्त हो जाएगा.

रवि ने अखबार बेचकर खरीदी थी साइकिल: रवि मेहता ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. जिससे पढ़ाई के साथ-साथ खटीमा में विभिन्न अखबार बेचने का भी काम किया था. ऐसे में उन्होंने अखबार की कमाई से ही पहली साइकिल खरीदी थी. उन्होंने बताया कि आज भी स्कूल से जो मिलता है, उसे खेलकूद और युवाओं के बीच खर्च करता हूं.

विभिन्न सगंठनों ने रवि का किया स्वागत: रवि साइकिल के जरिए हल्द्वानी, नैनीताल, चमोली, केदारनाथ, बदरीनाथ, अल्मोड़ा, बागेश्वर होते हुए बेरीनाग पहुंचे हैं. इसी बीच उनका पूर्व सैनिक संगठन, व्यापारियों और स्थानीय युवाओं ने फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया. इसी बीच रवि मेहता ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों से उत्तराखंड को खोखला करने में नशे के कुछ कारोबारी बड़े स्तर पर कार्य कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: साइकिल से यात्रा कर युवा सुमित दे रहा पर्यावरण संदेश, पहुंचा तुंगनाथ घाटी

उत्तराखंड के नशा मुक्त बनाने के लिए साइकिल यात्रा

पिथौरागढ़: नशा मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए झनकट खटीमा निवासी रवि मेहता ने 1 जून से प्रदेश के युवाओं को नशे से बाहर निकलने के लिए साइकिल यात्रा शुरू की है. वह अल्मोड़ा, बागेश्वर होते हुए बेरीनाग पहुंचे हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया है. इस यात्रा के जरिए वो 22 जून तक प्रदेश के 11 जिलों का भ्रमण करेंगे. यात्रा के दौरान वह जगह-जगह नशे के खिलाफ पत्रक भी बांट रहे हैं और युवाओं को जागरूक भी कर रहे हैं.

प्रांत मंत्री रंदीप पोखरिया से मिली प्रेरणा: रवि मेहता को नशा मुक्त अभियान की प्रेरणा विश्व हिन्दू परिषद के सह प्रांत मंत्री रंदीप पोखरिया से मिली है, जो लंबे समय तक उत्तराखंड के युवाओं और नशे के खिलाफ कार्य कर रहे हैं. वह खटीमा के पब्लिक स्कूल में शारीरिक शिक्षण का भी कार्य करते हैं. पिछले 15 दिनों के भीतर वो प्रदेश के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर चुके हैं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर युवा नशा कर रहे हैं.

Ravi Mehta reached Berinag by cycle
रवि मेहता का स्वागत करते हुए विभिन्न संगठन

नशा मुक्त उत्तराखंड बनाना यात्रा का उद्देश्य: रवि मेहता ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य प्रदेश में बढ़ते नशे के प्रचलन को रोकना और नशा मुक्त उत्तराखंड बनाना है. उन्हें कुछ स्थानों पर युवाओं को समझाने में आक्रोश का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि पहली बार साइकिल यात्रा के माध्यम से नशे के खिलाफ अभियान चलाया है. अगली बार गांव- गांव जाकर युवाओं के साथ बैठकर नशा मुक्त युवा की पहल की जाएगी. नशे से युवाओं को बाहर निकालना उनका मुख्य उद्देश्य है. यह यात्रा तभी सफल होगी, जब प्रदेश का युवा नशा मुक्त हो जाएगा.

रवि ने अखबार बेचकर खरीदी थी साइकिल: रवि मेहता ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. जिससे पढ़ाई के साथ-साथ खटीमा में विभिन्न अखबार बेचने का भी काम किया था. ऐसे में उन्होंने अखबार की कमाई से ही पहली साइकिल खरीदी थी. उन्होंने बताया कि आज भी स्कूल से जो मिलता है, उसे खेलकूद और युवाओं के बीच खर्च करता हूं.

विभिन्न सगंठनों ने रवि का किया स्वागत: रवि साइकिल के जरिए हल्द्वानी, नैनीताल, चमोली, केदारनाथ, बदरीनाथ, अल्मोड़ा, बागेश्वर होते हुए बेरीनाग पहुंचे हैं. इसी बीच उनका पूर्व सैनिक संगठन, व्यापारियों और स्थानीय युवाओं ने फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया. इसी बीच रवि मेहता ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों से उत्तराखंड को खोखला करने में नशे के कुछ कारोबारी बड़े स्तर पर कार्य कर रहे हैं.

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