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पिथौरागढ़ में बुरी फंसी कांग्रेस, जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नहीं मिल रहा उम्मीदवार

पिथौरागढ़ में कांग्रेस बुरी तरह फंस गई है. यहां आरक्षण की वजह से कांग्रेस को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं.

पिथौरागढ़
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Published : Oct 25, 2019, 8:59 PM IST

पिथौरागढ़: जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर बन गया है, फिलहाल यहां अध्यक्ष का पद महिला ओबीसी सदस्य के लिए आरक्षित किया गया है. ऐसे में 33 सदस्यों की जिला पंचायत में सिर्फ 2 ही महिला ओबीसी दावेदार जीती हैं. आलम ये है कि जीती हुई दोनों ही सदस्य बीजेपी समर्थित हैं. अब हालात ये हैं कि कांग्रेस के लिए अध्यक्ष का दावेदार खोजना भी भारी पड़ रहा है.

कांग्रेस की दबदबे वाली पिथौरागढ़ जिला पंचायत सीट में इस बार पंजा बूरी तरह फंस गया है. जिला पचांयत के नंबर गेम में तो बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस पिछड़ी ही थी, लेकिन अध्यक्ष पद के लिए जारी अनंतिम आरक्षण ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा. पिथौरागढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष पद को इस बार महिला ओबीसी सदस्य के लिए आरक्षित किया गया है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि कांग्रेस की कोई भी महिला ओबीसी दावेदार जिला पंचायत सदस्य भी नहीं बन पाई, जिस कारण बीजेपी पहले से ही जीत का जश्न मना रही है.

बता दें, 33 सदस्यों की जिला पंचायत में इस बार दीपिका बोरा और नेहा बोरा ही ओबीसी महिला सदस्य हैं. ये दोनों भाजपा की समर्थित उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरी थीं. ऐसे में यह तय है कि इन दोनों महिला सदस्यों में से ही एक के सिर अध्यक्ष का ताज सजना है. ऐसे में जाहिर है कि कांग्रेस को अध्यक्ष के एक अदद उम्मीदवार के लिए भी तरसना पड़ सकता है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं

पढ़ें- हरदा के खिलाफ FIR के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस की उम्मीद अब पूरी तरह 29 अक्टूबर को जारी होने वाली अंतिम आरक्षण सूची पर टिकी है. अगर इस सूची में कोई बदलाव होता है तो ही पिथौरागढ़ अध्यक्ष पद पर मुकाबले के आसार बन सकते हैं, नहीं तो तय है कि बीजेपी के दोनों हाथों में लड्डू है और कांग्रेस की झोली खाली है.

पिथौरागढ़: जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर बन गया है, फिलहाल यहां अध्यक्ष का पद महिला ओबीसी सदस्य के लिए आरक्षित किया गया है. ऐसे में 33 सदस्यों की जिला पंचायत में सिर्फ 2 ही महिला ओबीसी दावेदार जीती हैं. आलम ये है कि जीती हुई दोनों ही सदस्य बीजेपी समर्थित हैं. अब हालात ये हैं कि कांग्रेस के लिए अध्यक्ष का दावेदार खोजना भी भारी पड़ रहा है.

कांग्रेस की दबदबे वाली पिथौरागढ़ जिला पंचायत सीट में इस बार पंजा बूरी तरह फंस गया है. जिला पचांयत के नंबर गेम में तो बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस पिछड़ी ही थी, लेकिन अध्यक्ष पद के लिए जारी अनंतिम आरक्षण ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा. पिथौरागढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष पद को इस बार महिला ओबीसी सदस्य के लिए आरक्षित किया गया है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि कांग्रेस की कोई भी महिला ओबीसी दावेदार जिला पंचायत सदस्य भी नहीं बन पाई, जिस कारण बीजेपी पहले से ही जीत का जश्न मना रही है.

बता दें, 33 सदस्यों की जिला पंचायत में इस बार दीपिका बोरा और नेहा बोरा ही ओबीसी महिला सदस्य हैं. ये दोनों भाजपा की समर्थित उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरी थीं. ऐसे में यह तय है कि इन दोनों महिला सदस्यों में से ही एक के सिर अध्यक्ष का ताज सजना है. ऐसे में जाहिर है कि कांग्रेस को अध्यक्ष के एक अदद उम्मीदवार के लिए भी तरसना पड़ सकता है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं

पढ़ें- हरदा के खिलाफ FIR के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस की उम्मीद अब पूरी तरह 29 अक्टूबर को जारी होने वाली अंतिम आरक्षण सूची पर टिकी है. अगर इस सूची में कोई बदलाव होता है तो ही पिथौरागढ़ अध्यक्ष पद पर मुकाबले के आसार बन सकते हैं, नहीं तो तय है कि बीजेपी के दोनों हाथों में लड्डू है और कांग्रेस की झोली खाली है.

Intro:पिथौरागढ़: जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होना कांग्रेस के लिए टेड़ी खीर बन गया है। फिलहाल यहां अध्यक्ष का पद महिला ओबीसी सदस्य के लिए आरक्षित किया गया है। ऐसे में 33 सदस्यों की जिला पंचायत में सिर्फ 2 ही महिला ओबीसी दावेदार जीतीं हैं। आलम ये है कि जीतीं दोनों ही सदस्य भाजपा समर्थित हैं। अब हालात ये हो गए हैं कि कांग्रेस के लिए अध्यक्ष का दावेदार भी खोजना भी भारी पड़ रहा है।

एक दौर में कांग्रेस की दबदबे वाली पिथौरागढ़ जिला पंचायत में इस बार पंजा बूरी तरह फंस गया है। जिला पचांयत के नम्बर गेम में तो भाजपा के मुकाबले कांग्रेस पिछड़ी ही थी। लेकिन अध्यक्ष पद के लिए जारी अनंतिम आरक्षण ने उसे कहीं का नही छोड़ा। पिथौरागढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष पद को इस बार महिला ओबीसी सदस्य के लिए आरक्षित किया गया है। लेकिन हैरानी इस बात की है कि कांग्रेस की कोई भी महिला ओबीसी दावेदार जिला पंचायत सदस्य भी नही बन पाई। जिस कारण भाजपा चुनाव से पहले ही जीत के जश्न में हैं।

Body:33 सदस्यों की जिला पंचायत में इस बार दीपिका बोरा और नेहा बोरा ही ओबीसी महिला सदस्य हैं। ये दोनों भाजपा की समर्थित उम्मीदवार के बतौर चुनावी मैदान में उतरी थीं। ऐसे में ये तय है कि इन दोनों महिला सदस्यों में से ही एक के सर अध्यक्ष का ताज बंधना है। ऐसे में जाहिर है कि कांग्रेस को अध्यक्ष के एक अदद उम्मीदवार के लिए भी तरसना पड़ सकता है।

कांग्रेस की उम्मीद अब पूरी तरह 29 अक्टूबर को जारी होने वाली अंतिम आरक्षण सूचि पर टिकी है। अगर इस सूची में कोई बदलाव होता है कि पिथौरागढ़ अध्यक्ष पद पर मुकाबले के आसार बन सकते हैं। नही तो तय है कि भाजपा के दोनों हाथों में हाथों में लड्डू हैं और कांग्रेस की झोली खाली है।

Byte1: एमडी जोशी, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
Byte2: केदार जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा





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