देहरादून/ पिथौरागढ़/काशीपुर/डोईवाला/हरिद्वार/ऋषिकेश: प्रदेश के पहाड़ी जिलों में हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा है. लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं. इसके साथ ही भूस्खलन और पहाड़ी दरकने से कई राजमार्ग भी प्रभावित हुए हैं. जिसके कारण लोगों को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग ने भी लगातार भारी बारिश के अलर्ट जारी किये हैं. गढ़वाल कमिश्नर का मानना है कि इस साल अधिक बारिश हो रही है, जिसके कारण मैदानी इलाकों में जगह-जगह पानी भरने की सूचना आई है. पहाड़ी इलाकों में लैंड स्लाइडिंग हुए हैं. इसके अलावा चारधाम प्रोजेक्ट में भी सड़क के कार्य मे बहुत प्रभाव पड़ा है. पीडब्ल्यूडी विभाग भी लगातार काम कर रहा है.
पिथौरागढ़ में 40 मकान खतरे की जद में
पिथौरागढ़ जिले में मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है. जिले के सीमांत क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के चलते जगह-जगह पहाड़ दरकने की खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं. बांसबगड़ के भौरिया छिर क्षेत्र में आज(बुधवार) सुबह से ही पहाड़ी टूट रही है. जिसका मलबा भुजगड़ नदी में समा रहा है. पहाड़ी के मलबे से नदी रौद्र रूप में बह रही ह. जिसके चलते बांसबगड़ क्षेत्र में नदी किनारे स्थित 40 मकान खतरे की जद में आ गए हैं. खतरे की जद में आये परिवारों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली है. बता दें कि 27 जुलाई की रात को भी बादल फटने से भुजगड़ नदी ने इलाके में जमकर तबाही मचाई थी. नदी में भारी मलबा आने से इलाके के आधा दर्जन मकान जमींदोज हो गए थे. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा नदी भी अलर्ट लेवल 293 मीटर से ऊपर 293.15 मीटर के लेवल पर बह रही है.
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सुबह से हो रही बारिश ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें
काशीपुर और आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश ने भी लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. यहां सुबह से हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव हो गया है. निकासी न होने से कई जगहों पर पानी ओवरफ्लो हो रहा है. मूसलाधार बारिश के बाद शहर के अधिकतर स्थानों पर जलभराव हो गया. शहर में मोहल्ला किला, मुंशीराम चौराहा, रतन सिनेमा रोड, मेन बाजार, महाराणा प्रताप चौक, सीतापुर आंखों के अस्पताल के सामने, कोतवाली के सामने, रेलवे स्टेशन रोड, जसपुर बस स्टैंड, मुरादाबाद रोड आदि स्थानों पर जलभराव हो गया.जलभराव ने नगर निगम की जलभराव से निपटने की समस्या की एक बार फिर पोल खोल कर रख दी. काशीपुर के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के चलते सिंचाई विभाग के ने ढेला नदी में 21 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा है. सुबह फीका नदी में 10 हजार 500 पानी छोड़ा गया.
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हरिद्वार में लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
हरिद्वार में भी बरसात के कारण गंगा नदी उफान पर है. गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. फिलहाल, गंगा अलर्ट लेवल 293 मीटर से ऊपर 293.15 मीटर के लेवल पर बह रही है, जो की खतरे के लेवल 294 मीटर से महज 85 सेंटीमीटर कम है. गंगा के इस रौद्र रूप को देखते हुए प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया है. प्रशासन गंगा के जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए है. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण गंगा के तटवर्ती इलाके और यूपी के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ लगातार गंगा के बढ़ते जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं. यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ विक्रांत सैनी का कहना है कि फिलहाल गंगा का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. गंगा अलर्ट लेवल से ऊपर 293.15 मीटर पर बह रही है.
ऋषिकेश में उफान पर गोयला नाला
ऋषिकेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं. गढ़ी मयचक क्षेत्र से होकर गुजरने वाले गोयला नाले के उफान से ग्रामीणों में दहशत है. 48 घंटे से हो रही बारिश की वजह से गोयला नाले पर ग्रामीणों की आवाजाही के लिए बने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है, जिससे ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो गया है. नाले में लगातार बढ़ते हुए उफान से आसपास निवास करने वाले ग्रामीण सहमे हुए हैं. ग्रामीणों ने सरकार से गांव में बाढ़ से सुरक्षा के स्थायी इंतजाम की मांग की है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि नाले की वजह से अगर गांव में जानमाल को नुकसान होता है, तो वह संबंधित विभाग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे.
ग्रामीणों के लिए आफत बना महादेव बरसाती नाला
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा डोईवाला के भोगपुर में महादेव बरसाती नाला ग्रामीणों के लिए आफत बना हुआ है. ग्रामीण कई वर्षों से इसके समाधान की मांग कर रहे हैं लेकिन आजतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके बाद अब ग्रामीणों ने नाले के ऊपर सांकेतिक धरना दिया है. बरसात के दिनों में महादेव नाला ग्रामीणों के लिए आफत लेकर आता है. इस नाले के कारण कई गांवों का संपर्क मार्ग कट जाता है. इस नाले का पानी ग्रामीणों के घरों में घुस जाता है. जिसके कारण ग्रामीण कई सालों से सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
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ग्रामीणों ने दिया सांकेतिक धरना
इस मामले को हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी डाली गई थी लेकिन प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की सिर्फ खानापूर्ति की. जिससे स्थिति वैसी ही बनी है. ग्रामीणों का कहना है कि इस बरसाती नाले से कई गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा बरसाती नाले का सारा पानी घरों में घुस रहा है. किसानों की फसलें खराब हो रही हैं. बच्चों को स्कूल आने जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद भी इस गंभीर समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जिसे देखते हुए अब ग्रामीणों ने बरसाती नाले की ऊपर सरकार को जगाने के लिए सांकेतिक धरना दिया.
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वहीं, इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मामले को उच्चाधिकारियों को बता दिया है. समस्या के समाधान की कोशिशें की जा रही हैं. फिलहाल बरसाती नाले के पानी की निकासी के लिए मशीनों के जरिए रास्ता बनाया जा रहा है.