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पिथौरागढ़: गुलदार और भालू की दशहत, खौफ से साये में जीने को मजबूर ग्रामीण

पिथौरागढ़ के गांवों में ही नहीं बल्कि, शहर में भी गुलदार और भालू का आतंक फैला हुआ है. गुलदार के हमलों से जहां एक महिला की मौत हुई है. वहीं, आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर घायल भी हुए हैं.

पिथौरागढ़ के गांवों में ही नहीं बल्कि, शहर में भी गुलदार का आतंक फैला हुआ है.
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Published : Sep 14, 2019, 7:54 PM IST

पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय और उससे सटे गांवों में जंगली जानवरों की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा है. आलम ये है कि ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर है. वहीं, बीते दिनों गुलदार के हमले में जहां एक महिला की मौत हुई थी, वहीं, आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं.

जिला मुख्यालय और उससे सटे गांवों में जंगली जानवरों की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा .

ग्रामीणों को जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए वैसे तो वन महकमे आसपास के इलाके में कई पिंजरें लगाए हैं. लेकिन अभीतक विभाग की कोई भी कोशिश परवान चढ़ती नहीं दिख रही है. बीते एक महीने से पिथौरागढ़ शहर और उससे सटे इलाकों में गुलदार का खौफ बना हुआ है.

इतना ही नहीं बीते दिनों पपदेव में जहां एक महिला को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था. वहीं, गुलदार ने दो लोगों पर जानलेवा कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. अन्य इलाकों में भी गुलदार कई लोगों पर हमला कर चुका है. जबकि, मवेशियों को आए दिन गुलदार अपना शिकार बना रहा है.

यह भी पढ़ें-पिथौरागढ़: दोबार शुरू हुई हवाई सेवा, 9 यात्री लेकर एयरपोर्ट पहुंचा प्लेन

क्षेत्र में गुलदार ही नहीं भालू का आतंक भी बना हुआ है. भालू के हमले में कई लोग घायल भी हो चुके हैं. वहीं, गुजरे पखवाड़े में यहां रिहायशी इलाकों में दो शावक भी पकड़े गए. माना जा रहा है कि इन शावकों की मां ने ही अपने बच्चों की तलाश में आंतक मचाया है.

ये पहला मौका है जब आबादी से घिरे पिथौरागढ़ शहर में जंगली जानवरों का आतंक दिखाई दे रहा है. ऐसे में अगर जल्द ही वन महकमें ने इन पर काबू नहीं पाया तो तय है कि लोगों की दिक्कतें बढ़ती रहेंगी और खौफ के साए में जीने को मजबूर हजारों लोगों की जिंदगी पर हर पल खतरा भी मंडराता रहेगा.

पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय और उससे सटे गांवों में जंगली जानवरों की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा है. आलम ये है कि ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर है. वहीं, बीते दिनों गुलदार के हमले में जहां एक महिला की मौत हुई थी, वहीं, आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं.

जिला मुख्यालय और उससे सटे गांवों में जंगली जानवरों की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा .

ग्रामीणों को जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए वैसे तो वन महकमे आसपास के इलाके में कई पिंजरें लगाए हैं. लेकिन अभीतक विभाग की कोई भी कोशिश परवान चढ़ती नहीं दिख रही है. बीते एक महीने से पिथौरागढ़ शहर और उससे सटे इलाकों में गुलदार का खौफ बना हुआ है.

इतना ही नहीं बीते दिनों पपदेव में जहां एक महिला को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था. वहीं, गुलदार ने दो लोगों पर जानलेवा कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. अन्य इलाकों में भी गुलदार कई लोगों पर हमला कर चुका है. जबकि, मवेशियों को आए दिन गुलदार अपना शिकार बना रहा है.

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क्षेत्र में गुलदार ही नहीं भालू का आतंक भी बना हुआ है. भालू के हमले में कई लोग घायल भी हो चुके हैं. वहीं, गुजरे पखवाड़े में यहां रिहायशी इलाकों में दो शावक भी पकड़े गए. माना जा रहा है कि इन शावकों की मां ने ही अपने बच्चों की तलाश में आंतक मचाया है.

ये पहला मौका है जब आबादी से घिरे पिथौरागढ़ शहर में जंगली जानवरों का आतंक दिखाई दे रहा है. ऐसे में अगर जल्द ही वन महकमें ने इन पर काबू नहीं पाया तो तय है कि लोगों की दिक्कतें बढ़ती रहेंगी और खौफ के साए में जीने को मजबूर हजारों लोगों की जिंदगी पर हर पल खतरा भी मंडराता रहेगा.

Intro:पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय और उससे सटे गांवों में जंगली जानवरों की दहशत बनी हुई है। आलम ये है कि लोग खुद को बचाने के लिए शाम होने से पहले ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं। बीते दिनों यहां लेपर्ट के हमलों में जहां एक महिला की मौत हुई है, वहीं आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर घायल भी हुए है। कहने को वन महकमें ने लेपर्ट को पकड़ने में कई पिंजरें लगाए हैं। लेकिन अभी तक विभाग की कोई भी कोशिश परवान चढ़ती नही दिख रही है।

Body:बीते एक महीने से पिथौरागढ़ शहर और उससे सटे इलाकों में लेपर्ट का खौफ बना हुआ है। आए दिन लोगों को लेपर्ट दिख रहा है। यही नही लेपर्ट ने पपदेव में जहां एक महिला को मौत की घाट उतारा है वहीं दो लोगों को घायल भी कर डाला। शहर के अन्य इलाकों में भी कईयों पर लेपर्ट हमला कर चुका है। लेपर्ट के हमले में मरे मवेशियों के शव भी आए दिन शहर में दिखाई दे रहे हैं। जिससे लोगों के खौफ में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर से सटे गांवों में आए दिन भालू का आंतक भी दिखाई दे रहा है। भालू के हमले में भी कई लोग घायल हो चुके हैं। गुजरे पखवाड़े में यहां रिहायशी इलाकों में दो शावक भी पकड़े गए। माना जा रहा है कि इन शावकों की मां ने ही अपने बच्चों की तलाश में आंतक मचाया है।

ये पहला मौका है जब आबादी से घिरे पिथौरागढ़ शहर में जंगली जानवरों का आतंक दिखाई दे रहा है। ऐसे में अगर जल्द ही वन महकमें ने इन पर काबू नही पाया तो तय है कि लोगों की दिक्कतें बढ़ती रहेंगी और खौफ के साए में जीने को मजबूर हजारों लोगों की जिंदगी पर हर पल खतरा भी मंडराता रहेगा।

Byte: एके श्रीवास्तव, एडीएफओ, पिथौरागढ़
Conclusion:
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