भिक्षा नहीं, शिक्षा दें: पिथौरागढ़ पुलिस का ऑपरेशन मुक्ति, 11 बच्चों का स्कूल में कराया एडमिशन - पिथौरागढ़ समाचार
उत्तराखंड पुलिस ऑपरेशन मुक्ति के तहत भिक्षा नहीं, शिक्षा दें अभियान चलाती है. इस अभियान के तहत जिन बच्चों का स्कूल किसी कारण से छूट जाता है, उन्हें दोबारा स्कूल में प्रवेश दिलाया जाता है. पिथौरागढ़ पुलिस ने दो दिन के अभियान में ही ऐसे 11 बच्चों को चिन्हित किया है.
पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की पुलिस पुलिसिंग के साथ-साथ सामाजिक दायित्व भी निभा रही है. पिथौरागढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन मुक्ति (भिक्षा नहीं शिक्षा दें) के तहत शिक्षा से वंचित 11 बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया है. साथ ही पुलिस विभाग ने इन बच्चों की स्कूल के किताबें, कॉपी, ड्रेस उपलब्ध करा स्कूल में एडमिशन दिलाया है.
भिक्षा नहीं, शिक्षा दें अभियान: एसपी पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन मुक्ति के तहत जनपद पिथौरागढ़ में अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत सभी थाना, पुलिस चौकी क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी बच्चा अगर शिक्षा से वंचित है, तो उसको शिक्षा दिलाई जाए. उन्होंने कहा कि कई बार देखा जा रहा है कि बच्चों के परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं या बच्चे गलत संगत या किसी अन्य कारण के चलते स्कूल छोड़ चुके हैं. ऐसे बच्चों का चिन्हीकरण कर पुनः स्कूल में दाखिला कराया जा रहा है. जिससे कि बच्चे देश का भविष्य बन सकें.
स्कूल नहीं जाने वाले 11 बच्चे चिन्हित: एसपी ने कहा कि 2 दिन तक चलाए गए अभियान के तहत 11 बच्चों को चिन्हित किया गया है. कोरोना काल में इन बच्चों का स्कूल छूट गया था. अब पुनः इन बच्चों के अभिभावकों से बात कर इन्हें स्कूल भेजने का काम किया किया गया है. 4 बच्चों को प्राथमिक विद्यालय टाउन तथा दो बच्चों को आंगनबाड़ी जबकि 2 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय थप्पड़पाटा में दाखिल कराया गया है. 3 बच्चों को अन्य स्कूलों में दाखिल करने की कार्रवाई चल रही है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोई भी बच्चा भिक्षावृत्ति अथवा मजदूरी में लिप्त पाया जाता है तो उसके भविष्य को देखते हुए इसकी जानकारी पुलिस को दे दें. जिससे कि इन बच्चों को स्कूल में दाखिला दिला कर उनको अच्छी शिक्षा दिलाई जा सके.
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उन्होंने कहा कि सभी थाना, चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में शिक्षा से वंचित बच्चों को चिन्हित कर उनको कॉपी, किताब, ड्रेस के अलावा स्टेशनरी उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत पूर्व में कई बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया जा चुका है.