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पिथौरागढ़ उपचुनाव: बीजेपी की जीत ने हरदा के लिए खड़ी की मुश्किलें, कांग्रेस की खींचतान आई सामने

पिथौरागढ़ उपचुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान बाहर आ गई. जिसका नुकसान पार्टी को ये सीट गंवाकर भुगतना पड़ा.

harish rawat
हरीश रावत
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Published : Nov 29, 2019, 6:40 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 7:03 PM IST

देहरादून: पिथौरागढ़ उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत ने कांग्रेस उम्मीदवार अंजु लुंठी को तीन हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. इस जीत से जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहत की सांस ली है. वहीं बीजेपी की इस जीत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत की मुश्किलें खड़ी कर दी है.

जैसा कि सभी जानते हैं कि उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मीडिया के माध्यम से हरीश रावत से अपील की थी कि वे अपने बेटे की शादी की वजह से चुनाव के प्रचार-प्रसार समय नहीं दे पाएंगे. ऐसे में हरीश रावत लगभग दस दिन तक पिथौरागढ़ में ही रहने की कृपा करें. हालांकि, ये पत्र लिखकर प्रदेश अध्यक्ष ने ये साफ कर दिया था कि पार्टी जीते या हारे इसका ठीकरा किसके सिर पर फूटेगा.

पढ़ें- उत्तरकाशी में बारातियों से भरी मैक्स दुर्घटनाग्रस्त, तीन की मौत, 7 घायल

बता दें कि फरवरी 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को हटाने के बाद हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. आम चुनाव 2014 में डोइवाला से तत्कालीन विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से विजयी हुए थे, तब उन्होंने डोइवाला सीट छोड़ी थी. फिर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोइवाला से न लड़कर अपने लिए सुरक्षित सीट की उम्मीद में तत्कालीन धारचूला विधायक हरीश धामी से इस्तीफा दिलवाकर अपनी विधानसभा में प्रवेश सुनिश्चित किया था. तब से ऐसा माना जा रहा था कि हरीश रावत की कुमाऊं पर अच्छी पकड़ है और उन्हें उन्हीं के गढ़ में यानि पिथौरागढ़ में हरा पाना मुश्किल होगा.

पढ़ें- तेलंगाना में डॉक्टर से गैंगरेप के बाद हत्या, चार आरोपी गिरफ्तार

ऐसे माहौल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की गई विशेष अपील ने पार्टी के अंदर चल रही आपसी खींचतान उजागर कर दी थी. आज उस घटना का पटाक्षेप हो गया और दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को लोगों की सहानुभूति मिली और वे इस सीट पर काबिज हुई. लिहाजा, एक बात साफ हो जाती है कि हरीश रावत की कुमाऊं पर पकड़ अब समय के साथ-साथ ढीली पड़ गई है और उनके गढ़ पर बीजेपी का विजय पताका लहरा रहा है.

देहरादून: पिथौरागढ़ उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत ने कांग्रेस उम्मीदवार अंजु लुंठी को तीन हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. इस जीत से जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहत की सांस ली है. वहीं बीजेपी की इस जीत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत की मुश्किलें खड़ी कर दी है.

जैसा कि सभी जानते हैं कि उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मीडिया के माध्यम से हरीश रावत से अपील की थी कि वे अपने बेटे की शादी की वजह से चुनाव के प्रचार-प्रसार समय नहीं दे पाएंगे. ऐसे में हरीश रावत लगभग दस दिन तक पिथौरागढ़ में ही रहने की कृपा करें. हालांकि, ये पत्र लिखकर प्रदेश अध्यक्ष ने ये साफ कर दिया था कि पार्टी जीते या हारे इसका ठीकरा किसके सिर पर फूटेगा.

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बता दें कि फरवरी 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को हटाने के बाद हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. आम चुनाव 2014 में डोइवाला से तत्कालीन विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से विजयी हुए थे, तब उन्होंने डोइवाला सीट छोड़ी थी. फिर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोइवाला से न लड़कर अपने लिए सुरक्षित सीट की उम्मीद में तत्कालीन धारचूला विधायक हरीश धामी से इस्तीफा दिलवाकर अपनी विधानसभा में प्रवेश सुनिश्चित किया था. तब से ऐसा माना जा रहा था कि हरीश रावत की कुमाऊं पर अच्छी पकड़ है और उन्हें उन्हीं के गढ़ में यानि पिथौरागढ़ में हरा पाना मुश्किल होगा.

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ऐसे माहौल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की गई विशेष अपील ने पार्टी के अंदर चल रही आपसी खींचतान उजागर कर दी थी. आज उस घटना का पटाक्षेप हो गया और दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को लोगों की सहानुभूति मिली और वे इस सीट पर काबिज हुई. लिहाजा, एक बात साफ हो जाती है कि हरीश रावत की कुमाऊं पर पकड़ अब समय के साथ-साथ ढीली पड़ गई है और उनके गढ़ पर बीजेपी का विजय पताका लहरा रहा है.

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पिथौरागढ़ उपचुनाव मे भाजपा की विजय और पूर्व एवं दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत ने कांग्रेस की उम्मीदवार अंजु लुंठी लगभग तीन हजार मतों से पराजित किया. इसके साथ ही निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने राहत की सांस ली तो वही कांग्रेस के सबसे चर्चित नेता और पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है.



जैसा कि हम सभी जानते हैं कि निवर्तमान उतराखंड़ के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मी़डिया के माध्यम से हरीश रावत से अपील की थी कि वे अपने बेटे की शादी की वजह से चुनाव के प्रचार प्रसार शिरकत नहीं कर पांएगे लिहाजा आप लगभग दस दिन तक पिथौरागढ़ में ही रहने की कृपा करें. हालांकि यह पत्र लिखकर प्रदेश अध्यक्ष ने यह क्लीयर कर दिया था कि पार्टी जीते या हारे इसका ठीकरा किसके सर फुटेगा. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि फरवरी 2014 मे तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगूणा को हटाने के बाद हरीश रावत उतराखंड़ के मुख्य़मंत्री बने थे. आम चुनाव 2014 मे तत्कालीन विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा चुनाव मे विजयी हूए थे तब डोईवाला सीट छोडी थी फिर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने लिए सुरक्षित सीट की उम्मीद मे तत्कालीन धारचुला विधायक हरीश धामी से इस्तीफा दिलवाकर अपनी विधानसभा मे प्रवेश सुनिश्चित करी थी. ऐसा माना जा रहा था कि हरीश रावत कुंमायुं के शेर हैं और उन्हें पिथौरागढ़ मे हरा पाना मुश्किल होगा.



ऐसे माहौल मे प्रदेश अध्यक्ष द्वारा की गई विशेष अपील कांग्रेस के अंदर चल रही रस्साकशी उजागर कर दी थी. आज उस घटना का पटाक्षेप हो गया और दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को लोगों ने सहानुभूति मतों से विजयी बनाया वहीं लोगों ने इस बात को दुहराया कि हरीश रावत का कुमांयुं रूपी किला पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अध्यक्ष ने पत्र लिखकर हरीश रावत से गुहार लगाई थी. हालांकि प्रीतम सिंह ने मीडिया मे बयान दिया कि अंजु लुठी भाजपा प्रत्याशी चंद्र पंत से हार गई क्योंकि लोगो की सहानुभूति दिवंगत प्रकाश पंत के साथ थी


Conclusion:
Last Updated : Nov 29, 2019, 7:03 PM IST
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