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सरकारी अस्पतालों में इलाज कराना हुआ महंगा, लोगों ने डीएम कार्यालय में किया प्रदर्शन

जिले में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और अल्ट्रासाउंड की फीस बढ़ने से अब गरीबों के लिए इलाज कराना महंगा हो गया है. इसके चलते प्रदर्शनकारियों ने विरोध कर वृद्धि शुल्क वापस लेने की मांग की है.

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराना हुआ महंगा.
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Published : Sep 25, 2019, 5:02 PM IST

पिथौरागढ़: सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की पर्ची से लेकर अल्ट्रासांउड तक की फीस महंगी होने का विरोध तेज होने लगा है. जिले में विभिन्न संगठनों ने डीएम ऑफिस में प्रदर्शन कर सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सरकार के इस कदम से आम और गरीब लोगों के लिए इलाज कराना मुश्किल हो गया है.

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराना हुआ महंगा.

सरकारी अस्पतालों में अब उपचार महंगा हो गया है. जिला अस्पताल में पर्ची, भर्ती फीस, बैड चार्ज, अल्ट्रासाउंड सहित विभिन्न जांचों के शुल्क में दोगनी वृद्धि हुई है. मूल्य वृद्धि होने से सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. सरकारी अस्पताल में सस्ते उपचार की उम्मीद लेकर पहुंचने वाले रोगियों के हाथ निराशा लग रही है. अब जिला अस्पताल के प्राईवेट वार्ड में रोगियों को भर्ती होने से पूर्व ही दो हजार रुपये जमा करने होंगे.

ये भी पढ़ें: क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई में शामिल 11 साल की रिद्धिमा पांडे, UN में दर्ज कराई है शिकायत

बता दें कि सरकारी अस्पतालों में पर्ची का मूल्य 23 रुपये से बढ़कर 60 रुपये हो गया है. पूर्व में जहां भर्ती के बाद तीन दिनों तक बैड चार्ज निशुल्क था. वहीं, अब रोगियों को प्रतिदिन 50 रुपये देने होंगे. सरकार के इस फैसले के विरोध में नगरपालिका सभासद, छात्र संघ और विभिन्न संगठन आगे आए हैं. लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय के आगे प्रदर्शन किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये जनविरोधी फैसला वापस नहीं लिया गया तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

पिथौरागढ़: सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की पर्ची से लेकर अल्ट्रासांउड तक की फीस महंगी होने का विरोध तेज होने लगा है. जिले में विभिन्न संगठनों ने डीएम ऑफिस में प्रदर्शन कर सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सरकार के इस कदम से आम और गरीब लोगों के लिए इलाज कराना मुश्किल हो गया है.

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराना हुआ महंगा.

सरकारी अस्पतालों में अब उपचार महंगा हो गया है. जिला अस्पताल में पर्ची, भर्ती फीस, बैड चार्ज, अल्ट्रासाउंड सहित विभिन्न जांचों के शुल्क में दोगनी वृद्धि हुई है. मूल्य वृद्धि होने से सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. सरकारी अस्पताल में सस्ते उपचार की उम्मीद लेकर पहुंचने वाले रोगियों के हाथ निराशा लग रही है. अब जिला अस्पताल के प्राईवेट वार्ड में रोगियों को भर्ती होने से पूर्व ही दो हजार रुपये जमा करने होंगे.

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बता दें कि सरकारी अस्पतालों में पर्ची का मूल्य 23 रुपये से बढ़कर 60 रुपये हो गया है. पूर्व में जहां भर्ती के बाद तीन दिनों तक बैड चार्ज निशुल्क था. वहीं, अब रोगियों को प्रतिदिन 50 रुपये देने होंगे. सरकार के इस फैसले के विरोध में नगरपालिका सभासद, छात्र संघ और विभिन्न संगठन आगे आए हैं. लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय के आगे प्रदर्शन किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये जनविरोधी फैसला वापस नहीं लिया गया तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

Intro:पिथौरागढ़:सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की पर्ची से लेकर अल्ट्रासांउड तक की फीस मंहगी होने का विरोध तेज होने लगा है। पिथौरागढ़ में विभिन्न संगठनों ने डीएम ऑफिस में प्रदर्शन कर सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के इस कदम से आम और गरीब लोगों के लिए इलाज कराना मुश्किल हो गया है।

Body:सरकारी अस्पतालों में अब उपचार महंगा हो गया है। जिला अस्पताल में पर्ची, भर्ती फीस, बैड चार्ज, अल्ट्रासाउंड सहित विभिन्न जाचों के शुल्क में दुगनी वृद्धि हुई है। मूल्य वृद्धि होने से सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ा है। सरकारी अस्पताल में सस्ते उपचार की उम्मीद लेकर पहुंचने वाले रोगियों को निराशा हाथ लगी है। अब जिला अस्पताल के प्राईवेट वार्ड में रोगियों को भर्ती होने से पूर्व ही दो हजार रूपये जमा करने होंगे। पर्ची का मूल्य 23 रूपये से बढ़कर 60 रूपये हो गया है। पूर्व में जहां भर्ती के बाद तीन दिनों तक बैड चार्ज निशुल्क था वहीं अब रोगियों को प्रतिदिन 50 रूपये देने होंगे। सरकार के इस फैसले के विरोध में नगरपालिका सभासद, छात्र संघ और विभिन्न संगठन आगे आये है। लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय के आगे प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने अगर ये जनविरोधी फैसला वापस नही लिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

Byte: कमल सूंठा, प्रदर्शनकारीConclusion:
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