पिथौरागढ़: उत्तराखंड मूल के न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी प्रफुल्ल चंद्र पंत 3 साल तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं, जबकि 2019 में पंत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य चुने गए थे. न्यायामूर्ति पंत उत्तराखंड मूल की पहली शख्सियत हैं, जो जिला कोर्ट के न्यायाधीश से लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आदि अहम पदों पर रहे हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिथौरागढ़ मूल के न्यायामूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. इस उपलब्धि पर पंत के गृह जनपद में हर्ष का माहौल है.
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पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी पंत का जन्म 30 अगस्त 1952 को हुआ था. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की. लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली. न्यायमूर्ति पंत ने 1973 में बार काउंसिल इलाहाबाद और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की. 1990 में उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा में पदोन्नत किया गया. न्यायमूर्ति पंत हाईकोर्ट नैनीताल के रजिस्ट्रार जनरल भी बने तथा जिला और सत्र न्यायाधीश नैनीताल भी रहे.
पंत ने 29 जून 2004 को नैनीताल हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश पद की शपथ ली. 19 फरवरी 2008 को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. 20 सितंबर, 2013 को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला. 13 अगस्त, 2014 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ ली और 29 अगस्त 2017 तक कार्यरत रहे. न्यायमूर्ति पंत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य के रूप में 22 अप्रैल 2019 को नियुक्त हुए थे.